प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के घोंडा क्षेत्र में आयोजित एक चुनावी रैली में दिल्ली जल संकट पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के आरोपों का जोरदार जवाब दिया। केजरीवाल ने हाल ही में दावा किया था कि हरियाणा की बीजेपी सरकार दिल्ली को जो पानी सप्लाई करती है, उसमें जहर मिलाती है। इस आरोप का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्या बीजेपी की हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री के पीने वाले पानी में जहर मिला सकती है?
प्रधानमंत्री ने केजरीवाल के इस घटिया आरोप पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहे, खासकर यमुना की सफाई के मामले में। उन्होंने कहा, “यमुना की सफाई का वादा करके उन्होंने दिल्लीवासियों से वोट मांगे थे, लेकिन अब वह इसके लिए बिना शर्म के जिम्मेदारी से बच रहे हैं।”
पीएम मोदी का केजरीवाल पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में कहा, “आपने यमुना के मुद्दे पर वोट मांगे, लेकिन अब उन्हें अपने ही किए वादे के खिलाफ झूठ बोलने की आदत हो गई है। वह दिल्ली को पानी के लिए भीख मांगने की स्थिति में देखना चाहते हैं। उनका यह राजनीतिक स्वार्थ दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ा पाप है और इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा।”
इसके अलावा, पीएम मोदी ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह केजरीवाल द्वारा दिए गए इस आधारहीन आरोप पर कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा को बदनाम करने की इस साजिश को दिल्लीवाले और हरियाणा के लोग कभी नहीं भूलेंगे।
यमुना पानी युद्ध क्या है?
इस ‘यमुना पानी युद्ध’ की शुरुआत तब हुई जब अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को यह दावा किया कि हरियाणा की बीजेपी सरकार यमुना नदी में जहर मिला रही है, जिसका परिणाम दिल्ली में मिल रहा पानी पीने योग्य नहीं रह जाता। केजरीवाल के अनुसार, यमुना में अमोनिया का स्तर 700 गुना अधिक था, जो कि अत्यधिक प्रदूषण और औद्योगिक कचरे का परिणाम था।
इस आरोप को केजरीवाल के साथ-साथ उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी उठाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशी ने बीजेपी पर ‘पानी आतंकवाद’ का आरोप लगाया और चुनाव आयोग तथा दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की।
बीजेपी का जवाब
बीजेपी ने इन आरोपों का कड़ा जवाब दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताते हुए केजरीवाल से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा, “केजरीवाल को हरियाणा और दिल्ली के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी, तो हम उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।”
दिल्ली जल बोर्ड का बयान
दिल्ली जल बोर्ड ने केजरीवाल के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए इसे तथ्यहीन करार दिया। हालांकि, मुख्यमंत्री अतिशी ने इस बयान को संदेह के साथ लिया और आरोप लगाया कि जल बोर्ड पर बीजेपी का दबाव हो सकता है।
चुनावी मुद्दा: पानी
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, पानी और जल आपूर्ति एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन चुका है। केजरीवाल ने पहले ही वादा किया था कि अगर वह सत्ता में वापस आते हैं, तो वह बढ़े हुए पानी के बिलों को माफ करेंगे। 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में बीजेपी के लिए एकजुटता का संदेश दिया और यह भी कहा कि दिल्लीवासियों को एक ऐसा नेतृत्व चाहिए जो उनकी समस्याओं का समाधान करें, ना कि वह जो महज राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलें। महाकुंभ की तरह दिल्ली भी एक संघर्ष का मैदान बन चुकी है, जहां हर पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ जनता के दिल जीतने की कोशिश कर रही है।