Sunday, June 1, 2025
Homeराष्ट्रीय समाचारबेंगलुरु में मूसलाधार बारिश का कहर: तीन की मौत, 500 घर जलमग्न,...

बेंगलुरु में मूसलाधार बारिश का कहर: तीन की मौत, 500 घर जलमग्न, सड़कें बनीं नदी, आगे भी पाँच दिन भारी बारिश की चेतावनी

बेंगलुरु डूबा, आसमान बरसा कहर

रविवार शाम से सोमवार सुबह तक महज़ 12 घंटे में बेंगलुरु पर 130 मिमी बारिश बरसी, और शहर का नक्शा ही बदल गया। तीन लोगों की जान चली गई, 500 से ज़्यादा घर पानी में डूब गए, 20 से अधिक झीलें छलकने की कगार पर हैं, और पॉश कॉलोनियाँ जलमार्ग में तब्दील हो गईं। अंडरपास और फ्लाईओवर बंद हो गए, वाहन रेंगते रहे और कई इलाकों में बस सेवाएं भी ठप पड़ गईं।

दो निम्न-दाबीय तंत्रों की टक्कर ने मचाया तांडव

दक्षिण, उत्तर और पूर्वी बेंगलुरु में गरज-चमक के साथ बारिश ने कहर बरपा दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी पाँच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। शहर की जीवनरेखा बनी सड़कें अब तालाब बन चुकी हैं।

BBMP का बयान: “कभी-कभी हालात काबू से बाहर हो जाते हैं”

BBMP के चीफ कमिश्नर महेश्वर राव ने इस बारिश को पिछले एक दशक की दूसरी सबसे बड़ी बारिश बताया और कहा कि “हम हालात को काबू में लाने की कोशिश कर रहे हैं।”

करंट से झुलस गई ज़िंदगियाँ

डॉलर कॉलोनी के मधुवन अपार्टमेंट में पानी निकालते समय 63 वर्षीय मनमोहन कामत और 12 वर्षीय दिनेश की करंट लगने से मौत हो गई। दिनेश, सिक्योरिटी गार्ड भरत का बेटा था और तीन महीने पहले नेपाल से अपने माता-पिता के साथ बेंगलुरु आया था।
कामत पहली मंज़िल पर रहते थे और पानी निकालने के लिए मोटर लाए थे। जैसे ही मोटर चालू हुई, दोनों को करंट लग गया। अस्पताल पहुँचने से पहले ही उनकी जान जा चुकी थी।

एक और हादसा: दफ़्तर की दीवार ने ले ली जान

व्हाइटफ़ील्ड में 32 वर्षीय सफाईकर्मी शशिकला डी की मौत तब हुई जब उनके दफ़्तर की कंपाउंड वॉल गिर गई। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार को ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

जल-प्रलय: बाढ़ का विस्तार

व्हाइटफ़ील्ड से लगभग 50 किलोमीटर दूर केंगरी के कोटे लेआउट में 100 घरों में पानी घुस गया। आरआर नगर के वृषभवती घाटी में बाढ़ में तीन गायें, एक बछड़ा और एक भैंस डूब गईं।
सड़कों पर बहते पानी में 44 कारें और 93 दोपहिया वाहन डूब गए या बह गए। 27 पेड़ उखड़ गए और 43 अन्य के भारी डाले टूट पड़े। स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) ने बोट के ज़रिए फंसे हुए लोगों को निकाला।

बारिश बनी आफत, ऑफिस फिर भी चालू

किसी भी बड़ी टेक कंपनी ने अभी तक ‘वर्क फ्रॉम होम’ की घोषणा नहीं की, लेकिन भविष्य में बारिश तेज़ होने पर वे सभी विकल्प खुले रखे हुए हैं।

बारिश की तीव्रता: नालों की क्षमता से कहीं ज़्यादा

केंगरी में 132 मिमी, वडेराहल्ली में 131 मिमी, चिक्कबनावारा में 127 मिमी, चौदेश्वरी नगर में 104 मिमी और केम्पेगौड़ा वार्ड में 103.5 मिमी बारिश हुई। बेंगलुरु के जल निकासी नाले सिर्फ़ 70 मिमी तक ही झेल सकते हैं। कोरमंगला, बसवनगुड़ी, माराथाहल्ली और HAL एयरपोर्ट क्षेत्र में भी 90 मिमी से ज़्यादा वर्षा दर्ज की गई।

झीलें लबालब, चौक-चौराहे डूबे

यलहंका की 29 झीलों में से 20 पूरी तरह भर चुकी हैं। सेंट्रल सिल्क बोर्ड जंक्शन जलमग्न हो गया। डबल रोड, रिचमंड टाउन और शांतिनगर जैसी जगहों पर सड़कें जल-संचय का दृश्य पेश कर रही थीं। इलेक्ट्रॉनिक सिटी का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे और आउटर रिंग रोड का माराथाहल्ली की ओर हिस्सा भी बंद करना पड़ा।

बसें भी हुईं बेबस

BMTC का शांतिनगर डिपो पूरी तरह पानी में डूब गया। सुबह 6 बजे जब ड्राइवर और कंडक्टर पहुँचे, तो बसें बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं था। सेंट्रल क्राइम ब्रांच ऑफिस भी पानी में डूब गया, जिससे आठ ग्राउंड फ़्लोर कमरों में रखे दस्तावेज़ बर्बाद हो गए।

महादेवपुरा से लेकर बेलंदूर तक हाहाकार

महादेवपुरा के कम से कम 10 स्थानों पर भारी जलभराव हुआ। साई लेआउट पूरी तरह जलमग्न हो गया। प्रशासन ने छह ट्रैक्टर, दो जेसीबी, तीन फायर टेंडर, 35 कर्मचारी और दो SDRF बोट राहत कार्य के लिए तैनात किए। प्रभावित लोगों को खाना और पानी वितरित किया गया।
माराथाहल्ली का दीपा नर्सिंग होम, चिन्नप्पनहल्ली फिफ्थ क्रॉस, पनथूर अंडरपास, ग्रीन हूड, इब्लूर जंक्शन, बालाजी लेआउट (कोथनूर), कृष्णा नगर (ए नारायणपुरा), सुनील लेआउट, हरालूर और बीएसपी लेआउट (कासावनहल्ली) से भी बाढ़ की खबरें आईं।

सिल्क बोर्ड जलभराव: कारणों की पड़ताल

दक्षिण बेंगलुरु के माडिवाला, कोरमंगला VI ब्लॉक और एजीपुरा भी पानी में डूब गए। बेलंदूर के पास एक अस्थायी बांध को मलबा हटाकर साफ किया गया ताकि पानी की निकासी हो सके। BBMP के इंजीनियर-इन-चीफ प्रह्लाद बीएस ने कहा कि सिल्क बोर्ड के पास वैकल्पिक नाली निर्माण का समन्वय न होने से जलभराव और बढ़ गया।

उन्होंने बताया कि बेंगलुरु की पुरानी जल निकासी प्रणाली 40 मिमी से 70 मिमी बारिश के लिए बनी थी। लेकिन अब, जलवायु परिवर्तन के दौर में, बारिश की गणना हमें मिनट दर मिनट करनी पड़ेगी। तेज़ी से फैलता शहरीकरण, बिना नालों के उन्नयन के, इस आपदा की जड़ है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments