सूर्य ग्रहण के बाद अब 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये साल का अंतिम चंद्र ग्रहण है, जो भारत में भी दिखाई देगा. भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई देगा. भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ ही दिखने लगेगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए यहां सूतक काल के नियम भी लागू होंगे. चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
भारत में यहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण
भारत के अलावा ये पूर्ण चंद्रग्रहण उत्तर/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका में दिखाई देगा। भारत में यह कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहाटी में दिखाई देगा। हालांकि, आंशिक चंद्र ग्रहण नई दिल्ली और भारत के अन्य हिस्सों में देखा जाएगा।
कहां-कहां दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण?
ये चंद्र ग्रहण ग्रहण उत्तरी पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर में दर्शनीय होगा. भारत में पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा, जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दृश्यमान होगा. कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, रांची और गुवाहाटी में पूर्ण चन्द्रग्रहण के दर्शन होंगे.
भारत में चंद्र ग्रहण दिखने का समय
यह भले ही साल का अंतिम चंद्र व पूर्ण चंद्रग्रहण है, लेकिन भारत के सभी राज्यों में यह दिखाई नहीं देगा। देश की राजधानी में भी यह आंशिक रूप से दिखाई देगा। वैसे तो ये ग्रहण दोपहर को 01 बजकर 32 मिनट से लगेगा, लेकिन भारत में ये चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट पर दिखना शुरू होगा। चंद्र ग्रहण का समापन शाम 6 बजकर 20 मिनट पर होगा। इसका सूतक 08 नवम्बर को सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर लग जाएगा।
ग्रहण काल के दौरान सावधानियां
चंद्र दर्शन के हिसाब से शाम 05 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 20 मिनट तक वास्तविक ग्रहण काल है. इस काल में प्रयास करें कि आप कोई आहार ग्रहण न करें. इस दौरान पूजा पाठ वर्जित है. गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से सावधानी बरतें. भगवान की मूर्तियों की स्पर्श न करें. ग्रहण काल के समाप्त हो जाने के बाद सम्भव हो तो स्नान कर लें या हाथ पैर धोकर कुछ न कुछ चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें. चावल, चीनी, दूध, नारियल और चांदी का दान शुभ होगा.
चंद्रग्रहण के बाद क्या करें
चंद्रग्रहण के बाद पूजा स्थान की साफ-सफाई करें. पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें. स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद अपने गुरु या शिव जी की उपासना करें. फिर किसी निर्धन व्यक्ति को सफ़ेद वस्तु का दान करें.