आयकर विभाग ने इनकम टैक्स जमा करने में होने वाली देरी के लिए माफी मांगने की समय सीमा घटा दी है। आईए जानते हैं क्या है आयकर और किन लोगों को यह इनकम टैक्स देना होता है और क्या है इसकी समय सीमा
आयकर क्या है
आयकर या इनकम टैक्स जैसे कि नाम से ही जाहिर हो रहा है हम जो भी कमाई करते हैं उसे पर लगने वाला टैक्स आयकर कहलाता है। देश के हर नागरिक को अपनी तनख्वाह में से एक भाग करके रूप में देना होता है जिसे इनकम टैक्स कहते हैं। इनकम टैक्स न केवल एक व्यक्ति को बल्कि किसी ऑर्गेनाइजेशन , फर्म को देना आवश्यक होता है। जिस किसी व्यक्ति की आमदनी ढाई लाख रुपए वार्षिक से अधिक होती है उसे आयकर देना आवश्यक होता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर सीमा तीन लाख है। सुपर सीनियर सिटीजनों के लिए जो 80 वर्ष से अधिक आयु के होते हैं उनके लिए आयकर सीमा 5 लख रुपए है। अगर रिटायरमेंट के बाद आपकी कोई आमदनी हैं तो उस पर आयकर लगता है।
क्या है आयकर रिटर्न की समय सीमा
यहआयकर रिटर्न की समय सीमा 31जुलाई तक है । यदि आप 31जुलाई तक आवेदन करने में छुप जाते हैं तो आप 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। लेकिन अगर आप 31 दिसंबर तक आवेदन नहीं कर पाते हैं तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न में मिलने वाला रिफंड वापस नहीं मिल पाएगा। अपने व्यापार में होने वाली घाटे को आप इनकम टैक्स रिटर्न के द्वारा ही दिखते हैं। अगर आप इनकम टैक्स 31 दिसंबर की समय सीमा के बाद भरते हैं तो आप अपने फार्म में इस घाटे को भी नहीं दिखा पाएंगे।
क्या है आइटी आर रिटर्न देरी से भरने के लिए माफी अनुरोध
आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरने में विलंब कर देते हैं तो आप एक फॉर्म भरकर दोबारा से इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए गवर्नमेंट से अनुरोध करते हैं जिसे इनकम टैक्स रिटर्न माफी कहा जाता है। आयकर रिटर्न देरी से भरने वालों के लिए यह माफी अनुरोध एक राहत की सांस होता है इस माफी अनुरोध के द्वारा वह अपना रिटर्न दोबारा भर सकते हैं अगर उन्हें आयकर रिटर्न में रिफंड लेना है तो वह भी उन्हें वापस मिल सकता है। इस सेवा का लाभ लेने के लिए आयकर दाता को इनकम टैक्स पोर्टल पर एक फॉर्म भरकर इनकम टैक्स रिटर्न देरी से भरने के लिए एक माफी अनुरोध लिखना होता है।
आइटीआर माफी अनुरोध भरने के लिए क्या है आवश्यक
माफी अनुरोध स्वीकृति फॉर्म भरने के लिएइनकम टैक्स पोर्टल पर आपका रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है।
आपकी अपनी यूजर आईडी होनी चाहिए और आपका यूजर पासवर्ड भी आपके पास होना चाहिए।
बैंक में आपका अकाउंट होना आवश्यक है। डिमैट अकाउंट होना भी जरूरी है। आपका डिमैट अकाउंट इई सत्यापन के लिए वैलिड होना आवश्यक है।
क्या है आईटीआई रिटर्न देरी से भरने के लिए माफी अनुरोध का समय
अगर आप आइटीआर भरना भूल जाते हैं तो पहले 6 सालों में आप आईटीआई रिटर्न भर सकते थे लेकिन आप नए नियम के अनुसार आपको 5 साल में आयकर रिटर्न भरना आवश्यक होगा। अगर आप 5 साल के बाद आयकर रिटर्न भरते हैं तो आपको जुर्माना, सजा और विलंब शुल्क जमा करने के लिए तैयार रहना होगा आपको अन्य कानूनी परिणाम में भोगने पड़ सकते हैं।
आईटीआर देरी से भरने के लिए माफी अनुरोध की स्वीकृति हो जाने पर
अगर आपने आइटीआर विलंब से जमा करने के लिए माफी अनुरोध मांगा है और उसे आयकर विभाग द्वारा स्वीकार कर लिया गया है तो आपको कोई विलंब शुल्क नहीं देना पड़ता और आप अपनी आई टी आर जमा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप आईटीआई रिफंड के लिए क्लेम करते हैं तो आपको आईडिया रिफंड भी वापस मिल सकता है।
आइटीआर देरी से भरने के लिए माफी अनुरोध अस्वीकृत हो जाने पर
अगर आपका आइडिया देरी से भरने के लिए माफी अनुरोध अस्वीकार हो जाए तो आपको विलंब शुल्क जमा करना पड़ सकता है। आप आप अपनी आयकर रिटर्न की रिफंड पर दवा नहीं कर सकते अगर आपका आयकर रिटर्न देरी से भरने पर माफी अनुरोध अस्वीकार हो जाए तो आपको आयकर रिटर्न रिफंड वापस नहीं मिलेगा।
निष्कर्ष
कर जाता हूं को अब आईटीआई फाइनेंस फीलिंग के लिए सचेत रहने की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें माफी अनुरोध के लिए अब कम समय मिलेगा। समय पर आइडिया जमाना करने पर विलंब दंड अब पहले से कड़ा हो सकता है। इस बदलाव के द्वारा आयकर दाता सचेत होगा और अपना आयकर समय से जमा करेगा।