Jemimah Rodrigues: भारत की शेरनी ने कैसे बदला महिला वर्ल्ड कप का इतिहास 

Jemimah Rodrigues

महिला क्रिकेट विश्व में 2025 का सेमीफाइनल मुकाबला एक ऐतिहासिक पल बन गया जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर रिकॉर्ड चेज़ के साथ फाइनल में जगह बनाई। इस जीत के केंद्र में रहीं भारत की धाकड़ बल्लेबाज़ जेमिमा रॉड्रिग्स (Jemimah Rodrigues), जिनकी नाबाद 127 रनों की पारी ने न केवल मैच बल्कि पूरे टूर्नामेंट का रुख बदल दिया।

ऑस्ट्रेलिया का “Un-Australian” प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली (Alyssa Healy) ने मैच के बाद कहा – “ये प्रदर्शन थोड़ा अन-ऑस्ट्रेलियन था।” दरअसल, सात बार की विश्व विजेता टीम ने 338 रन बनाकर भी जीत खो दी। फोबी लिचफील्ड की शानदार शतक से टीम ने बढ़िया शुरुआत की, लेकिन गेंदबाज़ी और फील्डिंग में कई गलतियाँ भारी पड़ीं।

हीली और ताहलिया मैक्ग्रा ने आसान कैच छोड़ दिए – और वो भी किसका? जेमिमा रॉड्रिग्स का! यह वही पारी थी जिसने महिला क्रिकेट इतिहास में नई कहानी लिख दी।

Jemimah Rodrigues की ऐतिहासिक पारी

जब भारत की पारी लड़खड़ा रही थी, तब जेमिमा रॉड्रिग्स ने एक मजबूत नींव रखी। उन्होंने आत्मविश्वास और धैर्य से खेलते हुए न केवल टीम को संभाला, बल्कि एक शानदार चेज़ की अगुवाई की। उनका 127* रन का स्कोर महिला वर्ल्ड कप नॉकआउट मैच में भारत के लिए सबसे बड़ी पारी में से एक है।

उन्होंने गेंद को बेहतरीन टाइमिंग से खेला, गैप्स खोजे और रन बनाते हुए ऑस्ट्रेलिया की मजबूत गेंदबाज़ी को धराशायी कर दिया। उनकी इस पारी को “महिला क्रिकेट की महेंद्र सिंह धोनी स्टाइल” भी कहा जा सकता है – शांत, सोच-समझकर और मैच फिनिशिंग अंदाज़ में।

ऑस्ट्रेलिया की गलतियाँ और भारत की वापसी

ऑस्ट्रेलिया की टीम इस मैच में अपनी पारंपरिक सटीकता खो बैठी। गेंदबाज़ों ने कई गेंदें लेग साइड पर फेंकी, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों को आसान रन मिले। वहीं, फील्डिंग में चूक ने जीत उनसे छीन ली।

हीली ने माना – “हमने मौकों को भुनाया नहीं। हमने खुद को ही नुकसान पहुँचाया। भारत ने शानदार क्रिकेट खेला, और हमें इससे सीख लेनी होगी।”

हीली की ईमानदार प्रतिक्रिया

हीली ने आगे कहा, “हमारे पास मौके थे, लेकिन हम उन्हें भुना नहीं पाए। फील्डिंग में गिरावट ने मैच की दिशा बदल दी। शायद सेमीफाइनल का दबाव था या एकाग्रता की कमी। पर सच्चाई यह है कि जेमिमा रॉड्रिग्स ने हमें कोई मौका नहीं दिया।”

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह हार “थोड़ी अन-ऑस्ट्रेलियन” थी — क्योंकि यह वही टीम है जो दशकों से बड़े मौकों पर अपनी ठंडे दिमाग की क्रिकेट के लिए जानी जाती है।

2017 की याद और 2025 की प्रेरणा

दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया को पिछली बार ODI वर्ल्ड कप में भारत से ही हार का सामना करना पड़ा था — साल 2017 में, जब हरमनप्रीत कौर ने शतक जड़ा था। उस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम को नए सिरे से गढ़ा और हर टूर्नामेंट में कब्जा जमाया।

अब 2025 की यह हार उनके लिए फिर से आत्ममंथन का मौका है। लेकिन इस बार की जीत भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत है – जेमिमा रॉड्रिग्स जैसे सितारों के युग की।

हीली का भविष्य दृष्टिकोण

हार के बावजूद, हीली ने महिला क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा, “यह टूर्नामेंट अब तक का सबसे संतुलित रहा है। आठ टीमें फाइनल की दौड़ में थीं, और यह बताता है कि महिला क्रिकेट कितना आगे आ चुका है।”

उन्होंने जोड़ा, “भारत या दक्षिण अफ्रीका में से कोई भी नया चैंपियन बनेगा, और यह पूरे महिला क्रिकेट के लिए शानदार संकेत है। भारत में फाइनल होना और घरेलू दर्शकों के सामने खेलना एक ऐतिहासिक पल होगा।”

जेमिमा रॉड्रिग्स: भारत की नई प्रेरणा

आज भारत की हर युवा क्रिकेटर जेमिमा रॉड्रिग्स को देख रही है। उनकी तकनीक, मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास हर खिलाड़ी के लिए मिसाल है। उन्होंने साबित कर दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी से कम नहीं है।

उनकी पारी ने न केवल भारत को फाइनल में पहुँचाया, बल्कि यह भी दिखाया कि अब महिला क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ी मैच विनर की भूमिका में हैं। उनकी पारी आने वाले वर्षों तक याद रखी जाएगी।

निष्कर्ष

यह मैच सिर्फ एक सेमीफाइनल नहीं था — यह एक संदेश था कि महिला क्रिकेट में भारत की बेटियाँ अब हर मोर्चे पर तैयार हैं।
जेमिमा रॉड्रिग्स ने अपने बल्ले से वो कर दिखाया जो कई सालों से भारतीय क्रिकेट चाह रहा था — बड़े मंच पर, दबाव के वक्त, शांत दिमाग से जीत हासिल करना।

ऑस्ट्रेलिया शायद अपनी गलतियों से सीख लेगा, लेकिन इस जीत ने भारत के क्रिकेट इतिहास में जेमिमा रॉड्रिग्स का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है।

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