ब्रिस्बेन में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला रोमांच से भरपूर रहा। जब भारत ने दिन की शुरुआत 51/4 के स्कोर के साथ की, तो फॉलो-ऑन का खतरा सिर पर मंडरा रहा था। लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप की जोड़ी ने असंभव को संभव कर दिखाया। दोनों ने भारत को 246 के पार पहुंचाया, जिससे ऑस्ट्रेलिया को दोबारा बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा।
हालांकि भारत इस मैच को जीतने की स्थिति में नहीं दिख रहा है, लेकिन टीम का जज्बा और जुझारूपन किसी जीत से कम नहीं है। चौथे दिन का खेल यह दर्शाता है कि मुश्किल परिस्थितियों में भी भारतीय टीम हार नहीं मानती।
बुमराह और आकाशदीप: जब असंभव को मुमकिन बनाया
दिन की शुरुआत में भारत मुश्किल में था। 51/4 के स्कोर के बाद उम्मीदें धुंधली थीं। दिन के दौरान जब नौवां विकेट 213 रन पर गिरा, तब भी फॉलो-ऑन का खतरा बना हुआ था। भारत को अभी भी 33 रन चाहिए थे।
लेकिन यही क्रिकेट का जादू है—नायक वहां से उभरते हैं, जहां से कोई उम्मीद नहीं होती। जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप क्रीज पर उतरे। बुमराह ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंदों पर 10 रन बनाए, जबकि आकाशदीप ने 31 गेंदों पर ताबड़तोड़ 27 रन जड़े। उनकी साझेदारी में 39 रन आए और भारत का स्कोर 252/9 हो गया।
टर्निंग पॉइंट तब आया जब बुमराह ने पैट कमिंस की गेंद पर शानदार छक्का जड़ा। यह देख दर्शकों में जोश आ गया। इसके बाद आकाशदीप ने कमिंस की गेंद को स्लिप के ऊपर से चौके के लिए खेला और भारतीय ड्रेसिंग रूम में जश्न की लहर दौड़ गई। गौतम गंभीर, जो अब तक शांत थे, खुशी से अपनी सीट से उछल पड़े।
विराट कोहली भी अपनी ऊर्जा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने आकाशदीप के छक्के पर प्रतिक्रिया दी, मानो कोई फैन हो। कोहली का चौंका हुआ चेहरा और चौड़ी आंखें देखना दिलचस्प था।
कुछ ही देर बाद खराब रोशनी के कारण खेल रोक दिया गया और फिर दिन का खेल समाप्त घोषित कर दिया गया।
जडेजा और राहुल: नींव रखने का काम
बुमराह और आकाशदीप की संघर्षपूर्ण बल्लेबाजी से पहले रविंद्र जडेजा और केएल राहुल ने टीम के लिए जरूरी नींव रखी थी। पांचवें विकेट के लिए दोनों के बीच 67 रनों की साझेदारी हुई, जिसने टीम को एक लड़ने का मौका दिया।
राहुल, जो रात के स्कोर 33 पर नाबाद थे, उन्हें दिन की पहली गेंद पर जीवनदान मिला। स्टीव स्मिथ, जो आमतौर पर कैच छोड़ते नहीं हैं, ने स्लिप में आसान मौका टपका दिया। राहुल ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सीरीज का अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया।
दूसरी ओर, रविंद्र जडेजा ने अपने हरफनमौला कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। यह उनका सीरीज का पहला टेस्ट था, और उन्होंने 77 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। उनकी पारी में सात चौके और एक छक्का शामिल था।
जडेजा और राहुल की साझेदारी ने भारतीय टीम को मजबूती दी, खासकर तब जब कप्तान रोहित शर्मा मात्र 10 रन बनाकर आउट हो गए।
गंभीर की शांति और कोहली का जोश
भारतीय टीम प्रबंधन की दो अलग-अलग शख्सियतें—गौतम गंभीर और विराट कोहली—ड्रेसिंग रूम में नजर आईं। गंभीर, जो अक्सर शांत और गंभीर दिखते हैं, आकाशदीप के चौके के बाद खुशी से अपनी सीट से कूद पड़े।
वहीं, विराट कोहली हमेशा की तरह ऊर्जा से भरे रहे। आकाशदीप के छक्के पर उनकी प्रतिक्रिया और आक्रामक हाई-फाइव्स यह दर्शा रहे थे कि यह सिर्फ एक रन नहीं, बल्कि भारतीय टीम की जुझारू मानसिकता का प्रतीक था।
आगे का रास्ता: हौसले की मिसाल
भारत अब भी 193 रन पीछे है, और ऑस्ट्रेलिया निश्चित तौर पर दूसरी पारी में बल्लेबाजी करेगा। लेकिन चौथे दिन का खेल सिर्फ स्कोरबोर्ड तक सीमित नहीं है। भारतीय टीम ने जिस तरह का संघर्ष और दृढ़ संकल्प दिखाया है, वह आने वाले मुकाबलों में एक प्रेरणा बनेगा।
यह भारत के लिए केवल फॉलो-ऑन टालने का खेल नहीं था, बल्कि यह टीम की इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। चाहे पांचवें दिन बारिश खेल बिगाड़े या ऑस्ट्रेलिया मैच पर कब्जा जमाए, भारतीय खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि वे आसानी से हार नहीं मानते।
26 दिसंबर से शुरू होने वाले मेलबर्न टेस्ट से पहले, यह प्रदर्शन टीम को नई ऊर्जा और विश्वास देगा। मंगलवार का यह दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में उस संघर्ष की याद दिलाएगा, जब एक टीम मुश्किलों से उबरकर नई उम्मीद लेकर खड़ी हो गई।
यह दिन क्रिकेट के जज्बे, जुनून और भारतीय टीम के अदम्य साहस की कहानी बनकर हमेशा याद किया जाएगा।