देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक, HDFC बैंक ने अपनी तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए, जिसमें शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 2.2% बढ़कर ₹16,736 करोड़ हो गया। यह लाभ बढ़ोतरी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) और उनके अनुपात में वृद्धि के बावजूद दर्ज की गई।
प्रमुख वित्तीय आंकड़े
HDFC बैंक का शुद्ध ब्याज आय (Net Interest Income – NII), जो बैंक की कमाई का मुख्य मापदंड है, 8% की वृद्धि के साथ ₹30,690 करोड़ तक पहुंचा। यह वृद्धि विश्लेषकों की अपेक्षाओं के अनुरूप रही। मजबूत कोर आय और शुद्ध लाभ की वृद्धि, एनपीए चिंताओं के बावजूद, बैंक की स्थिर वित्तीय स्थिति को रेखांकित करती है।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
परिणामों के बाद HDFC बैंक के शेयरों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। बैंक के शेयर, जो दिन के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे, परिणाम जारी होने के तुरंत बाद 1.3% बढ़कर ₹1,664 प्रति शेयर (NSE पर) पहुंच गए।
एनपीए और परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव
HDFC बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (GNPA) 31 दिसंबर 2024 तक ₹36,019 करोड़ हो गईं, जो पिछले साल ₹31,012 करोड़ थीं।
- GNPA अनुपात: 1.42% (पिछले वर्ष 1.26%)
- NNPA अनुपात: 0.46% (पिछले वर्ष 0.31%)
बैंक के शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NNPA) 51% बढ़कर ₹11,588 करोड़ हो गईं।
प्रावधानों में गिरावट
बैंक ने इस तिमाही में ₹3,154 करोड़ के प्रावधान किए, जो पिछले साल ₹4,217 करोड़ थे। यह 25% की सालाना गिरावट को दर्शाता है।
जमा और अग्रिमों में वृद्धि
31 दिसंबर 2024 तक बैंक की जमा राशि ₹25.6 लाख करोड़ रही, जिसमें 15.8% की सालाना वृद्धि हुई। वहीं, सकल अग्रिम (Gross Advances) 3% बढ़कर ₹25.4 लाख करोड़ हो गए।
निवेशकों के लिए सलाह
अस्वीकरण: Hnews.in पर व्यक्त किए गए विचार और निवेश सलाह विशेषज्ञों के अपने हैं। किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों की राय अवश्य लें।