वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नया आयकर बिल जनता के सामने पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया कानून बनाकर आयकर कानून को सरलतम बनाने का प्रयास किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधायक पेश कर अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को सदन की प्रवर समिति में भेजने का आग्रह किया है। इस विधेयक को जब वित्त मंत्री पेश कर रही थी तो विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया लेकिन सदन सदस्यों ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को पारित करवा दिया।
विधेयक को पेश करते समय वित्त मंत्री ने सदन अध्यक्ष से आग्रह किया की वो मसौदा कानून को सदन की प्रवर समिति तक भेज दें।
क्या है प्रवर समिति
सदन के सदस्यों द्वारा बनाई गई यह एक समिति है जो की सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। प्रवर समिति पैनल की संरचना करेगी और नियम बनाएगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अध्यक्ष से विधेयक पर निर्णय लेने के लिए कहा।
क्या है नया आयकर कानून विधेयक
इस नए आयकर कानून विधेयक में कर निर्धारक वर्ष और पूर्व वर्ष जैसे शब्दों के स्थान पर कर वर्ष जैसे सरल शब्द रखे जाएंगे। जिससे कि आयकर कानून की भाषा सरल होगी और आमजन की पहुंच में होगी। इसके अलावा नए कानून को आसान बनाने के भाषा को और आसान बनाया जाएगा और इसमें से गैरजरूरी प्रावधान और स्पष्टीकरण हटा लिए जाएंगे।
क्या है इस नए विधेयक में
इस नए आयकर विधेयक में 536 धाराएं हैं। इसमें 23 अध्याय है और यह 622 पन्नों का है। उम्मीद की जा रही है कि विधेयक के पारित होने से नया आयकर कानून आमजन के लिए और आसान हो जाएगा। नया आयकर कानून और अधिक व्यवस्थित होगा और आम व्यक्ति के लिए सहज होगा।
नए आयकर कानून में नहीं रहेगी मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा
नया आयकर कानून बनने से आयकर विधायक 2025 दशकों पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह ले लेगा। आयकर विधेयक 1961 समय-समय पर विभिन्न संशोधनों के होने से काफी मुश्किल हो गया था। इसलिए इसे समझना बहुत मुश्किल था। जटिलता की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए नया आयकर कानून लागू किया जा रहा है।
क्या नया होगा इस नए आयकर कानून में
इस नए आयकर कानून में आयकर अधिनियम1961 में दिए गए पिछले वर्ष (fy) को हटाकर कर वर्ष कर दिया गया है। इस नए विधेयक में मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा को ही समाप्त कर दिया गया है।
नए आयकर कानून में कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा भी होगी समाप्त
इस समय पिछले वर्ष जो की 2023 24 का माना जाएगा उसमें अर्जित आय के लिए कर का भुगतान निर्धारण वर्ष 2024 से 2025 में होता है। नए आयकर कानून में पिछले वर्ष और निर्धारण वर्ष की अवधारणा को हटाकर सरल भाषा में कर वर्ष कहा गया है। इस नए आयकर विधेयक में 536 धाराएं शामिल है जो कि पिछले आयकर अधिनियम 1961 से 298 धाराएं अधिक हैं। आयकर अधिनियम 1961 में 14 अनुसूचियां हैं। नए आयकर अधिनियम में यह बढ़कर 16 हो जायेंगी।
आयकर अधिनियम 1961 में दशकों में क्या हुए थे बदलाव
आयकर अधिनियम 1961 में कई बदलाव हुए थे। नए आयकर विधेयक में पुराने आयकर विधेयक की तरह ही अध्यायों की संख्या 23 ही रखी गई है। नये आयकर विधेयक में पृष्ठों की संख्या घटकर 622 रह गई है। यह संख्या अधिनियम 1961 से आधी से भी कम है। जब आयकर अधिनियम 1961 अस्तित्व में आया था तब इसमें प्रश्न संख्या 880 ही थी लेकिन समय के साथ इसमें विभिन्न बदलाव होते गए और अब पृष्ठ संख्या इतनी अधिक हो गई है।
नए आयकर अधिनियम में हुआ है सेक्शन में बदलाव
नए इनकम टैक्स अधिनियम में सेक्शन में बदलाव किया गया है। उदाहरण के लिए वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट में इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग को सेक्शन 139 के अंतर्गत कवर किया जाता है। जबकि न्यू टैक्स रेजीम को सेक्शन 115 BAC के अंतर्गत शामिल किया गया है। अब नए इनकम टैक्स बिल में इन सेक्शंस में बदलाव हो रहा है। ऐसा करके इनकम टैक्स लॉ की भाषा को आसान बनाया जा रहा है। इन सभी सुधारो को नए इनकम टैक्स एक्ट में शामिल किया गया है।