कोलंबिया का बड़ा यू-टर्न: भारत के पक्ष में आया समर्थन
भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान में हुई मौतों पर दिया गया बयान वापस ले लिया है, और अब भारत के रुख का समर्थन करने वाला आधिकारिक बयान जारी करने जा रहा है।
यह बदलाव कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारत के बहु-पक्षीय प्रतिनिधिमंडल की कोलंबिया यात्रा के दौरान सामने आया। थरूर ने बताया कि कोलंबिया अब भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति का समर्थन करेगा, जो पहले के बयान से विपरीत है।
कूटनीतिक प्रयासों से बदली स्थिति
भाजपा नेता और पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबियाई अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और पहलदगाम हमले की टाइमलाइन व संदर्भ स्पष्ट किए, जिससे उनके रुख में यह परिवर्तन आया।
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा विल्लाविसेंसियो ने कहा:
“अब हमारे पास पूरी जानकारी है, जिससे हम संवाद जारी रख सकें और भारत की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकें।”
“आतंकी और रक्षक बराबर नहीं हो सकते”
शशि थरूर ने दो टूक कहा कि
“जो आतंकवादी भेजते हैं और जो आत्मरक्षा करते हैं, उनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती।”
उन्होंने दोहराया कि भारत के पास पहलदगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट प्रमाण हैं।
“हम केवल आत्मरक्षा का अधिकार निभा रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे कोलंबिया ने वर्षों तक किया है।”
प्रतिनिधिमंडल की भूमिका
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कई दलों के नेता शामिल हैं, जिनमें सर्फराज अहमद (JMM), जीएम हरीश बालयोगी (TDP), शशांक मणि त्रिपाठी (BJP), भुवनेश्वर कलीता (BJP), मिलिंद देवड़ा (Shiv Sena), तेजस्वी सूर्या (BJP), और राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं।
यह दल पनामा और गुयाना की यात्रा के बाद कोलंबिया पहुँचा है। इनका उद्देश्य है — पहलदगाम हमले के बाद भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को वैश्विक मंच पर समर्थन दिलाना।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की निर्णायक कार्रवाई
22 अप्रैल को हुए पहलदगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस दौरान पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।
इसके बाद 8, 9 और 10 मई को पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले किए गए, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार मजबूत प्रतिक्रिया दी।
10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद एक समझौते के तहत तनाव को विराम दिया गया।
निष्कर्ष
कोलंबिया द्वारा भारत के पक्ष में जारी किया जाने वाला नया बयान यह दिखाता है कि भारत की वैश्विक साख और आतंकवाद के प्रति उसकी नीति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन मिल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की रक्षा नीति की सफलता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और कूटनीति का शक्तिशाली उदाहरण भी है।