एडिलेड में 10 विकेट से करारी हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम गंभीर दबाव में है। ऐसे में गुरुवार को हुए ट्रेनिंग सेशन में विराट कोहली ने अपनी प्रेरणादायक मौजूदगी से टीम को नई ऊर्जा दी। उप-कप्तान जसप्रीत बुमराह के साथ खड़े कोहली ने टीम के खिलाड़ियों को संबोधित किया, जिसमें कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल थे। कोहली की बातें न सिर्फ अनुभव से भरी थीं, बल्कि उनमें जुनून और दृढ़ता भी झलक रही थी, जिसने टीम को तीसरे टेस्ट से पहले आत्मविश्वास जुटाने का अवसर दिया।
अपने कप्तानी के दिनों में कोहली अक्सर टीम की चर्चाओं के केंद्र में रहते थे, और इस बार भी उन्होंने वह भूमिका निभाई। हालांकि, कप्तानी छोड़ने के बाद से वह पृष्ठभूमि में रहे हैं, लेकिन लगातार चार टेस्ट हार के बाद जब रोहित पर दबाव बढ़ रहा है, तो कोहली का आगे आना टीम के लिए समय पर उठाया गया कदम था।
रोहित शर्मा के फॉर्म पर सवाल
टीम के लिए तीसरे टेस्ट से पहले सबसे बड़ी चुनौती रोहित शर्मा की फॉर्म है। गुरुवार के नेट्स सेशन में उनका प्रदर्शन गुलाबी गेंद टेस्ट की तुलना में बेहतर नजर आया, लेकिन उनकी बल्लेबाजी स्थिति को लेकर सवाल बरकरार हैं। क्या वे फिर से ओपनिंग करेंगे या नंबर 6 पर बल्लेबाजी करेंगे, जो उनकी पसंदीदा पोजिशन नहीं है?
नेट्स में केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने फिर से नई गेंद का सामना किया, जबकि रोहित ने पुरानी कूकाबुरा गेंद से शुरुआत की। कुछ देर बाद उन्होंने नई लाल गेंद से भी अभ्यास किया। गाबा की पिच पर घास की अच्छी परत और उछाल है, जो ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के अनुकूल है। रोहित की कमजोरी स्विंग होती गेंदों के खिलाफ रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं।
नेट सेशन के बाद रोहित और मुख्य कोच गौतम गंभीर के बीच लंबी चर्चा हुई। दूर से देखने पर यह बातचीत तकनीकी पहलुओं पर केंद्रित लग रही थी। गंभीर ने शैडो ड्राइव्स का प्रदर्शन किया, जबकि रोहित ने ध्यानपूर्वक उन्हें देखा। इससे पता चलता है कि तकनीक सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
आकाशदीप या हर्षित राणा? महत्वपूर्ण निर्णय
भारतीय गेंदबाजी आक्रमण भी चर्चा में है, खासतौर पर हर्षित राणा की जगह को लेकर। पर्थ में डेब्यू टेस्ट में चार विकेट लेने वाले हर्षित को एडिलेड में ट्रेविस हेड ने जमकर निशाना बनाया, जिससे उन्होंने 16 ओवर में 86 रन लुटाए। इसके बावजूद कप्तान रोहित ने सार्वजनिक तौर पर उनका समर्थन किया।
हालांकि, नेट्स में आकाशदीप का प्रदर्शन लगातार प्रभावशाली रहा। इस अनुभवी प्रथम श्रेणी गेंदबाज ने जायसवाल को कई बार परेशान किया और स्लिप में कैच बनने लायक एज दिए। रोहित ने उनके प्रयासों की सराहना भी की।
गंभीर अपने दृढ़ विश्वासों के लिए जाने जाते हैं, और वह हर्षित की प्रतिभा पर भरोसा कर सकते हैं। लेकिन आकाशदीप का मामला मजबूत नजर आ रहा है, खासकर पहले दिन के संभावित बादलों और 60% आर्द्रता के बीच। सीम गेंदबाजी के अनुकूल इन परिस्थितियों में सही विकल्प चुनना निर्णायक साबित हो सकता है।
इकलौते स्पिनर की पहेली
भारतीय स्पिन गेंदबाजी के विकल्प भी उलझन में डालने वाले हैं। रविचंद्रन अश्विन, वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा में से किसी एक को चुनना आसान नहीं है। अश्विन के पास अनMATCHED कौशल है, जबकि जडेजा अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। वहीं, सुंदर निचले क्रम में बल्लेबाजी को मजबूत कर सकते हैं।
एडिलेड में अश्विन ने अनुशासन के साथ गेंदबाजी की, लेकिन क्षेत्ररक्षण की कमी उनके प्रदर्शन पर भारी पड़ी। ट्रेविस हेड का कैच मोहम्मद सिराज ने छोड़ दिया, जिससे अश्विन को अहम विकेट नहीं मिल पाया। गाबा की पिच पर स्पिनरों को अक्सर रक्षात्मक भूमिका निभानी होती है। नाथन लायन की भूमिका इस बात का उदाहरण है कि सटीकता यहां कितनी महत्वपूर्ण होती है।
कोहली की नेतृत्व क्षमता की झलक
जहां रोहित की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं कोहली का एक बार फिर नेतृत्व में सक्रिय होना टीम के लिए सकारात्मक संकेत है। टीम हडल में उनका उत्साह और प्रेरक बातें उस जुनून की याद दिलाती हैं, जो उनके कप्तानी के दिनों में नजर आता था। खासकर युवा खिलाड़ियों पर कोहली की मौजूदगी का गहरा प्रभाव पड़ा, जो उनकी बातों से सीखने का प्रयास कर रहे थे।
इस समय कोहली का आगे आना बेहद महत्वपूर्ण है। टीम को जीत की राह पर लौटाने के लिए उनके अनुभव और मार्गदर्शन की जरूरत है। तीसरे टेस्ट से पहले यह आत्मविश्वास जगाने का सही समय था।
गाबा में निर्णायक मुकाबला
गाबा की ऐतिहासिक और चुनौतीपूर्ण पिच एक रोमांचक मुकाबले का वादा करती है। भारत के लिए दांव काफी ऊंचे हैं। रोहित को फॉर्म में लौटना होगा, गेंदबाजों को अपनी योजनाओं को सटीकता से लागू करना होगा, और पूरी टीम को जीतने का जज्बा दिखाना होगा।
इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में टीम की मानसिक मजबूती पर नजर होगी। कोहली के प्रेरक हस्तक्षेप और गंभीर की रणनीतिक तैयारी के साथ, तीसरा टेस्ट सिर्फ एक मुकाबला नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट के आत्मविश्वास की वापसी का मौका बन सकता है। क्या टीम इस अवसर को भुना पाएगी, यही आने वाले समय को परिभाषित करेगा।