पाकिस्तान के के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 2024 की शुरुआत से जेल में है इसके विरोध में उनके प्रशंसक काफी लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस समय पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने विरोध प्रदर्शन से जुड़े नागरिकों को 10 साल की सजा सुना दी है। इस फैसले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान की सैन्य अदालतों की निंदा की है। पाकिस्तान की सैन्य अदालतीं सालों से अपनी फसलों के खिलाफ विरोध झेलती आई है इस साल इस बार विरोध स्वदेश से ही नहीं विदेश से भी हो रहा है। पाकिस्तान सैन्य अदालत में प्रदर्शन के दौरान सेना की प्रॉपर्टी पर हमला करने का आरोप लगाकर इन प्रदर्शनकारियों को 10 साल की सजा सुनाई है।
किन देशों ने फैसले के खिलाफ उठाई आवाज
अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि वॉशिंगटन डीसी के लिए यह बहुत चिंता का विषय है कि 9 मई 2023 को पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए सैनिक कोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिकों को सजा सुनाई है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि सैन्य अदालतों में निष्पक्षता का अभाव है। पाकिस्तान में सैन्य अदालतीं नागरिकों पर मुकदमा चलाने में पारदर्शिता नहीं रखती। वहां पर स्वतंत्र जांच का अभाव है और यह निष्पक्षता के अधिकार के भाव को कमजोर करता है। ब्रिटेन ने पाकिस्तान से नागरिक और राजनीतिक विचारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध आईसीपीआर के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की है।
यूरोपीय संघ का इस विषय में बयान आया है कि ये सजायें नागरिक व राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध के तहत पाकिस्तान की प्रतिबंधिताओं से मेल नहीं खाती।
क्या है यह मामला
इमरान खान के समर्थकों ने इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में कई सैनिक ऑफिसों, वाहनों पर हमले किए थे। 2023 में गिरफ्तारी के बाद इमरान खान को कुछ समय के लिए रिहा कर दिया गया था। पर इस समय इमरान खान फिर जेल में है इस समय भी इमरान खान के समर्थक उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। 2 दिन पहले इमरान खान के 25 समर्थकों को सजा सुनाई गई। इसमें 2 साल से 10 साल तक की कैद शामिल है। चौदह प्रदर्शन कारियों को 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई गई। बाकी 11 लोगों को 2 साल से 9 साल की सजा सुनाई गई है
इमरान खान का क्या कहना था
इमरान खान ने अपने समर्थकों से विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रखने के लिए कहा था जब तक उनकी मांगे मांग नही ली जाती।
अमेरिकी भारतीय सांसद मिकी शेरल ने कहा, सेना ने प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या करके छुपाने के किये प्रयास
कहां जा रहा है की सेना ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कारियों की प्रदर्शन के दौरान हत्या की है। हत्या करने के बाद उनकी हत्याओं को छुपा दिया है। एक अमेरिकी भारतीय सांसद मिकी शेरल ने कहा कि सेना के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उनका वीजा बैन होना चाहिए और साथ ही साथ उनकी संपत्ति भी जब्त होनी चाहिए। मिकी शेरल ने कहा कि वह पाकिस्तान में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं से बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग एक जीवंत लोकतंत्र के अधिकारी हैं। लोकतंत्र के अधिकारों में अभिव्यक्ति की आजादी व भाषण की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है।
अमेरिका में हो रहे है पाकिस्तान के प्रदर्शनकार्रियों की रिहाई के लिए प्रयास
अमेरिका में 60 सांसदों ने मिलकर पाकिस्तान में मानवाधिकार और लोकतंत्र का समर्थन करते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने इमरान खान की रिहाई के लिए गुजारिश की थी। अमेरिकी संस्था कार्टर सेंटर ने इस्लामाबाद में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की थी।