कंजरवेटिव पार्टी के फ़्रीडरिक मैत्सर्स के गठबंधन ने चुनाव जीत लिया है। कंजरवेटिव दक्षिणपंथी पार्टी को काफी कट्टर माना जाता है। इस पार्टी को काफी अधिक सीटें मिली है। कंजरवेटिव पार्टी का वोट प्रतिशत दुगना हो गया है। कंजरवेटिव पार्टी का वोट परसेंट 2021 से 2024 में दुगना होकर 21.5% हो गया है। 2010 में कंजरवेटिव पार्टी का वोट बैंक 10.3% ही था। कंजरवेटिव पार्टी दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार सत्ता में आ रही है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी को इतनी अधिक संख्या में वोट मिले हैं।
किस पार्टी को कितने मिले हैं वोट
जर्मनी में क्रिश्चियन डोमेस्टिक यूनियन पार्टी और क्रिश्चियन सोशल यूनियन पार्टी दोनों मिलाकर को 28.5% वोट मिले हैं। दोनों पार्टियों ने मिलकर एक बड़ी पार्टी बना ली है। जबकि दक्षिण पंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी दूसरे स्थान पर रही है। दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी को 20% वोट मिले हैं। अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी पार्टी का यह अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है।ओलाफ स्कोल्ज की पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी को 16.5% वोट मिले हैं जो की द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। इस चुनाव में 22% मतदाताओं की अनिश्चितता की स्थिति देखी गई।
पूरे विश्व में है इस समय कटृर पंथीयों की है सरकार
कहां जा रहा है कि पूरे विश्व में कट्टरपंथीयों की सरकार है।अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार है तो रूस में व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति है भारत के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटृरपंथी प्रधानमंत्री कहा जाता है। ऐसे में जर्मनी में भी जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के हारने के बाद कहां जा रहा है की कंजरवेटिव पार्टी की सरकार बनने वाली है।
जर्मनी की चांसलर ओलाॅफ स्कोल्ज ने दी कंजरवेटिव पार्टी को जीत की बधाई
जर्मनी के चांसलर ओलाॅफ स्कोल्ज ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने विपक्षी पार्टी कंजरवेटिव डोमेस्टिक यूनियन के नेता फ़्रीडरिक मैत्सर्स को उनकी जीत की बधाई दी। ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि यह हार हमारे लिए एक कड़वा परिणाम है। यह हमारी चुनावी हार है। स्कोल्ज ने विपक्षी नेता को जीत की बधाई देते हुए कहा चुनाव में आपको जीत के लिए बधाई।
क्या कहना है विपक्षी नेता फ्रेडरिक का चुनाव का जीतने के बाद
कंजरवेटिव डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज ने कहा कि हम जल्दी से जल्दी नयी सरकार का गठन करेंगे। जिससे कि जर्मनी फिर से प्रभावशाली बन सके।
जर्मनी में चुनाव की व्यवस्था कैसी है
जर्मनी में मतदाता पहले बुडेस्टैग के प्रतिनिधियों के लिए वोट करते हैं। ये प्रतिनिधि बाद में चांसलर के लिए वोट करते हैं। जर्मनी की चुनाव प्रक्रिया प्रत्यक्ष व आनुपातिक मिश्रण है। इस प्रक्रिया में मतदाता दो वोट डालते हैं एक अपने स्थानीय प्रतिनिधि के लिए और दूसरा किसी राजनीतिक दल के समर्थन में। चुनाव प्रक्रिया में बुडेस्टैग के लिए 630 सीटें होती है। जिनमें से 299 सीटें सीधी चुनी जाती है और शेष 331 सीटें पाटींयों को एक चयन प्रक्रिया द्वारा बांटी जाती है। अगर एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो जिन पार्टियों को बहुत मिलता है वह आपस में मिलकर गठबंधन की सरकार बनाने की तैयारी शुरू की जाती है।
क्यों जीते फ्रेडरिक यह चुनाव
इस बार जर्मनी चुनाव में चुनाव के मुख्य मुद्दों में अर्थव्यवस्था की चुनौती सबसे बड़ा मुद्दा था। जर्मनी की जनता भी रूस और यूक्रेन युद्ध से काफी परेशान है। इसके अलावा महंगी ऊर्जा एक बड़ा कारण है जर्मनी की जनता का ओलाफ स्कोल्ज से मोह भंग होने का। प्रवासियों का अवैध रूप से जर्मनी में प्रवेश। इन मुद्दों के कारण जनता ने विपक्षी पार्टी को अधिक वोट दिया।