Sunday, December 22, 2024
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भारतीय नौसेना ने ,शामिल किया रूस से भेजा युद्धपोत INS तुशिल

भारतीय नौसेना ने रूस में डिजाइन किए और बने हुए युद्ध पोत आईएनएस तुहिन को नौसेना में शामिल कर लिया है। यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 11 356 के अंतर्गत बना है प्रोजेक्ट 11356 तलवार श्रेणी के युद्धपोत का कोड नाम है। इसे रूस में बनाया गया है। यह स्टील्थ गाइडेड मिसाइल युद्ध पोत है। अभी तक रूस 1999 से 2013 के बीच में छह ऐसे जहाज बना चुका है।

रूस व यूक्रेन ने मिलकर बनाया है युद्धपोत आइएनएस तुशिल

इस युद्ध पोत में लगने वाले प्राइमरी इंजन यूक्रेन में बने हैं। भारतीय नौसेना में युद्धपोत गैस टर्बाइन इंजन से बनाए जाते हैं। जिन्हें यूक्रेन की कंपनी जोर्या -मैश प्रोक्ट बनाती है। यह कंपनी समुद्री गैस टर्बाइन के उत्पादन में अग्रणी है। इंजन बनाने के बाद उन्हें रूस में यूक्रेन के द्वारा डिलीवर किया गया। ऐसा नहीं था कि यूक्रेन ने रूस को इंजन डिलीवर किया बल्कि भारत ने इंजन यूक्रेन से खरीदे और फिर इंजन को रूस को डिलीवर कर दिया इस तरह से दोनों देश एक दूसरे के सामने नहीं आए और बिना एक दूसरे के सामने आए ही दोनों देशों ने मिलकर यह प्रोजेक्ट कंप्लीट कर लिया। रूस और यूक्रेन में इस समय युद्ध चल रहा है जब आर्डर दिया गया था तब भी यह युद्ध जारी था। ऐसी स्थिति में भी दोनों देशों ने युद्ध पोत को बनाने में अपना योगदान दिया हालांकि कुछ विलंब तो हुआ लेकिन अंत में दोनों देशों ने मिलकर अपना आर्डर पूरा कर लिया।

क्या है आईएनएस तुशिल की खासियत

आई एन एस तुशिल एक मल्टी रोल स्टील्थ गाइडेड ् युद्ध पोत है‌ यह एडवांस व सुविधाओं से युक्त है। भारत में भी ऐसे युद्ध पोतों का निर्माण होना शुरू हो चुका है गोवा में ऐसे दो युद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा।

इस पड़ोसी देश को है सबसे ज्यादा खतरा

चीन की नौसेना दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली नौसेना बन चुकी है। चीन के संबंध भारत से शुरू से ही अच्छे नहीं है ऐसे में भारत का दो नए युद्धपोत लेना चीन की निगाहों में खटक सकता है पहला युद्धपोत सोमवार को भारत में आया है। दूसरे के आने में समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में चीन का टेंशन में आना स्वाभाविक है। हिंद महासागर में चीन का सुरक्षा चक्र बहुत मजबूत है ऐसी स्थिति में भारत को अपनी नौसेना को और ताकतवर बनाने की आवश्यकता है। भारत न केवल रूस से बल्कि अमेरिका फ्रांस इजराइल से भी मदद लेकर अपनी सुरक्षा चक्र को मजबूत कर रहा है।

रूस ने सौंपा आईएनएस तुशिल भारत को

रूस के शहर कैलिनिनग्राद में भारत को आईएनएस तुशिल सौपा गया है। रूस के शहर में इस अवसर पर भारत की नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश पार्टी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहव दूसरे भारतीय पदाधिकारीयों शामिल रहे व इस युद्ध पैत के लिए नौ साल पहले साल 2016 में भारत ने रूस से एग्रीमेंट किया था।

क्या कहना है पाकिस्तानी एक्सपर्ट का इस युद्ध पोत के बारे में

 पाकिस्तान के राजनीतिज्ञ कमर चीमा का कहना है भारत ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर दिया है। कमर चीमा का कहना है कि भारत ने चीन को संदेश दिया है कि हम तैयार हैं लेकिन पाकिस्तान इस रेस से बहुत पीछे छूट चुका है क्योंकि हमारे पास संसाधनों का अभाव हो चुका है। हमारा देश अपने घरेलू झगड़ों में उलझ कर अंदर से कमजोर हो चुका है। हमारे पास समुद्री सुरक्षा बेड़े का अभाव है। भारत की ताकत पाकिस्तान से कहीं अधिक है दोनों देशों के समुद्री रक्षा बजट में भी बहुत अंतर है दोनों देशों में सबमरीन, कार्गो, शिप ऑफ बोर्ड की संख्या में काफी अधिक अंतर है।

रूस व भारत पुराने दोस्त है

रूस ने हमेशा भारत की मदद की है। भारत को रुस ही हथियार देता है। भारत में हथियार बन रहे हैं लेकिन पूर्ति आवश्यकता से कहीं अधिक है इसलिए भारत को रस से मदद मांगनी होती है और रूस भारत की मदद करता है। लेकिन देखने की बात यह है कि अब कुछ समय से रूस और चीन के संबंध काफी मजबूत हो रहे हैं रूस को ग्लोबल सपोर्ट चीन से मिल रहा है ऐसे में देखना यह है कि कब तक रूस भारत की मदद कर पाएगा।

सारांश

भारत में रूस से युद्धपोत आईएनएस तुशिल ले लिया है। अब भारत दो युद्धपोत स्वयं गोवा में बनाएगा। भारत अपनी नेवी को मजबूत करना चाहता है क्योंकि चीन की नेवी काफी मजबूत है।

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