आपातकालीन निधि विधेयक, सरकार का बंद होना टला
अमेरिकी कांग्रेस ने कल शुक्रवार को एकआपातकालीन निधि विधेयक पास किया है । अमेरिकी कांग्रेस की मुख्य पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेसी नै साथ मिलकर यह निधि विधेयक पारित किया है। धन के अभाव के कारण अमेरिका में शनिवार को सरकारी बंद होने वाला था जिसे अब 14 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है।
क्या है यह निधि विधेयक प्लान
अमेरिका में सरकार को बंद होने से बचाने के लिए सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी ने एक प्लान के अंतर्गत सरकारी खर्चों की पूर्ति के लिए 6.2 ट्रिलियन डॉलर का एक विधेयक पारित किया है। जिससे सरकार के कई संकायों की मदद की जाएगी।
कहां खर्च होगी यह राशि
यह राशि मेडिसिनल सिक्योरिटी, डिफेंस और ट्रांसपोर्टेशन, फेडरल रेगुलेशन व सिक्योरिटीज मार्केट में खर्चा होगी। अभी हाल ही में उत्तरी कैरोलिना व फ्लोरिडा में आए तूफान, पश्चिमी जंगलों में लगी आग विनाशकारी आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद के लिए भी इसी राशि में से 104.6, बिलियन डॉलर की राशि का प्रयोग किया जाएगा।इस राशि के द्वारा किसानों की तथा तूफान से प्रभावित लोगों की आर्थिक मदद भी की जाएगी।
कितनी राशि कहां प्रयोग होगी
सत्ताधारी पार्टी के प्रतिनिधि के अनुसार इस राशि में से 29 बिलियन डॉलर रेगुलेटरी एमरजैंसी मैनेजमेंट के आपदा राहत कोश के लिए प्रयोग में आएंगे। 21 बिलियन डॉलर बाढ़ व अन्य नुकसानों से प्रभावित किसानों को मिलेंगे। इस राशि के अतिरिक्त किसानों को 10 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद भी मिलेगी।
लोकल कम्युनिटीज व स्टेट्स को ब्लॉक अनुदान के रूप में 12 बिलियन डालर मिलेंगे। और आठ बिलियन डॉलर ट्रांसपोर्टेशन के लिए व राजमार्ग और सड़क आपदा राहत कोष के लिए प्रयोग किए जाएंगे।
सैन्य सुरक्षा के लिए कितनी राशि प्रयोग होगी
5.7 बिलियन डॉलर की राशि जनरल डायनॉमिक्स कॉरपोरेशन और हंटिंगटन इंगल्स इंडस्ट्रीज के द्वारा बनाई गई पेंटागन की वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बी के निर्माण के लिए किया जाएगा।
विधेयक कब तक और कैसे पारित होगा
शनिवार को इस विधेयक को पारित किया जाएगा। इस विधेयक को पारित करने में विलंब हुआ तो फिर सरकार बंद हो जाएगी। इस विधेयक को पारित करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष माइकल जानसन के पास 219-211 रिपब्लिकन बहुमत है। जो कि अनिश्चित व अशांत हैं। और पिछली वर्ष सांसदों की अनिश्चिता के कारण रिपब्लिकन पार्टी को डेमोक्रेटिक समर्थन पर निर्भर रहना पड़ा था