दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख आ गई है. 20 फरवरी को 4.30 बजे दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा. बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण का आयोजन दिल्ली के राम लीला मैदान में होगा.
बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में 3 मंच बनाए जाएंगे. एक बड़ा मंच 40×24 का होगा. वहीं, दो मंच 34×40 के होंगे. मंच पर लगभग 100 से 150 कुर्सियां लगाई जाएंगी. आम लोगों के बैठने के लिए करीब 30 हजार कुर्सियां लगाई जाएंगी.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिली बंपर जीत के बाद से ही यह पूछा जा रहा था कि आखिरकार दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कब होगा. पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी सहित कई लीडर लगातार यह सवाल पूछ रहे थे कि दिल्ली के सीएम के शपथ ग्रहण की तारीख और नाम का ऐलान आखिर कब किया जाएगा.
अब बीजेपी के सूत्रों से आयोजन की तारीख और समय के बारे में जानकारी सामने आ गई है. हालांकि, अब तक यह सामने नहीं आया है कि आखिर दिल्ली की कुर्सी किसे मिलेगी. सभी को दिल्ली के सीएम का नाम सामने आने का इंतजार है.
बीजेपी ने हासिल की है बड़ी जीत
बीजेपी ने पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. पार्टी 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में आई है. बीजेपी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 48 पर जीत हासिल की. वहीं आप को 22 सीटें मिली. विधानसभा चुनाव नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को हुई थी. अब विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री के शपथ में हो रही देरी पर सवाल उठा रही है.
आज ही कार्यवाहक सीएम आतिशी ने कहा, ”दिल्ली चुनाव के नतीजे आए दस दिन बीत गए हैं. दिल्ली वालों ने उम्मीद की थी कि 10 फरवरी को शपथ ग्रहण होगा और फिर उनका काम शुरू होगा, लेकिन जनता इंतजार करती रह गई. इससे यह साबित हो गया है कि बीजेपी के पास दिल्ली की सरकार चलाने के लिए सीएम का एक भी चेहरा नहीं है.”
सीएम पद की रेस में कौन-कौन?
मुख्यमंत्री पद की रेस में प्रवेश वर्मा, बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय शामिल हैं. इसके साथ ही पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय सहित अन्य को भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. प्रवेश वर्मा ने विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया है. वह जाट बिरादरी से आते हैं.
हालांकि बीजेपी में कई नेताओं का मानना है कि राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तरह बीजेपी नेतृत्व नवनिर्वाचित विधायकों में से किसी एक पर दांव लगा सकता है.