Friday, January 10, 2025
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“मैं भगवान नहीं, इंसान हूँ”: पीएम मोदी ने ज़ेरोधा प्रमुख निखिल कामथ के साथ पहले पॉडकास्ट में साझा की जीवन की झलकियाँ

नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ सीरीज़ में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि गलतियाँ सभी से होती हैं, और वे भी उससे अछूते नहीं हैं।

“गलतियाँ होती हैं, मुझसे भी हो सकती हैं। मैं भगवान नहीं हूँ, एक साधारण इंसान हूँ,” पीएम मोदी ने श्री कामथ से कहा।

निखिल कामथ की हिचकिचाहट और पीएम मोदी का भरोसा

पॉडकास्ट की शुरुआत में, निखिल कामथ ने अपनी हिंदी भाषा पर झिझक व्यक्त की। उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में कहा, “सर, मेरी हिंदी अच्छी नहीं है। मैं साउथ इंडियन हूँ। मेरा ज्यादातर समय बेंगलुरु में बीता है। मेरी मां मैसूर की हैं, जहां कन्नड़ बोली जाती है। मेरे पिता मंगलुरु के पास के हैं। मैंने हिंदी स्कूल में सीखी, लेकिन मेरी पकड़ बहुत अच्छी नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “हम दोनों की ऐसे ही चलेगी।” उन्होंने आगे जोड़ा, “मैं यहाँ आपके सामने बैठा हूँ और बात कर रहा हूँ। मुझे भी थोड़ी घबराहट हो रही है। यह मेरे लिए भी कठिन बातचीत है। यह मेरा पहला पॉडकास्ट है। मैं नहीं जानता कि आपके दर्शकों को यह कैसा लगेगा।”

प्रधानमंत्री ने साझा की जीवन की कहानियाँ

करीब दो घंटे लंबे इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने अपने बचपन, शिक्षा, राजनीति में प्रवेश, संघर्षों, तनाव से निपटने और नीति-निर्माण जैसे विषयों पर कई किस्से साझा किए।

उन्होंने अपने बचपन का एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए कहा, “मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के कपड़े धोया करता था। इसी वजह से मुझे तालाब पर जाने की इजाजत मिलती थी।”

सहजता और मानवता का परिचय

इस पॉडकास्ट ने प्रधानमंत्री की एक सरल और मानवीय छवि को सामने रखा। उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि वे भी आम इंसान की तरह गलतियाँ करते हैं। उनकी बातों ने न केवल दर्शकों को उनके जीवन के करीब लाया, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को भी सरलता और ईमानदारी के साथ प्रस्तुत किया।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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