भारतीय महिला क्रिकेट टीम तीसरे और अंतिम वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्लीन स्वीप से बचने और आगामी 50 ओवर के वर्ल्ड कप से पहले अपनी कमजोरियों पर काम करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। पर्थ में खेले जाने वाले इस मुकाबले में भारतीय टीम अपनी पिछली गलतियों को सुधारने की कोशिश करेगी।
सीरीज में भारत की चुनौतियां
सात बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज ने भारतीय टीम की तैयारियों की सच्चाई सामने ला दी है। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में कमजोर प्रदर्शन के कारण भारत को पहले दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। खासकर दूसरे वनडे में 122 रनों की भारी हार ने टीम की कमजोरियों को उजागर कर दिया।
दूसरे मैच में भारत ऑस्ट्रेलिया के विशाल स्कोर 371/8 का पीछा करते हुए कभी भी मुकाबले में नहीं दिखा। बल्लेबाजी में कुछ झलकियां जरूर नजर आईं, लेकिन टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी साफ दिखी।
बल्लेबाजी की कमजोरियां
भारतीय टीम की सबसे बड़ी चिंता उसके स्टार खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन है। कप्तान हरमनप्रीत कौर और उप-कप्तान स्मृति मंधाना का फॉर्म में न होना टीम के लिए बड़ी परेशानी बन गया है। हरमनप्रीत ने दो मैचों में सिर्फ 57 रन बनाए हैं, जबकि मंधाना ने क्रमश: 8 और 9 के स्कोर दर्ज किए हैं।
मंधाना का खराब फॉर्म आश्चर्यजनक है, क्योंकि साल की शुरुआत में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वहीं, हरमनप्रीत की कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों सवालों के घेरे में हैं, खासकर टी20 वर्ल्ड कप के शुरुआती दौर से बाहर होने के बाद।
शैफाली वर्मा के फॉर्म में न होने के चलते टीम ने शीर्ष क्रम में कई बदलाव किए। हालांकि, युवा बल्लेबाज ऋचा घोष का प्रदर्शन टीम के लिए सकारात्मक संकेत रहा। दूसरे वनडे में ऋचा ने 54 रनों की शानदार पारी खेली, जो सीरीज में अब तक किसी भारतीय बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।
गेंदबाजी और फील्डिंग में निराशा
गेंदबाजी में भी भारतीय टीम संघर्ष करती नजर आई है। दूसरे वनडे में गेंदबाजों ने अतिरिक्त 8 रन वाइड के रूप में दिए, जिससे दबाव और बढ़ गया। वहीं, फील्डिंग में हुई गलतियों ने ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर तक पहुंचने का मौका दिया।
हालांकि, इस मुश्किल सीरीज में युवा लेग स्पिनर प्रिया मिश्रा ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है। 20 वर्षीय प्रिया ने कम स्कोर का बचाव करते हुए दो अहम विकेट चटकाए। उनका उभरता हुआ प्रदर्शन टीम के लिए एकमात्र सकारात्मक पहलू रहा है।
ऑस्ट्रेलिया का दबदबा
ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज में हर विभाग में अपना दमखम दिखाया है। नियमित कप्तान एलिसा हीली की गैरमौजूदगी में ताहलिया मैक्ग्रा ने टीम का नेतृत्व किया और बेहतरीन प्रदर्शन किया। युवा सलामी बल्लेबाज जॉर्जिया वोल ने अपनी पहली सीरीज में जबरदस्त प्रभाव छोड़ा है।
पहले मैच में 46 रनों की नाबाद पारी खेलने के बाद, वोल ने दूसरे वनडे में अपना पहला शतक जड़ा। अनुभवी खिलाड़ी एलिस पेरी के साथ उनकी साझेदारी ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को बुरी तरह झकझोर दिया।
🚨 Toss News from Perth #TeamIndia have elected to bowl against Australia in the third & final #AUSvIND ODI.
— BCCI Women (@BCCIWomen) December 11, 2024
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तीसरे वनडे का महत्व
भारत के लिए तीसरा वनडे सिर्फ क्लीन स्वीप से बचने का मौका नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास वापस पाने और विश्व कप की तैयारियों को मजबूती देने का एक अवसर है। कप्तान हरमनप्रीत ने पिछले मैच के बाद कहा, “हमें 50 ओवर पूरे खेलना और गेंदबाजी में अपनी रणनीतियों पर काम करना होगा।”
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया अपनी जीत की लय बरकरार रखते हुए अपने युवा खिलाड़ियों को और अनुभव देने का प्रयास करेगा।
टीम स्क्वॉड्स
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उप-कप्तान), प्रिया पूनिया, जेमिमा रोड्रिग्स, हरलीन देओल, उमा चेतरी, ऋचा घोष (विकेटकीपर), तेजल हसाबनिस, दीप्ति शर्मा, मिनू मणि, प्रिया मिश्रा, राधा यादव, तितास साधु, अरुंधति रेड्डी, रेनुका सिंह ठाकुर, सायमा ठाकोर।
ऑस्ट्रेलिया: ताहलिया मैक्ग्रा (कप्तान), एशली गार्डनर (उप-कप्तान), डार्सी ब्राउन, किम गार्थ, अलाना किंग, फोबे लिचफील्ड, सोफी मोलिन्यू, बेथ मूनी, एलिस पेरी, मेगन शट, अन्नाबेल सदरलैंड, जॉर्जिया वोल, जॉर्जिया वेयरहम।
मैच बुधवार सुबह 8:50 बजे (भारतीय समयानुसार) शुरू होगा। यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए अपनी प्रतिष्ठा बचाने और विश्व कप की तैयारियों को मजबूती देने का अंतिम मौका है।