15 जनवरी को कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन
लगभग पाँच दशकों के बाद, कांग्रेस पार्टी अपना ऐतिहासिक पता, 24 अकबर रोड, छोड़कर 9ए, कोटला रोड स्थित अपने नए मुख्यालय में स्थानांतरित होने जा रही है। इस छह-मंजिला इमारत, जिसे “इंदिरा गांधी भवन” नाम दिया गया है, का उद्घाटन 15 जनवरी को सोनिया गांधी करेंगी। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे।
24 अकबर रोड: इतिहास का साक्षी
24 अकबर रोड, सफेद रंग का भव्य बँगला, लुटियन्स दिल्ली के केंद्र में स्थित है। यह इमारत कांग्रेस पार्टी के इतिहास की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का मूक गवाह रही है।
- 1980 में इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी।
- 1984 में उनकी हत्या और राजीव गांधी का प्रधानमंत्री बनना।
- 1990 के दशक में नरसिम्हा राव का नेतृत्व और 1996 से 2004 तक राजनीतिक वनवास।
- 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में पुनर्जीवन और 2014 में पतन।
1978 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 24 अकबर रोड को अपना मुख्यालय बनाया। यह वह दौर था जब आपातकाल के बाद कांग्रेस पहली बार सत्ता से बाहर थी। तब सांसद गड्डम वेंकटस्वामी ने अपना आधिकारिक निवास, 24 अकबर रोड, पार्टी को दिया।
नए मुख्यालय का निर्माण और सुविधाएं
नए मुख्यालय का भूमि पूजन दिसंबर 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। हालांकि, इसे पूरा होने में 15 साल लग गए।
9ए कोटला रोड पर स्थित यह मुख्यालय आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें पार्टी की प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक गतिविधियों के लिए विशेष स्थान बनाए गए हैं। पार्टी का कहना है कि यह भवन उनके भविष्य के दृष्टिकोण का प्रतीक है और साथ ही उनके ऐतिहासिक योगदान को सम्मानित करता है।
कार्यक्रम और संगठनात्मक बदलाव
उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य, पीसीसी अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक दल के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, और केंद्रीय मंत्री समेत 400 वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
सभी प्रमुख कार्यालय, जिनमें पार्टी अध्यक्ष का कार्यालय भी शामिल है, नए मुख्यालय में स्थानांतरित होंगे। हालांकि, 24 अकबर रोड के बँगले को उच्च-स्तरीय बैठकों के लिए रखा जाएगा।
आधुनिकता और परंपरा का समागम
एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “इंदिरा गांधी भवन हमारी पार्टी के बदलते समय और नई जरूरतों का प्रतीक है। यह आधुनिकता और हमारे गौरवशाली अतीत के मेल का प्रतिबिंब है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए मुख्यालय में चरणबद्ध तरीके से शिफ्टिंग होगी और इस प्रक्रिया में कुछ महीने लग सकते हैं।
कांग्रेस का यह कदम आधुनिकता के साथ अपने ऐतिहासिक मूल्यों को जोड़े रखने की सोच का परिचायक है।