चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज आखिरी परीक्षा होगी, जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है। अगले हफ्ते यूएई रवाना होने से पहले यह टीम के लिए फाइनल ड्रेस रिहर्सल साबित होगी। हालांकि, दुबई में प्रैक्टिस मैच होगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह सीरीज बेहद महत्वपूर्ण है—खासकर इसलिए क्योंकि भारत ने आखिरी वनडे सीरीज अगस्त में खेली थी, जहां श्रीलंका के खिलाफ 0-2 की हार मिली थी। यह 50 ओवर प्रारूप में गौतम गंभीर की पहली कोचिंग असाइनमेंट भी थी। ऐसे में कई अहम सवाल हैं जिनका जवाब इस सीरीज में तलाशा जाएगा।
रोहित शर्मा और विराट कोहली पर रहेंगी निगाहें
भारत के दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों के लिए यह सीरीज बेहद महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि हालिया प्रदर्शन ने उनके फॉर्म और भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। रणजी ट्रॉफी में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे संन्यास की अटकलें तेज हो गई हैं। दोनों ने पिछली बार श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज खेली थी, जहां रोहित ने 141.44 के स्ट्राइक रेट से 157 रन बनाए थे, जबकि कोहली केवल 58 रन ही बना पाए थे। हालांकि, 2023 वनडे विश्व कप में दोनों ने शानदार खेल दिखाया था, जहां कोहली 765 रन बनाकर टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे थे। क्या वे फिर से अपनी फॉर्म हासिल कर पाएंगे?
फिटनेस टेस्ट: मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव
भारत के गेंदबाजी आक्रमण में दो अहम खिलाड़ी चोट से उबरकर वापसी कर रहे हैं। शमी, जिन्होंने आखिरी बार वनडे विश्व कप के फाइनल में खेला था, हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में लौटे। हालांकि, सवाल यह है कि क्या वह 10 ओवर की गेंदबाजी करने में सक्षम हैं? उन्होंने पिछले महीने बंगाल के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में वापसी की और चार विकेट लिए, लेकिन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लगी घुटने की चोट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।
वहीं, कुलदीप यादव अक्टूबर से बाहर थे और उन्होंने स्पोर्ट्स हर्निया सर्जरी करवाई थी। हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में तीन विकेट लेकर वापसी की। अब देखना होगा कि वह अपनी लय हासिल कर पाते हैं या नहीं।
क्या जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत टिक पाएगा?
भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज की अनुपस्थिति इस सीरीज का सबसे बड़ा सवाल बनी हुई है। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने जनवरी में कहा था कि बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती दो वनडे नहीं खेलेंगे, क्योंकि उन्हें सिडनी टेस्ट में पीठ की चोट लगी थी। हालांकि, बीसीसीआई ने जब मंगलवार को संशोधित टीम जारी की, तो बुमराह का नाम ही गायब था, जबकि वरुण चक्रवर्ती को शामिल किया गया।
अगर बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी तक फिट नहीं होते हैं, तो भारत को उनके बिना खेलने की आदत डालनी होगी। ऐसे में शमी और अर्शदीप सिंह पर अतिरिक्त दबाव होगा। साथ ही, खबरों के मुताबिक, अगर बुमराह टूर्नामेंट से बाहर होते हैं, तो उनके स्थान पर अनकैप्ड तेज गेंदबाज हर्षित राणा को मौका मिल सकता है। क्या इस सीरीज में उन्हें आजमाया जाएगा?
केएल राहुल बनाम ऋषभ पंत: विकेटकीपर की पहेली
भारत की बल्लेबाजी क्रम में सबसे बड़ा सवाल विकेटकीपर की भूमिका को लेकर है। 2023 वनडे विश्व कप में केएल राहुल ने मिडिल ऑर्डर में शानदार बल्लेबाजी करते हुए विकेटकीपर-बल्लेबाज की भूमिका निभाई थी, क्योंकि पंत कार दुर्घटना के बाद ठीक हो रहे थे। राहुल ने टूर्नामेंट में 452 रन बनाए थे और 75.33 की औसत से शानदार प्रदर्शन किया था।
हालांकि, पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में राहुल और पंत दोनों खेले थे, लेकिन राहुल (31 और 0) और पंत (6) दोनों ही प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे थे। अगर पंत को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलती, तो भारत की शीर्ष छह बल्लेबाजी में कोई भी बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं होगा। हालांकि, विश्व कप में यह भारत के लिए कोई समस्या नहीं बनी थी। अब यह देखना होगा कि टीम प्रबंधन किसे तरजीह देता है।
क्या रवींद्र जडेजा अब भी भारत के नंबर 1 स्पिन ऑलराउंडर हैं?
पिछले दो सालों में वनडे क्रिकेट में जडेजा की उपयोगिता पर सवाल खड़े हुए हैं। 2022 से अब तक उन्होंने 19 पारियों में 73.24 के स्ट्राइक रेट से केवल 345 रन बनाए हैं और एक भी अर्धशतक नहीं लगाया। गेंदबाजी में भी वह 25 पारियों में 28.50 की औसत से 32 विकेट ही ले पाए हैं।
श्रीलंका दौरे से बाहर किए जाने के बाद अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर को मौका मिला था, और दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया। अक्षर ने 3.86 की इकॉनमी से चार विकेट लिए, जबकि सुंदर ने 3.88 की इकॉनमी से पांच विकेट झटके। ये दोनों भी बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, लेकिन जहां अक्षर बाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं, वहीं सुंदर दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत के पास अपनी अंतिम एकादश को परखने का यह आखिरी मौका है। इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में मिले जवाब चयन प्रक्रिया को स्पष्ट करेंगे, लेकिन कोई भी गलती टीम को बड़े टूर्नामेंट से पहले मुश्किल में डाल सकती है।