Wednesday, December 4, 2024
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शतरंज के महामुकाबले में गुकेश की जीत, समय और चाल में उलझे डिंग लिरेन

विश्व शतरंज चैम्पियनशिप के तीसरे गेम में मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को न केवल बोर्ड पर, बल्कि समय की पाबंदियों के चलते भी हार का सामना करना पड़ा। क्लासिकल शतरंज में समय खत्म होने से हारना बेहद दुर्लभ है, लेकिन डिंग अपनी चालों की गिनती पूरी करने से महज तीन चाल पहले ही हार गए। गुकेश ने अपने बेहतरीन खेल और समय प्रबंधन से इस मुकाबले को अपनी मुट्ठी में कर लिया।

गलत कदम बना हार की वजह

यह मुकाबला मिडल गेम तक बराबरी पर था, लेकिन फिर डिंग ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने खेल की दिशा बदल दी। उन्होंने अपने हल्के वर्ग के ऊंट को c2 पर रखा, ताकि b3 पर गुकेश के बिना सुरक्षा वाले प्यादे को अपने कब्जे में ले सकें। यह कदम जल्दबाजी में लिया गया निर्णय साबित हुआ। जैसे ही डिंग ने प्यादा लेने की कोशिश की, उनका ऊंट जाल में फंस गया।
यह वही चाल थी जो 2023 फिडे वर्ल्ड रैपिड टीम चैम्पियनशिप में व्लादिमीर क्रैमनिक और अर्जुन एरिगैसी के बीच हुए एक मुकाबले में देखने को मिली थी। उस खेल में भी अर्जुन ने यही गलती की थी, और खेल अंततः ड्रॉ पर खत्म हुआ था। गुकेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने 13वीं चाल तक इस स्थिति को पहचाना, लेकिन यह याद नहीं था कि गलती कहां हुई थी। फिर भी, मुझे पता था कि यह एक अवसर हो सकता है।”

पॉइज़न्ड प्यादा की गलती

डिंग की इस गलती ने 1972 की मशहूर फिशर-स्पास्की विश्व चैम्पियनशिप की पॉइज़न्ड प्यादा चाल की याद दिला दी। उस मैच में बॉबी फिशर ने एक बिना सुरक्षा वाले प्यादे को लेने के चक्कर में अपनी रानी गवां दी थी और अंततः खेल हार गए थे। बुधवार के मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ। डिंग का ऊंट b3 का प्यादा लेने के चक्कर में c2 पर फंस गया और वहां से उसे निकालना नामुमकिन हो गया।
गुकेश ने बड़ी ही चतुराई से अपना जाल बिछाया था। उन्होंने धीरे-धीरे डिंग को ऐसे पोजीशन में डाल दिया जहां उनके पास न समय था, न ही सही चाल। डिंग ने माना, “मुझे पता था कि मेरा ऊंट c2 पर फंसा हुआ है, और उसे बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका।”

चालों का जाल

गुकेश की योजना सरल लेकिन अचूक थी। जैसे ही डिंग ने प्यादा लिया, गुकेश ने अपने घोड़े को d2 पर वापस खींचा, जिससे डिंग का ऊंट केवल c2 पर ही लौट सकता था। इसके तुरंत बाद गुकेश का हाथी c1 पर आ गया और ऊंट पूरी तरह फंस गया।
डिंग ने ऊंट को निकालने की कई कोशिशें कीं, लेकिन हर चाल के साथ गुकेश ने स्थिति को और कठिन बना दिया। डिंग के पास न समय बचा, न ही कोई विकल्प।

घड़ी के साथ संघर्ष

खेल का सबसे रोमांचक मोड़ तब आया जब डिंग का समय तेजी से खत्म होने लगा। 30वीं चाल तक उनके पास केवल छह मिनट बचे थे। इसके बाद हर चाल में वह कीमती सेकंड गंवाते रहे। आखिरी पांच चालों के लिए उनके पास मात्र नौ सेकंड बचे थे। इतनी कम समय में चाल सोचना, चाल चलना और घड़ी दबाना – यह सब करना लगभग असंभव था।
डिंग की हालत हर बीतते सेकंड के साथ बिगड़ती गई। उनकी आंखें तेजी से झपकने लगीं, हाथ बालों पर चले गए, और शरीर आगे-पीछे हिलने लगा। आखिरी क्षणों में उन्होंने अपने प्यादे को आगे बढ़ाया, लेकिन समय के दबाव में सही निर्णय नहीं ले पाए।

पहला ब्रेक और बराबरी का स्कोर

इस हार के बाद दोनों खिलाड़ी पहले विश्राम दिवस पर बराबरी के स्कोर के साथ पहुंचे। पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसे बड़े मुकाबले में ब्रेक से पहले हारना सबसे बुरी चीज है जो किसी खिलाड़ी के साथ हो सकती है।”
गुकेश के लिए यह जीत केवल अंक नहीं, बल्कि उनके धैर्य और रणनीति की जीत थी। दूसरी ओर, डिंग को अब अपनी गलतियों से सीखते हुए अगले मुकाबलों के लिए खुद को तैयार करना होगा। जैसा कि यह टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, हर चाल और हर सेकंड निर्णायक साबित हो सकता है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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