Friday, February 21, 2025
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अमेरिका के पूर्व विदेश विभाग अधिकारी माइक बेंच ने स्वीकारा अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के चुनाव में हराने के लिए रची थीं साजिशें

अमेरिका के पूर्व विदेश विभाग अधिकारी माइक बेंच ने कहा कि अमेरिका विभिन्न देशों की राजनीति में दखल करता रहा है और उसके लिए उसने कई दांव-पेंचों का इस्तेमाल किया है। माइक बेंच ने कहा कि अमेरिका मीडिया प्रभाव, सोशल मीडिया सेंसरशिप, और विपक्षीय आंदोलन को आर्थिक मदद देकर विकासशील देशों की राजनीति को चोट पहुंचाने का प्रयास करता है। अमेरिका ने भारत, बांग्लादेश समेत कई देशों की राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास किया है।

2019 में मोदी को हराने के लिए अमेरिका ने किये थे क्या प्रयास

2019 में मोदी को हारने के लिए अमेरिका ने फेसबुक, व्हाट्सएप, और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट को प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में प्रचार करने के लिए कहा था। इस काम के लिए अमेरिका ने फेसबुक व्हाट्सएप और ट्विटर पर मोदी विरोधी कंटेंट को बढ़ावा दिया था और प्रधानमंत्री मोदी समर्थक कंटेंट को रोकने का प्रयास किया था। पहले व्हाट्सएप मैसेज एक साथ कई लोगों को फारवर्ड हो सकते थे। 2019 में अमेरिका ने व्हाट्सएप मैसेज फॉरवर्ड करने की सीमा को भी कम कर दिया था। इस साजिश को रचने में अहम योगदान था |

अमेरिका की विवादित एजेंसी USAID का क्या रोल है विदेशी राजनीति में

यह अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था है जिसका काम विकासशील देशों में आर्थिक मानवीय सहायता देना है। लेकिन सहायता देने की आड पर यह विदेश में अमेरिका की विदेश नीति लागू करने का भी प्रयास करती रही है। धर्मांतरण के समय भी इस संस्था का नाम आया है। इस संस्था के द्वारा कई ऐसी एजेंसियों को दान दिया गया है जिन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल माना गया है। इस संस्था को 1961 में अमेरिका के राष्ट्रपति जनरल कैनेडी द्वारा स्थापित किया गया था इस संस्था का मूल उद्देश्य सिद्धांत रूप से संघर्षरत देशों और अन्य राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों की गरीबी बीमारियों में संकटों को दूर करना था। जब भी संस्था की स्थापना की गई तब इसका लक्ष्य शीत युद्ध के दौरान सोवियत प्रभाव का सामना करना था। इस संस्था ने शुरू में कई विभिन्न विदेशी सहायता कार्यक्रमों को संचालित किया। इस समय इस संस्था में 10000 से अधिक लोग काम करते हैं इन लोगों में लगभग दो तिहाई अमेरिका के बाहर काम करते हैं।

एलन मस्क ने भी लगाया USAID पर भ्रष्टाचार का आरोप

एलन मस्क ने इस संस्था को कट्टर वामपंथी राजनीतिक साजिश और पैसे की पागल बर्बादी कहा। उन्होंने कहा कि यह संगठन मीडिया संगठनों को अपनी प्रॉपोगेंडा सामग्री प्रकाशित करने के लिए पैसे दे रहा है। एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस संस्था पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। एलन मस्क ने कहा की USAID ने आपके टैक्स के पैसों से बायोवेपन रिसर्च को फंड दिया है जिसमें कोविद-19 भी शामिल है जिसके कारण लाखों लोगों की जान गई। इस पोस्ट में उन्होंने 2023 के न्यूयॉर्क पोस्ट के एक लेख को मेंशन किया।

संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लगाये उस्ताद पर आरोप

निशिकांत दुबे ने USAID को भारत को विभाजित करने वाली विभिन्न संस्थाओं को धन देने का दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ अमेरिकी कारोबारी जार्ज सारोस के संबंध है। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच करने के लिए कहा। उन्होंने पूछा USAID ने जॉर्ज और उसकी ओपन समिति फाउंडेशन को 5000 करोड रुपए भारत को विभाजित करने के लिए दिए या नहीं। उन्होंने पूछा USAID ने राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया या नहीं। निशिकांत दुबे ने कहा की क्या USAID ने तालिबान को पैसा दिया था उनका कहना था कि इस अमेरिकी संस्था ने नक्सल विरोधी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आतंकवादी संगठनों को भी पैसा दिया है। उन्होंने देश में मानवाधिकार के नाम पर और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के नाम पर विभिन्न संस्थाओं को USAID द्वारा पैसा दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि इस बात की जांच हो और जिन्होंने देश को नुकसान पहुंचाने के लिए पैसा लिया हो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे ले जाया जाए। उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग में मुस्लिम वर्ग धरना प्रदर्शन हो, किसान बिल को लेकर पंजाब के किसानों का दिल्ली के सीमा पर धरना हो, जेएनयू में भारत विदेशी प्रदर्शन हो या देश में अर्बन नेशनल बुद्धिजीवियों का संगठन हो इन सबके लिए USAID ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं।

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