एप्पल कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग चीन से हटकर भारत में होने लगी है। जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाया है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है की भारत को बहुत सारे ऑर्डर मिलने वाले हैं। इस श्रेणी में एप्पल के आईफोन का निर्यात भी होगा। भारत अब एप्पल का निर्यात और ज्यादा करेगा और इन सब परिस्थितियों के लिए अब हमें तैयार रहना होगा हमें अपनी सरकारी नीति को पूरी तरह से तैयार रखना होगा।
भारत को डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से क्यों फायदा मिलने वाला है
अब जैसा कि हम सब जानते हैं डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 25% टैरिफ और 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया है। ऐसे में चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंध कमजोर होंगे और जिनका फायदा भारत को मिल सकता है। लेकिन इसके लिए हमें अपनी नीतियों का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता होगी। हमें अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए भी खुद को तैयार रखना होगा।
क्या कहना है विशेषज्ञों का
विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 10% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत के इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को कुछ समय के लिए लाभ मिल सकता है। लेकिन अगर हमें दीर्घकालिक लाभ चाहिए तो हमें अपनी नीतियां दुरुस्त करनी होगी। हमें अमेरिका के साथ व्यापार समझौते करने होगें। विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दी से आगे बढ़े और लंबी अवधि के लिए योजनाएं बनाएं। विशेषज्ञों ने कहा कि हमारी असेंबलिंग यूनिट बहुत मजबूत है और हमारी उच्च गुणवत्ता व क्षमताओं के कारण हमारा इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट एक अच्छी स्थिति पर पहुंच गया है।
डिक्शन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष सुनील वाचानी ने क्या कह डिक्सन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष सुनील वाचानी ने कहा कि टैरिफ अल्पकालिक समाधान हो सकता है लेकिन वास्तव में एक दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है जिसके लिए भारत और अमेरिका को एक व्यापार समझौता करने की आवश्यकता है। परिस्थितियों को देखकर लग रहा है कि दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध रहने वाले हैं। भारत ने कुछ क्षेत्रों में पहले से ही कुछ उद्योगों में काम करना शुरू कर दिया है जो कि विशेषतः श्रम प्रधान हैं। डिक्शन की देश में एक दर्जन से भी अधिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स है। डिक्सन सैमसंग, मोटोरोला, शाओमी, रियलमी, गूगल और ट्रांजिशन ग्रुप के लिए काम करता है।
एप्पल के भारत में निर्यात बढ़ाने से फायदा होगा फॉक्स कॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक को
एप्पल के पार्ट्स फॉक्स कॉन व टाटा इलेक्ट्रॉनिक से खरीदे जाते हैं। फॉक्स कॉन ने भारत में विस्ट्रॉन और पेगाट्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का अधिग्रहण किया है। एप्पल के निर्यात से भारत को अधिक फायदा मिलेगा क्योंकि एप्पल भारत को निर्यात केंद्र के रूप में इस्तेमाल करता है। अब भारत में एप्पल के मोबाइल फोन अधिक संख्या में निर्मित होंगे। अधिक संख्या में मोबाइल फोन का निर्माण होने का अर्थ है अति संख्या में मोबाइल फोन का निर्यात होना। अधिक संख्या में मोबाइल के निर्यात होने से निश्चित रूप से टाटा और फॉक्सकॉन को फायदा होगा।
इंडियन सेल्युलर और इलेक्ट्रॉनिक संगठन (ICEA) के अध्यक्ष पंकज मोहेंद्रू ने कहा कि चीनी इलेक्ट्रॉनिक सामानों के खिलाफ अमेरिकी टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। नीति निर्माता और उद्योगपतियों को इस अवसर को सुअवसर में बदलने के लिए तेजी से काम करना होगा। अमेरिका और भारत दोनों देशों के लाभ को ध्यान में रखते हुए एक व्यापार समझौते की जरूरत है। अभी टैरिफ से हमें अल्पावधि में ही लाभ होगा। अब भारत को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी राष्ट्र बनने की कोशिश में लगना चाहिए। हमें पहले से ही सही फोरकास्टिंग करनी चाहिए और बिजनेस के लिए अच्छे वातावरण को तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां भारत को एक गंभीर विकल्प के रूप में देख रही हैं। हमारे लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है लेकिन अवसर को व्यवसाय में बदलने के लिए हमें और सरकार दोनों को और अधिक काम करने की आवश्यकता है। हमें बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की और उन पर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। हमारे पास आईटी हार्डवेयर सेगमेंट पर बहुत अवसर हैं। एप्पल भारत में डिजाइनिंग कर रहा है और बैकवर्ड इंटीग्रेशन को और मजबूत कर रहा है। नई कंपोनेंट पॉलिसी और टैरिफ के आने के साथ हमारा काम और बढ़ने वाला है जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा।