Tuesday, December 24, 2024
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डॉलर की रफ्तार थमी, बिटकॉइन ने रचा इतिहास: ट्रंप की नीतियों और फेड के फैसलों पर टिकी निगाहें

डॉलर की बढ़त पर लगा विराम

गुरुवार को अमेरिकी डॉलर की बढ़त पर ब्रेक लग गया। बाजार ट्रंप की संभावित नीतियों के प्रभाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती की दिशा को लेकर असमंजस में है। डॉलर इंडेक्स, जो प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है, 0.11% गिरकर 106.49 पर आ गया। हालांकि, यह अब भी पिछले सत्र की बढ़त को बनाए रखने में सफल रहा और एक साल के उच्चतम स्तर 107.07 के करीब बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में डॉलर के खिलाफ सट्टा लगाना मुश्किल है। सिटी इंडेक्स के वरिष्ठ विश्लेषक मैट सिम्पसन ने कहा, “डॉलर पर दबाव डालना आसान नहीं है, खासकर तब जब फेड की दरों में कटौती को लेकर स्पष्टता नहीं है।”

फेड की नीतियों को लेकर असमंजस

बाजार में फेड की दरों में कटौती को लेकर असमंजस गहरा गया है। पिछले हफ्ते जहां दिसंबर में दरों में कटौती की संभावना 82.5% थी, वहीं अब यह घटकर 54% रह गई है। सीएमई के फेडवॉच टूल के अनुसार, यह बदलाव ट्रंप की आर्थिक नीतियों से संभावित मुद्रास्फीति के बढ़ने के डर के चलते हुआ है।
रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, अर्थशास्त्री अब 2025 में अपेक्षा से कम दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। ट्रंप की योजनाओं से संभावित आर्थिक उथल-पुथल के चलते फेड को संतुलित नीति अपनाने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

वैश्विक व्यापार पर मंडराते सवाल

ट्रंप के चुनावी वादे—विशेष रूप से चीन और यूरोप से आयात पर शुल्क लगाने की योजना—वैश्विक व्यापार के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा रहे हैं। इन नीतियों का समय और प्रभाव अभी अस्पष्ट है, जिससे बाजार अस्थिरता की स्थिति में है।
बैंक ऑफ सिंगापुर के मुद्रा विशेषज्ञ मोह सियोंग सिम ने कहा, “फिलहाल, बाजार ट्रंप की टीम के गठन और उनके एजेंडे की दिशा का इंतजार कर रहा है। स्पष्टता की कमी निवेशकों को सतर्क बनाए हुए है।”
5 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद से डॉलर में 2% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका श्रेय इस उम्मीद को दिया जा रहा है कि ट्रंप की नीतियां मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकती हैं और फेड की दर कटौती की सीमा को सीमित कर सकती हैं।

बिटकॉइन की नई ऊंचाई

जहां एक तरफ पारंपरिक मुद्राएं उथल-पुथल के दौर से गुजर रही हैं, वहीं बिटकॉइन ने नई ऊंचाई छू ली है। गुरुवार को यह $97,902 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। ट्रंप की संभावित क्रिप्टो-हितैषी नीतियों की उम्मीद में बिटकॉइन लगातार मजबूत हो रहा है।
खबरों के मुताबिक, ट्रंप की सोशल मीडिया कंपनी क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Bakkt को खरीदने की योजना बना रही है। इस अटकल ने बिटकॉइन की रैली को और भी मजबूती दी है। गुरुवार को बिटकॉइन 2.54% की बढ़त के साथ $96,860 पर ट्रेड कर रहा था।

यूरो और पाउंड पर असर

यूरो ने गुरुवार को मामूली सुधार दर्ज किया और $1.0554 पर आ गया। हालांकि, यह अब भी पिछले सप्ताह के $1.0496 के निचले स्तर के करीब बना हुआ है। यूरोप में जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष और संभावित व्यापार शुल्क ने यूरो पर दबाव बनाए रखा है।
सिटी इंडेक्स के सिम्पसन ने कहा, “रूस-यूक्रेन संकट और व्यापार शुल्क की आशंकाएं यूरो के लिए नकारात्मक संकेत हैं। इससे डॉलर इंडेक्स को मजबूती मिली है।”
दूसरी ओर, ब्रिटिश पाउंड $1.2652 पर स्थिर रहा, जिसमें 0.04% की मामूली बढ़त देखी गई।

जापानी येन की स्थिति

जापानी येन पर भी दबाव देखा गया। बैंक ऑफ जापान के गवर्नर काज़ुओ उएदा ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा दरों को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां तैयार करेगा।
येन पिछले हफ्ते 38 साल के निचले स्तर पर पहुंचा था, जिससे बाजार में चिंता बढ़ गई थी कि जापानी अधिकारी मुद्रा को स्थिर करने के लिए कदम उठा सकते हैं। उएदा की टिप्पणी के बाद डॉलर-येन जोड़ी 0.51% गिरकर 154.63 पर आ गई।

निष्कर्ष: अनिश्चितता के बीच उम्मीदें

डॉलर और बिटकॉइन दोनों इस समय वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं। ट्रंप की नीतियों का प्रभाव, फेड की दर कटौती का भविष्य, और भू-राजनीतिक तनाव बाजार की दिशा तय करेंगे।
जहां डॉलर अपनी मजबूती बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, वहीं बिटकॉइन निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा है। आने वाले समय में पारंपरिक मुद्राओं और क्रिप्टोकरेंसी के बीच यह संतुलन वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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