चैंपियंस ट्रॉफी 2025 सेमीफाइनल से पहले टीम इंडिया के सामने चयन की दुविधा
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया से होने वाला है। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ ग्रुप स्टेज के अंतिम मुकाबले में शानदार 44 रन की जीत दर्ज करने के बाद अब भारतीय टीम को एक कठिन निर्णय लेना होगा। कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच गौतम गंभीर के सामने यह सवाल है कि क्या उसी विजयी टीम संयोजन के साथ मैदान में उतरें जिसने न्यूज़ीलैंड को हराया था या फिर उस प्लेइंग इलेवन को वापस लाएँ जिसने बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाफ सफलता हासिल की थी।
24 घंटे पहले तक यह फैसला लेना आसान होता, लेकिन वरुण चक्रवर्ती के बेहतरीन प्रदर्शन ने इस चर्चा को और जटिल बना दिया है। दुबई में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेले गए मैच में चक्रवर्ती ने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए 5/42 का प्रदर्शन किया, जिससे भारतीय टीम ने 249 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया और न्यूज़ीलैंड को 205 रन पर समेट दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि सेमीफाइनल में किस गेंदबाज को मौका दिया जाए।
रवि शास्त्री ने बताया सही प्लेइंग इलेवन
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि टीम को किसी भी बदलाव की जरूरत नहीं है और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेले गए उसी संयोजन के साथ मैदान में उतरना चाहिए।
शास्त्री ने कहा, “मैं उसी इलेवन के साथ जाऊँगा, क्योंकि मैच के बीच का समय सिर्फ 48 घंटे का है। पिच पर पहले से काफी खेल हो चुका है, जिससे यह थोड़ी धीमी हो सकती है और स्पिनर्स को इसमें मदद मिल सकती है।”
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए कितनी मुश्किल होगी चुनौती
रोहित शर्मा और भारतीय टीम को इस बात का पूरा अहसास है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नॉकआउट मैच में हारना कितना दर्दनाक होता है। 19 नवंबर 2023 को वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार का घाव अभी भी ताज़ा है। उस हार ने भारतीय टीम और उनके प्रशंसकों में एक डर पैदा कर दिया था। हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवाई है।
इतिहास को देखा जाए तो भारत ने आईसीसी नॉकआउट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ दो बार हराया है—एक बार 2007 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में और दूसरी बार 2011 वनडे वर्ल्ड कप के क्वार्टरफाइनल में। लेकिन इस बार अगर भारत को इतिहास बदलना है, तो उन्हें सही टीम संयोजन और रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा।
रवि शास्त्री का मंत्र—पहले बल्लेबाजी और स्पिनर्स पर भरोसा
रवि शास्त्री का मानना है कि अगर भारत टॉस जीतता है, तो उसे पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए और बोर्ड पर 240-250 से ऊपर का स्कोर लगाना चाहिए।
रवि शास्त्री ने कहा, यदि आप पहले बल्लेबाजी करते हैं और 240-250 रन से ज्यादा का स्कोर बनाते हैं, तो यह एक बड़े मुकाबले, खासकर सेमीफाइनल में बहुत प्रतिस्पर्धी स्कोर होगा।
2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी की थी, लेकिन अहमदाबाद की धीमी पिच पर भारतीय बल्लेबाज बड़ी साझेदारियाँ नहीं कर सके थे, और टीम 240 रन के भीतर ही सिमट गई थी। वही गलती दोबारा न हो, इसके लिए भारत को सुनिश्चित करना होगा कि बल्लेबाज परिस्थितियों को जल्दी समझें और पारी के मध्य ओवरों में तेज़ रन बनाने की कोशिश करें।
भारत के लिए सही टीम संयोजन क्या हो सकता है?
भारतीय टीम प्रबंधन के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि वरुण चक्रवर्ती और हर्षित राणा में से किसे प्लेइंग इलेवन में जगह दी जाए। हर्षित राणा ने बांग्लादेश के खिलाफ 3/31 और पाकिस्तान के खिलाफ 1/30 का प्रदर्शन किया था, जिससे वह मोहम्मद शमी के बाद टीम के दूसरे प्रमुख तेज गेंदबाज बने थे।
लेकिन चक्रवर्ती के न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मैच जिताऊ प्रदर्शन के बाद अब स्पिन विभाग को मज़बूत करने की मांग उठ रही है। रोहित शर्मा के लिए यह फैसला बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि दोनों गेंदबाजों ने प्रभावी प्रदर्शन किया है।
अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दर्ज करनी है, तो उन्हें इन प्रमुख रणनीतियों पर अमल करना होगा:
- पहले बल्लेबाजी कर ठोस स्कोर बनाना – धीमी पिचों पर रन बनाना मुश्किल होता है, इसलिए भारत को अच्छी शुरुआत की जरूरत होगी।
- स्पिनर्स का अधिकतम उपयोग – वरुण चक्रवर्ती और रविंद्र जडेजा की जोड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
- तेज गेंदबाजों की सही भूमिका तय करना – अगर मोहम्मद शमी और हर्षित राणा खेलते हैं, तो हार्दिक पंड्या की भूमिका भी अहम होगी।
निष्कर्ष
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में भारत के सामने एक कठिन परीक्षा होगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके नॉकआउट मुकाबलों का इतिहास मिश्रित रहा है, लेकिन इस बार टीम के पास अपनी गलतियों को सुधारने और नया पाठ लिखने का सुनहरा मौका है।
रवि शास्त्री की सुझाव के अनुसार, अगर भारत अपनी रणनीति को सही ढंग से लागू करता है, तो यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक और गौरवशाली जीत के रूप में दर्ज हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहित शर्मा और टीम प्रबंधन किस प्लेइंग इलेवन के साथ मैदान में उतरते हैं और क्या भारतीय टीम फाइनल में अपनी जगह बना पाती है या नहीं।