करीब 500 दिनों की लंबी कैद के बाद, हमास ने शनिवार को तीन इज़रायली बंधकों को रिहा कर दिया। इन बंधकों को मानवीय सहायता संगठन रेड क्रॉस को सौंपा गया। रिहा किए गए बंधकों में एली शरबी, ओर लेवी और ओहद बेन अमी शामिल हैं। यह रिहाई इज़रायल और हमास के बीच संघर्षविराम समझौते के तहत हुई, जिसके अंतर्गत दोनों पक्षों के बीच बंधकों की अदला-बदली की जा रही है।
हालांकि, इन बंधकों की शारीरिक स्थिति बेहद खराब थी। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने रिहाई के बाद उनकी कमजोर और असहाय स्थिति को उजागर किया। बताया जा रहा है कि इनकी हालत उन 18 बंधकों से भी अधिक दयनीय थी, जिन्हें पिछले महीने मुक्त किया गया था।
बचपन, परिवार और खुशियों को लील गया 7 अक्टूबर का हमला
ओहद बेन अमी और एली शरबी को हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल से अगवा कर लिया था। इस कुख्यात हमले में एली शरबी की पत्नी और बच्चे मारे गए थे। यह हमला इज़रायल के इतिहास में सबसे भयानक आतंकी घटनाओं में से एक माना जाता है, जिसमें हजारों निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
रिहाई के बाद जब तेल अवीव में एली शरबी के परिवार ने टीवी पर उनका लाइव प्रसारण देखा, तो पूरे परिवार की सांसें अटक गईं। यह क्षण भावनात्मक और पीड़ादायक था। परिवार को यह उम्मीद थी कि इतने महीनों की कैद के बाद वे थोड़े स्वस्थ होंगे, लेकिन उनकी कमजोर और पीली पड़ चुकी काया देखकर सभी हैरान रह गए।
ओहद बेन अमी की सास मिखाल कोहेन ने इज़रायली समाचार चैनल चैनल 13 को दिए बयान में कहा, “वह कंकाल की तरह दिख रहा था, उसकी आंखों में दर्द और भूख की गहरी छाप थी। उसे इस अवस्था में देखना भयावह था।”
गाजा में भीड़ के सामने बंधकों की परेड, इज़रायल में आक्रोश
बंधकों को रिहा करने से पहले गाजा की सड़कों पर हजारों लोगों के सामने हमास आतंकियों की निगरानी में परेड कराई गई। उन्हें स्वचालित हथियारों से लैस आतंकवादियों के बीच चलते हुए दिखाया गया। यह दृश्य इज़रायल में भारी आक्रोश का कारण बना।
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमने आज जो भयानक दृश्य देखे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम इसे यूं ही नहीं छोड़ेंगे।”
हमास-इज़रायल बंधक सौदा: 183 हमास कैदी होंगे रिहा
इस बीच, हमास के कैदी मामलों के कार्यालय ने पुष्टि की है कि संघर्षविराम समझौते के तहत इज़रायल 183 हमास कैदियों को रिहा करेगा। इनमें से 18 कैदी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
इस सौदे को लेकर इज़रायल में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग मानवीय आधार पर इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा बता रहे हैं।
संघर्षविराम के बाद भी अशांत भविष्य
हालांकि यह संघर्षविराम एक अस्थायी शांति ला सकता है, लेकिन इज़रायल और हमास के बीच तनाव अभी भी चरम पर है। इस युद्ध में हजारों निर्दोष नागरिकों की जानें गई हैं, और दोनों पक्षों के बीच अविश्वास की गहरी खाई बनी हुई है।
अब सवाल उठता है – क्या यह संघर्षविराम स्थायी समाधान की ओर एक कदम है, या यह केवल अगले संघर्ष की भूमिका तैयार कर रहा है?