Tuesday, January 7, 2025
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भारत में चीन एचपीवी वायरस के प्रसार की रिपोर्ट की निगरानी कर रहा है स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है चिंता की कोई बात नहीं

कोरोना के बाद चीन में फिर एक नया वायरस सक्रिय हो गया है। क्या यह भारत के लिए खतरा हो सकता है आइए जानें

क्या है यह वायरस

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस एचएमपीवी का प्रकोप हो गया है। जिसके कारण चीन में अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। हॉस्पिटलों के बाहर भारी भीड़ दिखाई दे रही है। सभी के लिए चीन का यह दृश्य चिंता का विषय बन गया है। आईए जानते हैं क्या है यह वाइरस और क्या हो सकते हैं इसके खतरे क्या यह वायरस कोरोना जैसा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में 2023 में भी इस वायरस का अटैक हुआ था।

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का क्या कहना है

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह चिंता के विषय नहीं है। एक सामान्य श्वसन तंत्र का वायरस है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र एनसीडीसी देश में श्वसन और मौसमी और न्फ्रलूएंजा की बारीकी से निगरानी कर रहा है। चीन के इस वायरस के कारण सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एक दूसरे के संपर्क में हैं। देश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉक्टर अतुल गोयल ने कहा कि चीन में मैटान्यूमो वायरस का एक आउटब्रेक है। चीन वाला वायरस गंभीर है। पर ऐसा नहीं लगता कि भारत में किसी गंभीर स्थिति की संभावना है। यहां पर मैटान्यूमो वायरस एक नॉर्मल रेस्पिरेट्री वायरस है जो जुकाम जैसी बीमारी करता है। कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। लेकिन यह अधिकतर बुजुर्गों और 1 साल से कम उम्र के बच्चों में ही दिखाई देते हैं। यह ऐसी सीरियस बीमारी नहीं कि हम कोरोना जैसे डर जाए।

कैसे हो सकती है इस बीमारी से रोकथाम

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक का कहना हैकी सर्दी के दिनों में भारत में रेस्पिरेटरी वायरस इंफेक्शन अधिकतर होते हैं लेकिन हमारे अस्पताल और संस्थान इन बीमारियों से निपटने के लिए तैयार है। इस वायरस के लिए कोई स्पेशल दवाइयां नहीं चाहिए होती है। इस वायरस का कोई स्पेसिफिक एंटीवायरल ड्रग नहीं है। उनका कहना है कि आईसीएमआर समेत विभिन्न माध्यमों में से जो डाटा मिल रहा है उसे पता लगता है कि भारत में स्थिति नियंत्रण में है इसलिए हमें पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। बस हमें संक्रमण से बचाव की आवश्यकता है। जिसको भी जुकाम फ्लू या बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं वह खुद को बाहर निकलने से रोके तो यह संक्रमण फैलने भी नहीं।

कोविड के दौरान किए गए बचाव की तरह ही इस वायरस से भी हमको खुद को बचाना होगा। बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करें। बाहर से आने पर हाथ साफ करें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें और डॉक्टर से पूछ कर ही दवा ले। इस वायरस का कोई टीका नहीं है लेकिन इसके लक्षण सर्दी जुकाम जैसे ही होते हैं।

क्या है लक्षण एचएमपीवी वायरस के

यह वायरस कोविड की तरह ही है। बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी, बदन दर्द यह सभी लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं। इसमें अचानक से बुखार आ जाता है। सूखी या लगातार खांसी होती है। सर में तेज दर्द होता है। मांसपेशियों में दर्द, थकान और कमजोरी कुछ मरीजों को मतली, उल्टी या डायरिया भी हो सकता है।

क्या है एचएमपीवी वायरस

यह एक आरएनए वायरस है। यह न्यू मोवायरिडे फैमिली के मेटापन्यूमो वायरस क्लास से जुड़ा है।

दो दशक पहले 2001 में पहली बार एक डच रिसर्चर ने इसकी खोज की थी। यह निमोनिया करने वाले वायरस की फैमिली से आता है। इसके कारण अपर और लोअर रेस्पिरेट्री डिजीज हो सकती है।रेस्पिरेट्री ऑर्गन में इंफेक्शन हो सकता है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें यह आसानी से फैलता है।

क्यों डरे हुए हैं लोग

कोविड भी सबसे पहले चीन में ही आया था। 5 वर्ष पहले चीन में कोविड के समय ऐसे ही मामले आए थे और धीरे-धीरे इस बीमारी ने पूरे विश्व को अपने कब्जे में ले लिया था। लोग इसलिए डरे हुए हैं क्योंकि शुरू में इस बीमारी के लक्षण हल्के हल्के दिखाई दिए थे। फिर बाद में यह महामारी के रूप में फैल गई थी। लोगों को डर है कि कहीं यह वाइरस भी कोरोना की तरह एक जानलेवा महामारी ना बन जाए।

कैसे फैलता है यह वायरस

संक्रमण के तीन से पांच दिनों में इस वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह वायरस वैसे तो हर मौसम में रहता है लेकिन सर्दियों के मौसम में इसके लक्षण विशेष रूप से दिखाई देते हैं। अगर यह वायरस आपके शरीर में फैल जाए तो आपको निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने के भी संभावना होती है

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