एलन मस्क एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उनके एक इशारे को लेकर नाजी प्रतीकवाद का आरोप लगाया गया है। इस मामले पर मस्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क कैपिटल वन एरीना में आयोजित रैली में मंच पर पहुंचे, जहां ट्रंप के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी। अपने संबोधन में ट्रंप की दोबारा जीत का समर्थन करने वालों को धन्यवाद देने के बाद, मस्क ने अपने दाहिने हाथ से अपनी छाती के बाईं ओर टैप किया और फिर खुले हाथ को आगे की ओर फैलाया। उन्होंने यह इशारा भीड़ के दूसरे हिस्से के लिए दोहराया।
इतिहासकार ने इशारे को ‘नाजी सैल्यूट’ बताया
अमेरिका में नाजी विचारधारा के अध्ययन में विशेषज्ञता रखने वाली इतिहासकार क्लेयर ऑबिन ने मस्क के इस इशारे को “सिग हील” – यानी नाजी सैल्यूट बताया।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मेरे पेशेवर मत के अनुसार, जो आपने देखा उस पर विश्वास करें। यह स्पष्ट रूप से एक नाजी संदर्भ था।”
इस बयान के बाद विवाद और भड़क गया, और कई आलोचकों ने मस्क पर दक्षिणपंथी विचारधारा के प्रतीकात्मक समर्थन का आरोप लगाया।
मस्क ने आरोपों को किया खारिज, आलोचकों को बताया ‘थके हुए’
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए मस्क ने एक्स पर अपने आलोचकों पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “हर किसी को ‘हिटलर’ कहना अब बहुत पुराना हो चुका है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके विरोधियों को “बेहतर चालाक तरकीबों” की जरूरत है।
हालांकि, जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टी AfD और ब्रिटेन की एंटी-इमिग्रेशन पार्टी रिफॉर्म यूके के प्रति मस्क के पूर्व समर्थन को लेकर उन्हें पहले भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बार कई लोग उनके समर्थन में सामने आए।
विवाद के बचाव में उठीं आवाजें
यहूदी-विरोधी गतिविधियों से लड़ने के लिए गठित एंटी-डेफेमेशन लीग (ADL), जो मस्क की पहले आलोचना कर चुकी है, ने इस बार उनका बचाव किया। एडीएल ने एक्स पर बयान जारी कर कहा, “मंच पर उत्साह के क्षण में मस्क ने अजीब सा इशारा किया था, जो नाजी सैल्यूट नहीं था।”
इतिहासकार आरोन एस्टर ने भी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने लिखा, “मैंने एलन मस्क की बार-बार आलोचना की है कि उन्होंने इस प्लेटफॉर्म को नव-नाजियों के लिए खुला छोड़ दिया। लेकिन यह इशारा नाजी सैल्यूट नहीं था।” उन्होंने आगे कहा, “यह एक सामाजिक रूप से अजीब ऑटिस्टिक व्यक्ति का इशारा था, जो यह कह रहा था, ‘मेरा दिल आप सबके लिए है।’”
यह टिप्पणी मस्क के 2021 के उस खुलासे का संदर्भ देती है, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें एस्पर्जर सिंड्रोम है, जो ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम का एक प्रकार है।
रैली में शामिल व्यक्ति बोले: मस्क का इशारा महज मजाक था
रैली में मौजूद लोगों की राय बंटी हुई थी। 29 वर्षीय पादरी और टेक वर्कर ब्रैंडन गालाम्बोस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मस्क बहुत मजाकिया हैं और अक्सर व्यंग्य करते हैं। वह इशारा? वह केवल एक मजाक था, इससे ज्यादा कुछ नहीं।”
यह घटना एक बार फिर मस्क की रहस्यमयी सार्वजनिक छवि को उजागर करती है। दुनिया के सबसे प्रभावशाली और आलोचनाओं के घेरे में रहने वाले व्यक्तियों में से एक होने के नाते, उनका हर कदम प्रशंसा और आलोचना दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है।