भारतीय क्रिकेट टीम की दूसरी पारी में बल्लेबाजी का पतन और यशस्वी जायसवाल का रनआउट न केवल खेल प्रेमियों के लिए निराशाजनक था, बल्कि स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर इरफान पठान और संजय मांजरेकर के बीच गरमागरम बहस का कारण भी बन गया। यह बहस विराट कोहली और जायसवाल के बीच हुए गलतफहमी पर केंद्रित थी, जिसने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को वापसी का मौका दे दिया।
रनआउट: गड़बड़ी जिसने पलट दिया खेल
भारत का स्कोर 153/2 था, और कोहली-जायसवाल की साझेदारी 102 रन पर पहुंच चुकी थी। इसी बीच जायसवाल ने मिड-ऑन की ओर शॉट खेला और रन के लिए दौड़ पड़े। दूसरी ओर, विराट कोहली गेंद की ओर देखते रहे और रन के लिए स्पष्ट संकेत नहीं दिया। इस संकोच और संवादहीनता का नतीजा यह हुआ कि पैट कमिंस ने तेजी दिखाते हुए जायसवाल को रनआउट कर दिया।
इसके बाद भारत ने मात्र छह रन के भीतर तीन विकेट गंवा दिए, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने मैच में वापसी कर ली। लेकिन बहस का केंद्र यह था कि रनआउट की गलती किसकी थी – कोहली की या जायसवाल की।
बहस: कोहली की भूमिका पर मतभेद
संजय मांजरेकर ने अपने विश्लेषण में कोहली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “दूसरे छोर पर विराट कोहली थे, और आमतौर पर हम उनकी दृष्टि से स्थिति को देखते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने जो किया वह एक बड़ी गलती थी। बल्लेबाज जिसने शॉट खेला है, कॉल हमेशा उसका होता है। यदि जायसवाल ने गलत कॉल किया होता, तो नुकसान उनकी ओर होता। लेकिन कोहली की अनिच्छा ने जायसवाल को कोई विकल्प नहीं छोड़ा।”
इरफान पठान ने इस तर्क का जवाब देते हुए कोहली का बचाव किया। उन्होंने कहा, “क्रिकेट का एक और अनकहा नियम है कि अगर गेंद प्वाइंट की ओर जाती है, तो नॉन-स्ट्राइकर को कॉल करना होता है। और स्ट्राइकर को यह अधिकार है कि वह रन से इनकार कर सके। यह क्रिकेट में सामान्य है, और इसमें कोहली की गलती नहीं है।”
मांजरेकर ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “लेकिन इरफान, यहां मामला प्वाइंट का नहीं था। यह मिड-ऑन का मामला है, जो पूरी तरह अलग स्थिति है।”
इसके बाद दोनों के बीच बहस गर्म हो गई, और दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। अंत में मांजरेकर ने कहा, “अगर आप सुनना नहीं चाहते, तो चर्चा का कोई फायदा नहीं।” साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “शायद अब एक नया कोचिंग मैनुअल लिखा जाना चाहिए, जिसमें इरफान पठान के रनिंग बिटवीन द विकेट्स के सिद्धांत शामिल हों।”
भारत की स्थिति: बढ़ती मुश्किलें
पठान और मांजरेकर की बहस चाहे जितनी भी तीखी रही हो, लेकिन असली चिंता भारत की बल्लेबाजी का पतन है। पांच विकेट गंवाने के बाद भारत अब ऑस्ट्रेलिया से 310 रन पीछे है। रिषभ पंत और रविंद्र जडेजा तीसरे दिन की शुरुआत करेंगे, लेकिन उनके सामने चुनौती पहाड़ जैसी है।
बहस का निष्कर्ष
यह बहस क्रिकेट की जटिलताओं और उसके छोटे-छोटे फैसलों की अहमियत को दर्शाती है। रनआउट जैसे मामले अक्सर गलतफहमियों और संकोच का परिणाम होते हैं। इस मामले में गलती कोहली और जायसवाल दोनों की हो सकती है।
टीम इंडिया के लिए यह घटना एक सबक के रूप में काम करनी चाहिए। बेहतर संवाद और स्पष्टता से ऐसे मौके रोके जा सकते हैं। क्रिकेट प्रेमियों को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में टीम ऐसी गलतियों से बचेगी और मजबूत प्रदर्शन करेगी।
निष्कर्ष
जहां पठान और मांजरेकर की तीखी बहस ने सुर्खियां बटोरीं, वहीं असली फोकस तीसरे दिन पर होना चाहिए। भारत को अब न केवल अपनी पारी संभालनी है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की मजबूत गेंदबाजी का भी डटकर सामना करना है। दर्शकों को उम्मीद है कि पंत और जडेजा की जोड़ी इस कठिन परीक्षा में टीम को संभालेगी और भारत को मुकाबले में वापस लाएगी।