Thursday, July 17, 2025
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इजराइल ने दमिश्क में सीरियाई सैन्य मुख्यालय पर हमला किया, स्वेइडा में बढ़ती तनाव की स्थिति

इजराइल ने सीरियाई सैन्य मुख्यालय पर हमला किया

सीरिया के चल रहे संघर्ष में एक और महत्वपूर्ण वृद्धि के रूप में, इजराइल ने बुधवार को दमिश्क स्थित सीरियाई सैन्य मुख्यालय पर हमला किया। यह हमला दक्षिणी सीरिया में स्वेइडा प्रांत में द्रूज़ समुदाय के खिलाफ असद शासन की बढ़ती हिंसा और दमन के बीच हुआ है। इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने बताया कि यह हमला सीरियाई शासन द्वारा द्रूज़ नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों के जवाब में किया गया।

IDF ने कहा कि यह हमला इजराइल के राजनीतिक नेतृत्व के निर्देशों के तहत किया गया था। इजराइल ने यह भी कहा कि वे स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं, विशेष रूप से दक्षिणी सीरिया में द्रूज़ नागरिकों पर हो रहे हमलों पर। बयान में इजराइल की ओर से क्षेत्र में विभिन्न परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की बात भी की गई।

द्रूज़ समुदाय और संघर्ष

द्रूज़ एक धार्मिक समुदाय है जो इस्माइली शिया इस्लाम से 10वीं सदी में उत्पन्न हुआ था। यह समुदाय सीरिया, लेबनान और इजराइल में बसा हुआ है। सीरिया में द्रूज़ समुदाय विशेष रूप से स्वेइडा प्रांत में रहता है, जो पिछले कुछ वर्षों से सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन चुका है।

दुनिया भर में द्रूज़ समुदाय के लगभग 10 लाख लोग हैं, जिनमें से आधे से अधिक सीरिया में रहते हैं। इस्लामिक शासन के तहत द्रूज़ समुदाय पर अत्याचार बढ़ गए हैं, खासकर सीरिया के गृह युद्ध के बाद। इस संघर्ष ने सीरिया में द्रूज़ समुदाय को असद शासन से डर का सामना कराया है, क्योंकि वे नए शासन के तहत अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

स्वेइडा में तनाव का बढ़ना

सीरिया के स्वेइडा में संघर्ष तब बढ़ा जब एक संघर्षविराम समझौता टूट गया, जो सरकार समर्थक बलों और द्रूज़ सशस्त्र समूहों के बीच था। सीरिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, स्वेइडा में स्थानीय मिलिशिया को संघर्षविराम तोड़ने का दोषी ठहराया गया, जिसके बाद सीरियाई सेना ने फिर से सैन्य अभियान शुरू किया।

यह स्थिति सीरिया में बढ़ते आतंकवादियों के हमलों के बाद आई है, जिसमें इस्लामिक गुटों ने असद शासन को उखाड़ फेंका और नए नेतृत्व के लिए रास्ता बनाया। इस्लामिक समुदाय के गुटों ने अब तक संघर्ष जारी रखा है, जबकि द्रूज़ जैसे अल्पसंख्यक समुदाय इस नए नेतृत्व से अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं।

सांप्रदायिक हिंसा का खतरा

स्वेइडा में संघर्षविराम के टूटने और हिंसा के फिर से बढ़ने से सांप्रदायिक संघर्ष का डर और भी बढ़ गया है। मार्च में, असद समर्थक और अन्य सरकारी गुटों के बीच संघर्ष ने पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दिया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।

द्रूज़ समुदाय, और अन्य अल्पसंख्यक समूह, नए नेतृत्व से अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित हैं। इस संघर्ष में इजराइल की संलिप्तता ने क्षेत्रीय तनाव को और भी जटिल बना दिया है, और द्रूज़ समुदाय के समर्थन में उनकी कार्रवाई एक नया मोड़ लेकर आई है।

निष्कर्ष: सीरिया के संघर्ष की बढ़ती जटिलता

सीरिया में स्थिति लगातार बदल रही है, और दमिश्क में इजराइल के हमले से यह संकेत मिलता है कि इजराइल द्रूज़ समुदाय के खिलाफ असद शासन की कार्रवाइयों के विरोध में अपनी भूमिका बढ़ा सकता है। स्वेइडा में संघर्ष बढ़ने के साथ, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं, यह समझते हुए कि संघर्ष का समाधान अब और भी जटिल हो गया है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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