नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने रसोई गैस (LPG) सिलेंडर की कीमतों में ₹50 की बढ़ोतरी की है। यह वृद्धि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए ₹500 से बढ़कर ₹550 और सामान्य उपभोक्ताओं के लिए ₹803 से बढ़कर ₹853 तक की गई है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि यह कदम तेल विपणन कंपनियों को ₹43,000 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए उठाया गया है।
पुरी ने जानकारी दी कि,
“PM उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को अब प्रति सिलेंडर ₹550 चुकाने होंगे, जबकि आम नागरिकों को ₹853। इस बदलाव की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी—हर 15 से 30 दिनों के भीतर।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पेट्रोल और डीजल पर हाल में जो ₹2 प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, उसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। यह कदम विशेष रूप से गैस क्षेत्र में हुए बड़े नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है।
तेल कंपनियों को घाटे की भरपाई की कवायद
तेल विपणन कंपनियों ने बीते महीनों में ₹43,000 करोड़ का घाटा झेला है, खासकर गैस वितरण के क्षेत्र में। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने LPG की कीमतों में यह संशोधन किया है।
अभी पेट्रोल-डीजल की कीमत स्थिर
हालांकि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) बढ़ा है—पेट्रोल पर ₹13 प्रति लीटर और डीजल पर ₹10—लेकिन खुदरा कीमतों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, खुदरा मूल्य यथावत बने रहेंगे।
हर 2-3 हफ्तों में समीक्षा का वादा
मंत्री पुरी ने यह भी कहा कि LPG की कीमतों में यह बदलाव स्थायी नहीं है।
“हम हर 15-30 दिन पर मूल्यांकन करेंगे। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो हम उपभोक्ताओं को राहत देने पर भी विचार कर सकते हैं।”
निष्कर्ष:
जहां एक ओर यह वृद्धि आम जनता की जेब पर असर डालेगी, वहीं सरकार का दावा है कि यह देश की ऊर्जा कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए आवश्यक है। आने वाले हफ्तों में इन दरों पर पुनर्विचार की उम्मीद जताई जा रही है।