नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025 – कल रात का आसमान हर किसी के लिए खास रहा। मौका था blood moon total lunar eclipse today यानी पूर्ण चंद्रग्रहण का, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के खगोल विज्ञान प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। जब पृथ्वी की छाया चाँद पर पूरी तरह पड़ी तो वह तांबे जैसी लालिमा से दमक उठा और यह दृश्य किसी स्वप्न से कम नहीं लगा।
क्या है blood moon total lunar eclipse today?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और सूर्य का प्रकाश सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाता। लेकिन इस बार का चंद्रग्रहण विशेष था क्योंकि यह पूर्ण चंद्रग्रहण था। ऐसे में चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में ढक जाता है और लाल रंग में चमकता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में “Rayleigh Scattering” और आम बोलचाल में Blood Moon कहा जाता है।
लालिमा का कारण यह है कि सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं। वायुमंडल नीली रोशनी को छान देता है और लाल रंग को आगे बढ़ाता है, जो चंद्रमा पर परावर्तित होता है। यही वजह है कि चंद्रमा तांबे जैसा लाल दिखाई देता है।
कब और कितनी देर तक दिखा ग्रहण?
कल रात का blood moon total lunar eclipse today समय की दृष्टि से भी बेहद खास रहा।
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रात 9:57 बजे – चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़नी शुरू हुई।
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11:01 बजे – चंद्रमा पूरी तरह छाया में ढक गया और लाल रंग में बदल गया।
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11:01 से 12:23 बजे – पूर्ण ग्रहण चला, जिसकी अवधि 82 मिनट रही।
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1:26 बजे रात – आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हुआ।
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2:25 बजे रात – पूरा ग्रहण खत्म हुआ और चाँद अपनी सामान्य चमक में लौट आया।
यह ग्रहण 2022 के बाद अब तक का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था और खास बात यह कि इसे पूरे भारत से साफ देखा जा सकता था।
भारत और दुनिया में नजारा
पूरे भारत में इस ग्रहण को देखने को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह रहा।
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लद्दाख, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई तक हर जगह आसमान की ओर नज़रें टिकी रहीं।
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हालांकि, मानसून की बारिश और बादलों ने कई जगह दृश्यता में बाधा डाली, लेकिन तकनीक ने निराश नहीं किया।
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भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) ने बेंगलुरु, लद्दाख और तमिलनाडु से लाइव स्ट्रीमिंग की, जिससे लाखों लोगों ने ऑनलाइन इस अद्भुत घटना का आनंद लिया।
भारत के अलावा यह खगोलीय नजारा एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी दिखाई दिया।
विज्ञान की नज़र से रक्त चंद्र
पूर्व ज्वाहरलाल नेहरू तारामंडल की निदेशक बी.एस. शैलजा के अनुसार, चंद्रग्रहण का यह लाल रूप हमें वायुमंडल की अद्भुत भूमिका समझाता है। अगर पृथ्वी के पास वातावरण न होता, तो चंद्रमा पूरी तरह काला दिखाई देता। लेकिन वातावरण सूर्य की लाल रोशनी को मोड़कर चंद्रमा तक पहुँचाता है और यह लालिमा उत्पन्न होती है।
निरुज मोहन रामानुजम (भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, विज्ञान संचार प्रमुख) के अनुसार, यह ग्रहण एक शुद्ध खगोलीय प्रयोगशाला जैसा है। इससे हमें पृथ्वी के वातावरण की संरचना और प्रकाश के बिखराव की प्रकृति को समझने का मौका मिलता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ
भारत में blood moon total lunar eclipse today जैसे घटनाओं का धार्मिक महत्व भी है। कई लोग चंद्रग्रहण के दौरान उपवास रखते हैं और भोजन या पानी ग्रहण नहीं करते। कुछ समुदाय ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके शुद्धिकरण की परंपरा निभाते हैं। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह आस्था और प्रकृति के संगम का प्रतीक है।
क्या है ग्रहण देखने का सही तरीका?
एक अच्छी खबर यह है कि पूर्ण चंद्रग्रहण को नंगी आँखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है। इसके लिए किसी विशेष चश्मे की ज़रूरत नहीं होती, जैसा कि सूर्य ग्रहण के समय जरूरी होता है।
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यदि आपके पास दूरबीन या टेलिस्कोप है तो अनुभव और रोमांचक बन जाता है।
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कैमरे से इस क्षण को कैद करने के लिए कई फोटोग्राफर्स पूरी रात जागते रहे।
अगला मौका कब मिलेगा?
कल रात का ग्रहण खास इसलिए भी रहा क्योंकि यह 2018 के बाद पूरे भारत से दिखाई देने वाला पहला पूर्ण चंद्रग्रहण था। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, अब अगला Total Lunar Eclipse भारत से 31 दिसंबर 2028 को दिखाई देगा। इसका मतलब है कि अब हमें फिर से तीन साल से अधिक इंतजार करना होगा।
बादलों ने किया निराश, लेकिन…
भारत के कई हिस्सों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और असम में बादलों और बारिश ने आसमान ढक दिया। कई लोग निराश हुए कि वे प्रत्यक्ष रूप से इस दृश्य का आनंद नहीं ले पाए। लेकिन यूट्यूब और सोशल मीडिया पर हजारों खगोल प्रेमियों ने लाइव स्ट्रीम किया, जिसने इस निराशा को काफी हद तक दूर कर दिया।
क्यों महत्वपूर्ण है यह घटना?
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वैज्ञानिक दृष्टि से – यह हमें पृथ्वी के वातावरण की भूमिका और प्रकाश के व्यवहार को समझने में मदद करता है।
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सांस्कृतिक दृष्टि से – भारत में ग्रहण से जुड़ी परंपराएँ और मान्यताएँ समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए हैं।
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सौंदर्य दृष्टि से – चाँद का लाल रूप एक अद्भुत प्राकृतिक दृश्य है जो लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
निष्कर्ष
blood moon total lunar eclipse today केवल एक खगोलीय घटना नहीं बल्कि विज्ञान, संस्कृति और सौंदर्य का संगम था। लालिमा से दमकते चाँद ने न केवल खगोलविदों बल्कि आम लोगों को भी आकर्षित किया। बादलों की अड़चन के बावजूद लाखों लोगों ने इस दुर्लभ घटना का आनंद लिया और यह रात उनकी स्मृतियों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई।
अगली बार जब 2028 में आकाश में Blood Moon दिखाई देगा, तब शायद तकनीक और अधिक उन्नत होगी और हम इस खगोलीय उत्सव को और भी भव्य तरीके से देख पाएँगे।