एप्पल भारत में अपना कामकाज शुरू करने वाली है इसी सिलसिले में एप्पल ने चीन से अपना व्यापार कम करना शुरू कर दिया है। अपनी फैक्ट्री, अपने कार्यभार को धीरे-धीरे एप्पल ने भारत में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। चीन इस बात से नाराज है और चीन ने एप्पल के शिपमेंट को अपने पोर्ट पर ही रोक लिया है आईए जानते हैं इस विषय में आगे
दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी एप्पल ने चीन से अपना कारोबार समेटा
एप्पल ने भारत से करीब 1 लाख करोड रुपए के प्रोडक्ट का निर्यात 2024 में किया है। चीन के शिपमेंट को रोकने के कारण आगे कच्चे माल की अनुपलब्धता की संभावना है जिसके कारण एप्पल के प्रोडक्ट डिले हो सकते हैं। एप्पल ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। एप्पल के साथ फॉक्सकॉन इंडिया ने भी चीनी बंदरगाहों से विशेष निर्माण उपकरणों की देरी के लिए भारत सरकार से हस्तक्षेप करने के लिए अनुरोध किया है।
शिपमेंट में देरी से क्या हो सकता है परिणाम
अगर शिपमेंट में देरी होती है और वह देरी लंबे समय तक होती है तो फिर एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग प्लानिंग में इफेक्ट पड़ सकता है। जिसके कारण भारत के निर्यात लक्ष्य पर भी इसका असर पड़ेगा। पहले तो एप्पल को लगा कि कुछ समय बाद चीन शिपमेंट को खुद ही रिपोर्ट कर देगा लेकिन अब जबकि कई महीनो से शिपमेंट पोर्ट में ही अटकी है ऐसे में लगता है कि चीन जानबूझकर ही भारत को शिपमेंट नहीं भेज रहा। चीन के इस कदम से भारत के हैंडसेट और इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस में बड़ी परेशानियां खड़ी हो सकती है। इस समय भारत विकास के पद पर अग्रसर है और अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए निर्माण योजना पर ध्यान दें रहा है। इस विषय में एप्पल ने आईटी मंत्रालय के सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों को इस विषय में सूचित किया है।
क्या चीन ले रहा है बदला
भारत में अभी हाल ही में चीन के अधिकारियों पर वीजा के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। भारत चीन को भारत में निवेश भी नहीं करने दे रहा है। जिसके कारण चीन भारत को परेशान कर रहा है। चीन के भारत से चिढ़ने की एक वजह एप्पल का चीन से भारत में शिफ्ट होना भी है।
एप्पल को क्यों उठानी पड़ रही है दिक्कतें
एप्पल की मोबाइल कंपनी को नए आईफोन मॉडल के ट्रायल के लिए नई मशीन की आवश्यकता होती है। आईफोन की नई मशीन चीन भारत आने ही नहीं दे रहा है। अगर शिपमेंट में ऐसे डिले होता रहा तो फिर बहुत देरी हो जाएगी। एप्पल ने भारत में आईपॉड मैक बुक, एयरॅपाड बनाना भी शुरू कर दिया है। चीन के चिढ़ने का एक कारण यह भी है कि एप्पल ने भारत में पूरी तरह से कारोबार शुरू कर दिया है। और उसने अपने सारे प्रोडक्ट भारत में बनाना शुरू कर दिया है।
एप्पल ने 2024 में भारत में शुरू किया था अपना व्यापार
एप्पल ने अपने एग्रीमेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स फॉक्सकॉन और पेगलट्रान के साथ मिलकर आईफोन 16 प्रो और आईफोन 16 प्रो मैक्स का निर्माण शुरू किया था। एप्पल का कारोबार पुणे में है। पुणे में जबिल में चीन ने अपनू इयरपाॅट वायरलेस चार्जिंग शुरू की।तभी से एप्पल ने मैन्युफैक्चरिंग पार्ट्स बनाना शुरू कर दिया था।
2024 में एप्पल के भारत में आने के बाद इन सभी चीजों का उत्पादन भी बड़ा है। फॉक्सकॉन 2025 की जुलाई की शुरुआत से अपने तेलंगाना प्लांट में इयरपाॅट का निर्माण शुरू करने की सोच रहा है लेकिन चीन के शिपमेंट पर देरी के कारण सभी प्रोग्राम डिले होते जा रहे हैं। चीन के असहयोगात्मक रवैये के कारण एप्पल ने अपने कुछ आईपैड उत्पादन को वियतनाम में भी शिफ्ट कर दिया था।
फॉक्स कॉन के किस रवैया के कारण चीन ने उठाया यह कदम
चीन के असहयोगात्मक रवैये को देखकर फाॅक्स काॉन ने अपनी कंपनी में चीनी कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। फाॅकस कान ने भारत में अपने एप्पल आईफोन फैक्ट्री में चीनी कर्मचारियों की नई शिफ्ट को फैक्ट्री में प्रवेश नहीं करने दिया। चीनी कर्मचारियों के बदले एप्पल ने ताइवान कर्मचारियों को फैक्ट्री में भेजा। कहां जा रहा है कि चीन एप्पल से इसी बात का बदला शिपमेंट को रोककर ले रहा है।