Thursday, January 30, 2025
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क्या यह ‘मिनी-मून’ वास्तव में चंद्रमा का बिछड़ा टुकड़ा है

रहस्यमयी अंतरिक्ष पिंड: चंद्रमा से टूटा टुकड़ा या कुछ और?

खगोलविदों का मानना है कि हाल ही में खोजा गया छोटा अंतरिक्ष पिंड, जिसे अस्थायी रूप से पृथ्वी का ‘मिनी-मून’ कहा जा रहा था, वास्तव में चंद्रमा का एक खोया हुआ अंश हो सकता है। इस खगोलीय पिंड को वैज्ञानिकों ने 2024 PT5 नाम दिया है। महज 10 मीटर (33 फीट) चौड़ा यह पिंड पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। पहले इसे एक साधारण निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह (Near-Earth Asteroid) माना जा रहा था, लेकिन अब इसके बारे में एक दिलचस्प नई संभावना सामने आई है—यह चंद्रमा से हजारों साल पहले टूटा हुआ टुकड़ा हो सकता है।

2024 PT5 की कक्षा (ऑर्बिट) असामान्य है। यह पृथ्वी के चारों ओर घूमता तो है, लेकिन पूरी तरह से उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में नहीं आता। बल्कि, यह एक ‘हॉर्सशू ट्रेजेक्टरी’ यानी घोड़े की नाल जैसी कक्षा में घूमता है। इसका मतलब है कि यह महीनों तक पृथ्वी के करीब बना रहता है और फिर धीरे-धीरे दूर चला जाता है। अब वैज्ञानिकों का मानना है कि वे इस रहस्यमयी अंतरिक्ष यात्री की सच्चाई के करीब पहुंच रहे हैं।

क्या यह चंद्रमा से आया पत्थर है?

खगोलविदों ने 2024 PT5 का गहराई से अध्ययन किया और इसके मूल के बारे में कुछ मजबूत संकेत पाए। अमेरिका में लोवेल डिस्कवरी टेलीस्कोप और नासा के इन्फ्रारेड टेलीस्कोप फैसिलिटी की मदद से जब इसकी सतह पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी का विश्लेषण किया गया, तो परिणाम चौंकाने वाले थे।

यह चंद्रमा की चट्टानों से मेल खाता है!

वैज्ञानिक डॉ. टेडी कारेटा के नेतृत्व में हुई इस स्टडी के अनुसार—

“हमें शुरू में संदेह था कि यह चंद्रमा से आ सकता है, लेकिन जब हमें पता चला कि इसमें सिलिकेट खनिजों की भरमार है, तो यह संदेह और मजबूत हो गया। इसकी संरचना चंद्रमा से लाए गए अपोलो मिशन के नमूनों से मेल खाती है, जो इसे एक साधारण क्षुद्रग्रह से अलग करता है।”

इसके अलावा, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह पिंड अंतरिक्ष में ज्यादा समय से मौजूद नहीं है—संभवतः कुछ हजार साल पहले ही यह टूटकर अंतरिक्ष में आया होगा। यह सवाल उठता है कि कौन सा टकराव इसे अंतरिक्ष में धकेलने के लिए जिम्मेदार था? और क्या अंतरिक्ष में पृथ्वी के पास इसी तरह के और भी चंद्र-टुकड़े छिपे हो सकते हैं?

स्पेस डेब्रिस नहीं है 2024 PT5

इस पिंड की असली पहचान जानने से पहले वैज्ञानिकों को यह भी सुनिश्चित करना था कि कहीं यह स्पेस डेब्रिस (अंतरिक्ष में छोड़ा गया मानव निर्मित कचरा) तो नहीं है, जैसे कि कोई पुराना रॉकेट बूस्टर।

नासा के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज सेंटर (CNEOS) के विशेषज्ञों ने 2024 PT5 की गति और सूर्य की किरणों के प्रति उसकी प्रतिक्रिया को जांचा। आमतौर पर, खाली या हल्के मानव निर्मित वस्तुएं जब सूर्य की किरणों से टकराती हैं, तो वे असंतुलित रूप से बहकने लगती हैं। लेकिन 2024 PT5 का व्यवहार एक ठोस, भारी पिंड की तरह था।

वैज्ञानिक ऑस्कर फुएंटेस-मुनोज ने कहा—

“अगर यह कोई मानव निर्मित वस्तु होती, तो यह हल्की होती और सूर्य की रोशनी से बहुत प्रभावित होती। लेकिन 2024 PT5 की गति दर्शाती है कि यह ठोस चट्टान की तरह है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह अंतरिक्ष कबाड़ नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक खगोलीय पिंड है।”

जब स्पेस डेब्रिस की संभावना खारिज हो गई, तो वैज्ञानिकों के पास केवल एक ही निष्कर्ष बचा—यह चंद्रमा से टूटा हुआ एक टुकड़ा है, जो किसी प्राचीन टकराव के कारण पृथ्वी के करीब आ गया।

क्या चंद्रमा के और टुकड़े पृथ्वी के पास घूम रहे हैं?

यह पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों ने चंद्रमा से जुड़ा कोई संभावित क्षुद्रग्रह खोजा है। 2016 में, खगोलविदों ने 469219 कामो’ओलेवा नामक एक पिंड खोजा था, जिसकी कक्षा और संरचना भी चंद्रमा से मिलती-जुलती थी। लेकिन अब तक इस सिद्धांत की पुष्टि के लिए कोई दूसरा ठोस उदाहरण नहीं मिला था।

वैज्ञानिकों का मानना है कि 2024 PT5 जैसे और भी छोटे-छोटे ‘चंद्र क्षुद्रग्रह’ हो सकते हैं, जो चंद्रमा से किसी बड़े उल्कापिंड या धूमकेतु के टकराने के कारण अंतरिक्ष में बिखर गए होंगे।

अगर और ऐसे टुकड़े खोजे जाते हैं, तो वैज्ञानिक चंद्रमा की प्राचीन टक्करों का रिकॉर्ड खंगाल सकते हैं, जिससे चंद्रमा के इतिहास को समझने में मदद मिलेगी—बिना वहां जाने या कोई सैंपल लाने की जरूरत के।

डॉ. कारेटा का कहना है—

“अगर हमें ऐसा सिर्फ एक पिंड मिलता, तो इसे अपवाद समझा जा सकता था। लेकिन अब हमारे पास दो संभावित चंद्र-क्षुद्रग्रह हैं, जिसका मतलब है कि वहां और भी कई हो सकते हैं। अब हमें सिर्फ उन्हें ढूंढने की जरूरत है।”

भविष्य की खोजें और चुनौतियाँ

वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, करीब 16 अन्य अंतरिक्ष पिंड अभी भी पुष्टि के लिए प्रतीक्षारत हैं, जो चंद्रमा के टुकड़े हो सकते हैं। आगामी वेरा रुबिन ऑब्जर्वेटरी (चिली) और नासा का NEO सर्वेयर मिशन जैसे शक्तिशाली टेलीस्कोप इन छोटे और धुंधले पिंडों को खोजने में मदद कर सकते हैं।

लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इन चंद्र-टुकड़ों को आम क्षुद्रग्रहों से अलग कैसे पहचाना जाए? क्योंकि जब तक उनकी गहराई से जांच न की जाए, तब तक ये साधारण अंतरिक्ष चट्टानों की तरह ही दिखते हैं।

फिलहाल, 2024 PT5 चुपचाप अंतरिक्ष में अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। यह चंद्रमा का एक खोया हुआ टुकड़ा हो सकता है, जिसने अनजाने में एक लंबी यात्रा कर ली। लेकिन इसकी खोज ने चंद्रमा की अनदेखी कहानियों को उजागर करने की दिशा में एक नया दरवाजा खोल दिया है।

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