नई दिल्ली:
भारत ने अफगान नागरिकों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए घातक हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन और इस्लामाबाद की अपनी विफलताओं को दूसरों पर थोपने की एक बार फिर से दोहराई गई रणनीति करार दिया। विदेश मंत्रालय ने 24 दिसंबर को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हुए इन हमलों की विस्तृत खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इन हमलों में कम से कम 51 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, “हमने अफगान नागरिकों पर हुए हवाई हमलों से जुड़ी खबरों को देखा है। इनमें महिलाओं और बच्चों सहित कई अनमोल जानें गई हैं। भारत किसी भी रूप में निर्दोष नागरिकों पर हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा करता है। यह पाकिस्तान की एक पुरानी चाल है कि वह अपनी आंतरिक असफलताओं के लिए अपने पड़ोसियों को दोषी ठहराए।” उन्होंने आगे कहा कि भारत ने इस संबंध में अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया को भी ध्यान से देखा है और इस कठिन घड़ी में अफगान जनता के साथ अपनी एकजुटता दोहराई।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान का आक्रमण
अफगानिस्तान की जमीन पर पाकिस्तान द्वारा किए गए ये दुर्लभ हवाई हमले तालिबान के कथित ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए थे। पक्तिका प्रांत के पहाड़ी क्षेत्रों में किए गए इन हमलों ने सात गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया। इनमें लमान गांव सबसे अधिक तबाह हुआ, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पाकिस्तान की यह सैन्य कार्रवाई न केवल निर्दोष लोगों की जान लेने का कारण बनी, बल्कि इसने अफगान-पाक सीमा पर तनाव को भी खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया। अफगानिस्तान की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख्वारज़मी ने इस कार्रवाई को “कायराना हमला” और “अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन” बताते हुए कहा, “इस्लामिक अमीरात इस आक्रमण को बिना प्रतिक्रिया दिए नहीं छोड़ेगा।”
Our response to media queries regarding airstrikes on Afghan civilians:https://t.co/59QC0N6mOY pic.twitter.com/UsrkFGJVBZ
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 6, 2025
सीमा पर बढ़ता तनाव
हमलों के बाद दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में सीमा पर तनावपूर्ण माहौल देखा गया। सीमा पर हुए संघर्ष ने दोनों पक्षों के बीच अस्थिरता को और गहरा कर दिया।
पाकिस्तान ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराने के लिए दावा किया कि वह केवल आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बना रहा था। हालांकि, इसने निर्दोष नागरिकों के मारे जाने के आरोपों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वहीं, अफगानिस्तान ने इस घटना को न केवल अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया, बल्कि इसे एक अमानवीय और अस्वीकार्य कृत्य करार दिया।
क्षेत्रीय प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह घटना न केवल अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा रही है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर भी सवाल खड़ा कर रही है। पाकिस्तान की अपनी आंतरिक चुनौतियां और तालिबान के साथ उसके जटिल संबंध, क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर बाधा बने हुए हैं।
भारत की ओर से इस घटना पर स्पष्ट और सख्त प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जवाबदेही और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना अनिवार्य है। भारत ने इस कठिन समय में अफगानिस्तान के साथ अपनी मजबूती से खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई है।