G7 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के पीएम कार्नी से मिले, G7 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री ने आपस में मुलाकात की। यह मुलाकात काफी अहम रही। मार्क कार्नी भारत के साथ अपने संबंध सुधारना चाहते हैं। भारत और कनाडा के राजनीतिक संबंधों को सुधारने की दिशा में राजनयिक नियुक्त करने की दिशा में भी सहमति हुई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी रिश्ते सुधारने की दिशा में कर रहे हैं प्रयास
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की कल G7 सम्मेलन में आपस में मुलाकात हुई दोनों ही नेता आपस में रिश्ते सुधारने की इच्छुक हैं पिछले कुछ समय से कनाडा भारत के रिश्ते में खटास चल रही थी। जस्टिन ट्रूडो के समय में भारत के साथ कनाडा के राजनीतिक संबंध काफी कमजोर हो गए थे। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते हैं।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपस में राजनयिक संबंधों को दोबारा से कायम करने के लिए नये उच्चायुक्त को बहाल करने की आपसी सहमति जताई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा मैं आपका बहुत आभारी हूं कि अपने भारत को G7 में आमंत्रित किया और मेरा सौभाग्य है कि मुझे 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा जाकर कनाडा के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला।
क्या कहा कनाडा के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के विषय में ?
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत को G7 का सदस्य नहीं होने के बाद भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसके महत्व की वजह से आमंत्रित किया है।पीएम मोदी के विषय में कहा आपका यहां आना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।
क्यों बिगड़े थे भारत और कनाडा के संबंध>?
यह घटना 2023 की है जब कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार थी।जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह गुर्जर की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद कनाडा में छह भारतीय राजनयिकों को व वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को निष्कासित कर दिया था।
भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था और जवाबी कार्यवाही करते हुए कनाडा के पांच राजनयिकों व उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था।
आतंक समर्थक देश को आतंक की कीमत चुकानी होंगी
G7 सम्मेलन में नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी के खिलाफ भारत के कड़े रुख की बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वैश्विक मुद्दों पर आतंकवाद के खिलाफ बात कर रहे थे। उन्होंने कहा वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच स्पष्ट होनी चाहिए। यदि कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होंगी।
एक और हम अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध जल्दी से लगा देते हैं और दूसरी ओर जो देश खुलेआम आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें पुरस्कार दिया जाता है यह दोहरी नीति बंद होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल साउथ का मुद्दा उठाया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को वैश्विक मंच पर पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी समझता है। ग्लोबल साउथ का अर्थ है (आर्थिक रूप से कम विकसित देश) उन्होंने कहा उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य, स्वीकारिता के मूलभूत सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का मार्ग चुना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की भारत के समावेशी विकास की बात, एआई की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संविधान में एक स्थाई एवं हरित क्रांति के माध्यम से सभी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के विषय में विस्तार से बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एआई प्रतिमा मेधा एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसके लिए बहुत ऊर्जा की आवश्यकता है अगर प्रोजेक्ट की संचालित समाज की ऊर्जा आवश्यकताओं को स्थाई रूप से पूरा करने का कोई तरीका है तो वह नवीनीकृत ऊर्जा के माध्यम ही है। पहले सभी देशों में ऊर्जा के लिए प्रतिस्पर्धा थी लेकिन इस सदी में हमें प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करना होगा।