पिछले महीने सरकार ने बताया कि कुल भगोड़ों में से एक-तिहाई अमेरिका में छिपे हुए हैं, जो अपराधियों और आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन चुका है।
तहव्वुर हुसैन राणा
2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मामले में दोषी ठहराए गए तहव्वुर हुसैन राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्प खो दिए हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी, जिससे भारत के लिए इस आतंकी मास्टरमाइंड को न्याय के कटघरे में लाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी राणा को मुंबई हमलों में उनकी भूमिका के लिए वांछित किया गया है, जिसमें 160 से अधिक लोगों की जान गई थी। पाकिस्तान सेना में पूर्व सैन्य डॉक्टर रहे राणा को 2008 के हमलों की पहले से जानकारी थी। उन्हें 2009 में डेनमार्क में एक आतंकी साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा को सहायता पहुंचाने का भी दोष सिद्ध हो चुका है।
अर्श डल्ला
खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला, प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख है और कनाडा में स्थित है। डल्ला पर हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती और आतंकी गतिविधियों समेत 50 से अधिक मामलों में आरोप हैं। जनवरी 2004 में उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया। माना जाता है कि उनका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से है। पिछले अक्टूबर में घायल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन दिसंबर में जमानत मिलने के बाद से भारत उनका प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रहा है।
अनमोल बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के खतरनाक सरगना और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई, कई हाई-प्रोफाइल मामलों में भारत को वांछित है। इनमें पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और राजनेता बाबा सिद्दीक़ी की हत्या के मामले शामिल हैं। अनमोल को पिछले नवंबर में अमेरिका में अवैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दिल्ली द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध के बावजूद खुफिया सूत्रों के अनुसार निकट भविष्य में उनका प्रत्यर्पण संभव नहीं है।
विजय माल्या
शराब कारोबारी विजय माल्या, जिन पर 9,000 करोड़ रुपये के ऋण घोटाले का आरोप है, 2016 में भारत छोड़कर यूके चले गए। उन्हें 2019 में भगोड़ा घोषित किया गया था। किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे माल्या को भारत वापस लाने के लिए कानूनी लड़ाई जारी है। पिछले साल सीबीआई अदालत ने उनके खिलाफ 180 करोड़ रुपये के एक अन्य ऋण मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
नीरव मोदी
14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी ऋण धोखाधड़ी मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चौकसी मुख्य आरोपी हैं। बैंक अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत के जरिए उन्होंने यह घोटाला अंजाम दिया। नीरव 2018 में देश छोड़कर भाग गए और उसी वर्ष लंदन में गिरफ्तार हुए। फिलहाल वह यूके की जेल में बंद हैं और भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। दूसरी ओर, मेहुल चौकसी अब एंटीगुआ में रह रहे हैं।
अन्य भगोड़े
इनके अलावा, भारत कई अन्य भगोड़ों को लाने की कोशिश में है। इनमें टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे ब्रिटेन स्थित हथियार सौदागर सलाहकार संजय भंडारी शामिल हैं।
महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, को दुबई में 2023 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह नजरबंद हैं, और भारतीय एजेंसियां उनके प्रत्यर्पण के लिए प्रयासरत हैं।