परिचय
भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को सख्ती से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि चीन द्वारा नाम बदलने का यह “रचनात्मक प्रयास” उस सच्चाई को नहीं बदल सकता कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा खारिज
बुधवार को भारत ने चीन के अरुणाचल प्रदेश पर दावे को सख्ती से नकारते हुए, राज्य में स्थानों के नाम बदलने के उसके प्रयास का पुरजोर विरोध किया। विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चीन का यह रचनात्मक नामकरण प्रयास उस सच्चाई को नहीं बदल सकता कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
मूर्खतापूर्ण प्रयासों का विरोध
MEA ने कहा, “हमने देखा है कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के निरर्थक और हास्यास्पद प्रयास करता रहा है। हमारी सैद्धांतिक स्थिति के अनुरूप, हम इन प्रयासों को सख्ती से खारिज करते हैं।” मंत्रालय ने आगे कहा कि “रचनात्मक नामकरण से सच्चाई नहीं बदल सकती कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।”
चीन की पुरानी कोशिशें
चीन ने कई बार अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के लिए नक्शे जारी किए हैं। 2024 में, चीन ने राज्य के भीतर 30 और स्थानों के नए नाम जारी किए थे, जिसे भारत ने दृढ़ता से खारिज कर दिया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्पष्ट संदेश
इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, “अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश था, है और हमेशा भारत का राज्य रहेगा। नाम बदलने से सच्चाई पर कोई असर नहीं पड़ता।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हमने इसे सही शब्दों में मूर्खतापूर्ण कहा। इसे बार-बार करने से भी यह मूर्खतापूर्ण ही रहेगा। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूँ कि अरुणाचल प्रदेश था, है और हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा।”
अंतर्राष्ट्रीय संदेश
जयशंकर ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मैं इसे इतनी स्पष्टता से कह रहा हूँ कि न केवल देश में बल्कि देश के बाहर भी लोग इस संदेश को बहुत स्पष्ट रूप से समझ सकें।”
निष्कर्ष
भारत का रुख स्पष्ट है – अरुणाचल प्रदेश पर किसी भी प्रकार का दावा या नाम बदलने का प्रयास न केवल निराधार है, बल्कि भारत की संप्रभुता के खिलाफ भी है। चीन के इन प्रयासों से वास्तविकता नहीं बदलेगी, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।