याद दिलाती है रूसी मिसाइल से शूटडाउन के बाद भी सही सलामत बचा विमान ओर उसके तीनों यात्री
कजाकिस्तान में हुए अज़रबैजान विमान दुर्घटना के विषय में कहां जा रहा है कि विमान पर रूसी सेना द्वारा हवा में मार करने वाली मिसाइले से हमला हुआ होगा। इस घटना ने 2003 में हुए एक ऐसे विमान हादसे की याद दिला दी है जिस पर मिसाइल से हमला हुआ था। लेकिन फिर भी वह सुरक्षित उतरा था और किसी की मृत्यु नहीं हुई थी।
आईए जानते हैं क्या अटकलें लगाई जा रही है अज़रबेजान एयरलाइंस के विमान के बारे में ?
हम सब जानते हैं कि 25 दिसंबर 2024 को अज़रबैजान एयरलाइंस का विमान अपने निर्धारित स्थान से रूस के ग्रोजनी जाने वाला था लेकिन इसे कजाकिस्तान के अक्तौ हवाई अड्डे पर डाइवर्ट करना पड़ा। यह विमान अक्तौ से 3 किलोमीटर दूर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।जिसमें लगभग 38 लोगों की मृत्यु हुई थी। कहा जा रहा है कि रूसी सेना के विमान ने इस पर गलती से हमला कर दिया था। युद्ध ब्लॉगरों का कहना है कि विमान को हवा में मार करने वाली मिसाइल के द्वारा मारा गया है। जबकि वह रूसी हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था। शायद रूस को लगा होगा कि कोई संयुक्त ड्रोन उन पर हमला कर रहा है।क्योंकि इस समय रूस संयुक्त ड्रोन हमने से निपटने की तैयारी ही कर रहा था।
आईए जानते हैं कौन सा था वह विमान जिस को ईश्वरीय वरदान के द्वारा सुरक्षित रूप से उतार लिया गया और कोई भी हताहत नहीं हुआ था।
एयरबस a30082 200 f कार्गो विमान को 22 नवंबर 2003 को बगदाद हवाई अड्डे से उड़ान भरनी थी। बगदाद हवाई अड्डे को पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डेके रूप में जाना जाता था।
विमान बहरीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जाने के लिए रवाना हुआ था। उस दिन विमान में तीन लोग थे। दो बेल्जियम के पायलट और एक स्कॉटिश फ्लाइट इंजीनियर।इस फ्लाइट कैप्टन के पास 3300 उड़ान घंटे थे।जिसमें से1500 से ज्यादा उड़ान घंटे उसेए 300 में बिताने थे। चालक दल के फर्स्ट पायलट के पास 1275 उड़ान घंटे थे और फ्लाइट इंजीनियर के पास 1349 घंटों का अनुभव था।उस समय उस क्षेत्र से संचालित सभी उड़ानें हमले के लिहाज से असुरक्षित थी। इसलिए वह जानते थे कि वह एक असुरक्षित क्षेत्र में विमान उड़ान उड़ा रहे हैं।इसलिए चालक दल ने विमान तक पहुंचने के बाद उस पर हमला करने वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के खुद तक पहुंचने की संभावनाओं को दूर करने के लिए अपने विमान को तेजी से ऊपर चढ़ाया।
इस समय अर्धसैनिक बलों के समर्थक हुसैन फदाइन सद्दाम समूह के लोगों ने विमान पर सतह से हवा में मार करने वाली सोवियत मूल की मिसाइल दागी। इस समय विमान 8000 मीटर की ऊंचाई पर था। विमान के बाये पंखे इंजन के बीच में मिसाइल दागी गई थी जिसके कारण विमान में आग लग गई। इस अचानक हमले ने उड़ान नियंत्रण प्रणालीके हाइड्रोलिक दबाव को खत्म कर दिया।।लैंडिंग गियर विमान में एक ऐसा उपकरण हैजिसमें बहुत अधिक शक्ति प्रयोग होती है। हाइड्रोलिक दबाव लैंडिंग गियर को ऊपर से नीचे करता है। यह शक्ति हाइड्रोलिक सिस्टम के कारण आती है जिसके कारण विमान तेजी से ऊपर और नीचे हो सकता है। इस समय पायलट ने विमान को धीमा करने के लिए लर्निंग गियर का प्रयोग किया।इसी बीच10 मिनट का समय बीत गया।क्योंकि चालक दल को सिर्फ इंजन की शक्ति का प्रयोग करके ही अपनी विमान को उड़ाना था।10 मिनट में पायलट ने इंजन के मोड की शक्ति पर चढ़ना उतरना और मोड़ना सीख लिया। इस परिस्थिति में पायलट के लिए सबसे उचित यही था कि वह वापस बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंच जाए लेकिन विमान के दुर्घटनाग्रस्त पंखे से ईधन लीक हो रहा था। जिसके कारण पायलट को इंजन पर लगातार नजर रखनी पड़ी। पायलट के इंजन को चालू रखने के लिए पावर ट्रांसपोर्टेशन होना बहुत जरूरी था।इसका मतलब है कि बिजली की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। लेकिन उतरते समय इस विमान ने रास्ता भटकना शुरू कर दिया। जिससे इसे एक बहुत छोटे रनवे पर उतारा गया। लैंडिंग से ठीक पहले विमान थोड़ा हिला लेकिन अंत में विमान ने सेफ लैंडिंग की। विमान की रनवे के सीधे रास्ते पर बने रहने की क्षमता खो गई थी और यह पास में बने टीलों में जाग घुसा। लेकिन कुछ मीटर चलने के बाद विमान रुक गया। ज् इस घटना को एक चमत्कार माना गया। क्योंकि मिसाइल से टकराने के बावजूद भी चालक दल के तीनों सदस्य सही सलामत थे। विमान को बिना हाइड्रॉलिक्स के केवल इंजन की शक्ति पर सही सलामत उतार लिया गया था। बाद में इन तीनों को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। अब सोचने का विषय है कि क्या सच में अज़रबैजान एयरलाइंस रूसी मूल की किसी मिसाइल से टकराई थी।