प्रियंका चोपड़ा, जो आज एक वैश्विक आइकन हैं, प्रियंका चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना किया। एक घटना, जब वह मात्र 19 वर्ष की थीं, ने उनके आत्मसम्मान और करियर के प्रति उनके दृष्टिकोण को गहराई से प्रभावित किया।
निष्कर्ष
प्रियंका चोपड़ा की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है। यह न केवल व्यक्तिगत सम्मान की रक्षा करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी सहायक होता है। प्रियंका का साहस और दृढ़ता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने सिद्धांतों के साथ समझौता न करें और हर परिस्थिति में आत्मसम्मान को प्राथमिकता दें।
घटना का विवरण
यह घटना 2002-2003 की है, जब प्रियंका एक फिल्म में एस्कॉर्ट की भूमिका निभा रही थीं। एक गाने की शूटिंग के दौरान, उन्होंने निर्देशक से अपने स्टाइलिस्ट को कपड़ों के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया। इस पर निर्देशक ने स्टाइलिस्ट से फोन पर कहा, “लोग उसे देखने के लिए सिनेमाघर आएंगे, जब वो अपनी पैंटी दिखाएगी।” निर्देशक ने यह बात चार बार दोहराई, जिससे प्रियंका को गहरा आघात पहुंचा।
प्रियंका की प्रतिक्रिया
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निर्देशक की इस मांग से आहत होकर, प्रियंका ने फिल्म छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रोडक्शन कंपनी को हुए खर्च की भरपाई खुद की और उस निर्देशक के साथ फिर कभी काम नहीं किया। प्रियंका ने अपनी मां से कहा, “अगर वह मेरे बारे में ऐसा सोचता है, तो मेरे आगे बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं है।”
फिल्म उद्योग में महिलाओं की स्थिति
यह घटना फिल्म उद्योग में महिलाओं के प्रति होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न का एक उदाहरण है। कई अभिनेत्रियों ने समय-समय पर कास्टिंग काउच और कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के बारे में खुलकर बात की है। प्रियंका चोपड़ा जैसी सफल अभिनेत्री का यह अनुभव दर्शाता है कि प्रसिद्धि और सफलता के बावजूद, महिलाओं को कार्यस्थल पर असमानता और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
प्रियंका का साहसिक कदम
प्रियंका चोपड़ा का उस समय फिल्म छोड़ने का निर्णय उनके आत्मसम्मान और पेशेवर सिद्धांतों को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी अपमानजनक व्यवहार को सहन नहीं करेंगी, चाहे वह उनके करियर के शुरुआती दौर में ही क्यों न हो। उनका यह कदम अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कार्यस्थल पर उत्पीड़न का सामना करती हैं।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
आज, प्रियंका चोपड़ा न केवल बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड में भी एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने अपनी मेहनत, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बल पर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद, आत्मसम्मान और सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।