पूर्व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को की गई।
गिरफ्तारी और ED की कार्रवाई
ED ने इस साल की दूसरी बार भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी की। भिलाई स्थित उनके घर पर यह छापेमारी की गई, जहां चैतन्य बघेल रहते हैं। ED ने इस छापेमारी के बाद चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया।
इस गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए इसे उनके बेटे के जन्मदिन पर ‘गिफ्ट’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम उन्हें उस परियोजना को लेकर बोलने से रोकने के लिए उठाया गया, जिसमें आदानी समूह द्वारा तामनार में कोल माइन के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया
भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मोदी और शाह ने मेरे बेटे के जन्मदिन पर ED को भेजा है। यह सब उनके दबाव में किया जा रहा है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। हम सत्य की लड़ाई लड़ेंगे।”
बघेल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया गया था, क्योंकि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के सभी विधायक विरोध में थे।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद की राजनीति
भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि ED, IT, CBI और DRI जैसे सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस के नेता ने यह भी कहा कि यह गिरफ्तारी और छापेम
मारी पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं को कमजोर करने के लिए यह कदम उठाया है और इस तरह की कार्रवाई से उनका मनोबल तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सब हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने की साजिश है। मोदी सरकार और उनके सहयोगियों द्वारा हमारे खिलाफ किए गए इन कृत्यों को लोग समझ चुके हैं और अब उन्हें यह सब दिखने लगा है। हम डरने वाले नहीं हैं, और हम इसे लोकतंत्र के नाम पर हर हाल में चुनौती देंगे।”
ED की छापेमारी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
ED ने चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी, जो शराब घोटाले से जुड़े हुए थे। इस मामले में कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारियों के बीच भी चर्चा है कि राज्य में हुए शराब घोटाले में किसका हाथ हो सकता है और यह मामला किस स्तर पर फैला हुआ है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, चैतन्य बघेल का नाम उस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें अवैध शराब के व्यापार को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की घटनाएं सामने आई थीं। ED ने इस मामले की जांच के तहत कई संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की है, और अब चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने मामले को और जटिल बना दिया है।
भूपेश बघेल और कांग्रेस का विरोध
भूपेश बघेल ने अपने बयान में आरोप लगाया कि ED और अन्य केंद्रीय एजेंसियां सिर्फ सत्ता में बैठे लोगों के आदेशों पर काम कर रही हैं और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि वह आदानी समूह के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे थे। बघेल ने यह भी कहा कि चैतन्य के जन्मदिन पर ED का छापा और गिरफ्तारी उनके खिलाफ साजिश का हिस्सा है, ताकि उन्हें दबाया जा सके।
क्या है ‘ब्लड मनी’ और इसके संभावित प्रभाव
‘ब्लड मनी’ की अवधारणा कानून में एक विशेष मुआवजा है, जिसमें अपराधी के द्वारा पीड़ित परिवार को एक निश्चित धनराशि दी जाती है, ताकि वे हत्या के आरोपी के खिलाफ माफी दे सकें। यह प्रथा इस्लामी कानून के तहत मानी जाती है, और इसे कई देशों में अपराधियों को माफी दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस मामले में भी चैतन्य बघेल को राहत पाने के लिए ‘ब्लड मनी’ का रास्ता अपनाया जा सकता है, हालांकि इस पर अभी तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया है।
आखिरकार क्या होगा?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल ने यह मामला सरकार के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक दावे के रूप में प्रस्तुत किया है। वहीं, ED और अन्य जांच एजेंसियों का कहना है कि वे पूरी ईमानदारी से मामले की जांच करेंगे, ताकि कानून के अनुसार न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
इस बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ‘ब्लड मनी’ के जरिए इस मामले में कोई हल निकलता है या फिर यह मामला और भी जटिल हो जाता है। सरकार और विपक्ष दोनों के बीच चल रही इस राजनीतिक लड़ाई में अब आगे क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा।