डोनाल्ड ट्रंप ने कल एक बड़ा ऐलान करके दुनिया को चौंका दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिए छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बनाने का ऐलान किया है। ऐसा लगता है कि इंडो पेसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल के कारण अमेरिका ने यह फैसला लिया है ।
नये विमान का नाम होगा एफ47
अमेरिका के इस विमान का नामकरण भी कर दिया है। इस लड़ाकू विमान को एफ47 के नाम से हम सब जानेंगे। एफ 47 विमान को बोईंग कंपनी के द्वारा बनाया जाएगा। 2030 में यह विमान बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका की सुरक्षा के मद्देनजर इस लड़ाकू विमान को बनाने का फैसला किया गया है। यह विमान अमेरिका की वायुसेना में 2030 में शामिल हो जाएगा। .
एफ47 लेगा एफ22 इस स्टेल्थ वॉर लड़ाकू विमान की जगह
अमेरिका में 20 सालों से f22 स्टेल्थ वॉर लड़ाकू विमान ही प्रयोग में लाया जा रहा है अब इसकी जगह एफ47 को मिलेगी। इस विमान को बनाने का उद्देश्य ही एफ22 स्टेल्थ वॉर प्लेन को रिप्लेस करना है। अब नया विमान नई टेक्नोलॉजी से दक्ष होगा बिना पायलट के भी इस विमान को उड़ाया जा सकेगा।
f47 विमान की क्या है खासियत ..
f47 विमान एक एडवांस्ड एयरक्राफ्ट होगा। यह बिना पायलट वाले ड्रोन के साथ काम करने में भी सक्षम होगा। इस लड़ाकू विमान में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी और किसी भी देश के किसी भी लड़ाकू विमान से इसकी तुलना नहीं की जा सकेगी। यह विमान अपने स्पीड, मोबिलिटी, पेलोड के मामले में सबसे आगे होगा। इस विमान का निर्माण ही भविष्य में होने वाले युद्ध को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह ऐसा विमान होगा जिसे अभी तक किसी ने भी नहीं देखा है। यह विमान बिना पायलट वाले ड्रोन के साथ मिलकर काम कर सकेगा। सहयोगी और मित्र देशों के लिए भी फाइटर जेट एफ47 का टोन्ड डाउन वर्जन उपलब्ध होगा। इस विमान में उच्च स्तर की गतिशीलता होगी। स्टील्थ तकनीक होगी और सुपरक्रूज होगा। यह विमान आफ्टर बर्नर के बिना भी सुपर सैनिक उड़ान बनाए रखने में सक्षम होगा।
अमेरिका के पास है पहले से ही कौन-कौन सी विमान?
अमेरिका के पास पहले से ही एफ15, एफ16 एफ 18, एफ 22 और एफ35 विमान शामिल है इस समय अमेरिका का एफ35 विमान सबसे अच्छे व आधुनिक विमान में से एक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस विषय में ज्यादा बताने से किया इनकार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुरक्षा कर्म से इस विषय में ज्यादा जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी शुरुआती लागत कम से कम 20 अरब डॉलर होगी। अमेरिका की कई स्पेस कंपनीयों के बीच इस जेट विमान की डील के लिए तगड़ा कंपटीशन था जिसमें बोइंग ने बाजी मार ली और इस डील को हासिल कर लिया। बताया जा रहा है कि इस विमान की टेस्टिंग पिछले 5 महीने से गुप्त रूप से हो रही है पिछले 5 महीने से यह विमान उड़ान भर रहा है यह विमान। उम्मीद जताई जा रही है कि यह विमान पिछले सभी विमानों से अधिक बेहतर है। इस विमान को नामकरण वायु सेवा के जनरल ने दिया है उनका कहना है कि यह एक बहुत शानदार नंबर है।
बोइंग के लिए यह डील है एक वरदान
बोइंग कंपनी का कहना है कि यह उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि पिछले साल बोइंग के कर्मचारियों ने हड़ताल की थी व कंपनी को सुरक्षा समस्याओं का भी सामना करना पड़ा था। इसके NGAD प्रयास को लागत सम्बंधित चिताओं के कारण 2024 में रोकना पड़ा था। उसे समय NGAD फ्रेम की कीमत 300 मिलियन डॉलर बताई जा रही थी जिसे की कांग्रेस के बजट कार्यालय में 2018 में अस्वीकार कर दिया था और अब जबकि ट्रंप नए राष्ट्रपति बने हैं वायु सेवा केएक अधिकारी का कहना है की कि जब।NGAD को रोका गया उसके बाद एक शोध के द्वारा निष्कर्ष निकाला गया कि कल भी आज भी और आने वाले कल में भी एयर सिक्योरिटी,, एयर सुपीयरिटी का एक विशेष महत्व है।