न्यू इंडिया बैंक के ग्राहक अपने खातों से पैसे ना निकलने के कारण काफी समय से परेशान चल रहे हैं। न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के एक मैनेजर ने करोड़ों रुपए का फ्रॉड किया था। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक के लेनदेन और ग्राहकों के पैसे निकालने पर भी पाबंदी लगा दी थी।। लेकिन अब आरबीआई ने एक गाइडलाइन जारी की है जो कि ग्राहकों के लिए राहत की सांस लेकर आई है। जानते हैं क्या छूट दी गई है आरबीआई द्वारा न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को?
27 फरवरी से निकाल सकेंगे ग्राहक अपने पैसे
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में बहुत सारे लोगों की सैलरी आती है। बहुत सारे पेंशन अकाउंट भी न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हैं। ऐसे में जब बैंक ने खातों को सील कर लिया तो लोगों के लिए बहुत मुश्किल वाला सफर शुरू हो गया। अब लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है की ग्राहक 27 फरवरी से अपने बैंक अकाउंट से ₹25000 तक निकाल सकेंगे। आरबीआई ने 13 फरवरी को नेशनल कॉपरेटिव बैंक को बैन कर दिया था यह बैन 6 महीने तक के लिए था।
आरबीआई ने दी है आंशिक राहत
आरबीआई ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के डिपॉजिटेंस को आशिक राहत दी है। वो अपने खाते से ₹25000 तक निकाल सकेंगे आरबीआई द्वारा कोऑपरेटिव बैंक से दो हफ्तों तक एक भी पैसा निकालने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके कारण ग्राहकों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। आरबीआई ने ग्राहकों को कहा है की 50% से अधिक डिपॉजिटर्स अपनी बाकी राशि पूरी तरह से निकाल सकते हैं। वहीं आरबीआई का कहना है जिन खाता धारको के अकाउंट में ₹25000 तक है या उससे कम राशि अकाउंट में है वो ₹25000 तक अपने अकाउंट से निकाल सकते हैं।
बैंक के 50% ग्राहक अपनी सारी जमा राशि निकाल सकते हैं
आरबीआई ने बैंक में से एटीएम के द्वारा ₹25000 निकालने की परमिशन दे दी है बैंक के 50% ग्राहक अपनी सारी जमा राशि निकाल सकते हैं। बाकी के ग्राहक एटीएम से अपने ₹25000 निकाल सकते हैं। जिन खाता धारकों की जमा धनराशि 25000 से कम है वो अपनी पूरी जमा धन राशि निकाल सकते हैं। बैंक के 50% ग्राहक ऐसे हैं जिनके अकाउंट में 25000 से कम धनराशि जमा है।
जिन खाता धारकों के बैंक अकाउंट में 25000 से अधिक की धनराशि जमा है वह अधिकतम ₹25000 ही निकाल सकते हैं।
एटीएम के द्वारा निकल जा सकते हैं पैसे आरबीआई ने अपने ग्राहकों को एटीएम के द्वारा पैसे निकालने के लिए कहा है। आरबीआई ने 13 फरवरी को मुंबई की न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक शाखा पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे। आरबीआई ने बैंक की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैंक की मौजूदा कैश स्थिति को देखते हुए बैंक को नए कर्ज देने और ग्राहकों के जमा पैसे को 6 महीने तक निकासी करने पर रोक लगा दी थी। रोक लगाने के एक दिन बाद 14 फरवरी को आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को हटा दिया था बैंक के कामकाज के लिए सलाहकारों की समिति बनाई गई थी जिसमें सलाहकारों की समिति के साथ-साथ एक मुख्य प्रशासक नियुक्त किया गया था। आरबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।
आरबीआई के द्वारा बैंक से नकदी की निकासी पर रोक लगाने से ग्राहकों के बीच में अफरातफरी का माहौल बन गया था।
आरबीआई ने बैंक से बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को हटा दिया था
करोड़ों के घोटाले के बाद आरबीआई ने बैंक को बैन कर दिया था। डायरेक्टर्स को 12 महीने के लिए हटा दिया था। बैंक से रिलेटेड सभी मामलों के प्रबंध के लिए एक नए प्रबंधक जो कि पहले भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक थे श्रीकांत को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया था। हालांकि आरबीआई ने ग्राहकों को आश्वासन दिया था कि उनका पैसा सुरक्षित है फिर भी ग्राहक डरे हुए थे।