नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा चुनावों में लोकतांत्रिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, गौतम बुद्ध नगर में कार्यरत दिल्ली के मतदाताओं को 5 फरवरी, बुधवार को मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश प्रदान किया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्वाचन प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
सभी कर्मचारियों को मिलेगा मतदान का अवसर
जिले के विभिन्न व्यवसायों, उद्योगों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों को मतदान के लिए सवैतनिक अवकाश दिया जाएगा। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई नियोक्ता इस निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार ने मतदान दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया कि 5 फरवरी, बुधवार को सभी सरकारी कार्यालयों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए अवकाश रहेगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
ईवीएम की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मतदान केंद्रों पर ईवीएम की सुचारू व्यवस्था के लिए मंगलवार को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत इन्हें दिल्ली के मतदान केंद्रों तक पहुँचाया जाएगा। ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिए पूर्वी दिल्ली के आईटीआई नंद नगरी और खेलगांव में स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए हैं।
भीड़ प्रबंधन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निर्वाचन कार्यालय ने विस्तृत योजना बनाई है। ईवीएम का वितरण तीन चरणों में किया जाएगा, प्रत्येक चरण के बीच एक से दो घंटे का अंतराल रखा जाएगा ताकि अव्यवस्था से बचा जा सके।
यातायात और सुरक्षा प्रबंधन
ईवीएम को मतदान केंद्रों तक पहुँचाने के लिए विशेष बसों का उपयोग किया जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ईवीएम वितरण केंद्रों के पास यातायात नियंत्रण के लिए कड़े प्रबंध किए हैं ताकि किसी भी प्रकार की भीड़ या जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
पूर्वी जिला निर्वाचन अधिकारी अमोल श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 186 मतदान केंद्र और 1,020 मतदान बूथ बनाए गए हैं। मंगलवार सुबह से ईवीएम वितरण प्रक्रिया प्रारंभ होगी, और इस दौरान भारी भीड़ की संभावना व्यक्त की गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में अधिक से अधिक मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके।