अल फतह यूनिवर्सिटी की डा शाहीन के घर से मिले सोने के बिस्कुट 18.5 लाख रुपए,जुड़े पड़ोसी देश से तार 

अल फतह यूनिवर्सिटी की डा शाहीन के घर से मिले सोने के बिस्कुट 18.5 लाख रुपए,जुड़े पड़ोसी देश से तार 

पड़ोसी देश पाकिस्तान के तार अल फतह यूनिवर्सिटी की डॉक्टर शाहीन से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं। डॉक्टर शाहीन के घर की तलाशी लेने पर कुछ ऐसा मिला जिससे कि पता चला है कि डॉक्टर शाहीन पड़ोसी देश के लोगों से बातचीत के जरिए जुड़ी हुई थी। बहुत जल्दी ही वह पाकिस्तानी हैंडलर से मिलने वाली थी डॉक्टर शाहीन के कमरे से क्या मिला है आइए जानते हैं। 

डॉक्टर शाहीन के तार जुड़े पड़ोसी देश पाकिस्तान से 

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार डॉक्टर शाहीन खाड़ी देश में जाकर पाकिस्तानी हैंडलर से मिलने वाली थी। डॉक्टर शाहीन ने दिल्ली ब्लास्ट से 7 दिन पहले ही अपना पासपोर्ट वेरिफिकेशन कराया था। लेकिन वेरिफिकेशन में गड़बड़ी होने के कारण वह अपना पासपोर्ट वेरीफाई नहीं करवा पाई थी जिसके कारण वह विदेश नहीं जा पाई। उसका प्लान दिल्ली बम विस्फोट से पहले ही विदेश भाग जाना था। अपने पासपोर्ट में शाहीन ने तीन बार एड्रेस भी चेंज कराया था वह भी कुछ ही सालों के अंतराल में। 

शाहीन को विदेश में रहना था पसंद 

शाहीन के पहले पति से बात करने पर पता चला है कि उसने उसे डिवोर्स भी सिर्फ इसलिए दिया था क्योंकि वह विदेश में रहना चाहती थी। डॉक्टर शाहीन साल 2018 से 2024 तक सऊदी अरब में रही थी। इसी दौरान उसने बहरीन, कुवैत ओमान, कतर जैसे देशों की यात्राएं भी की थी।

अपने एड्रेस में डॉक्टर शाहीन ने बदला तीन बार पता 

डॉक्टर शाहीन का पासपोर्ट कानपुर का है 2006 से 2013 तक वह कानपुर में थी। सबसे पहले उसने अपने पासपोर्ट में लखनऊ का एड्रेस बदलवाया था। 2021 में जब उसने अल फतह यूनिवर्सिटी में काम करना शुरू किया तो उसने वहां का एड्रेस डलवाया था। और यहीं पर उसके पासपोर्ट की वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पाई गई उसने अपना एड्रेस धौज स्थित अल फतह यूनिवर्सिटी कैंपस ब्लॉक 15 फ्लैट नंबर 32 लिखवाया था। जब पुलिस ने उसके एड्रेस के वेरिफिकेशन के लिए फोन किया तो वह वहां नहीं पहुंची इस पर पुलिस ने वेरीफिकेशन रिपोर्ट को आगे नहीं बढ़ाया।

क्या डॉक्टर शाहीन को आतंकी संगठन कर रहे थे फंडिंग?

डॉक्टर शाहीन के कमरे से साढ़े 18 लाख रुपए मिले हैं। डॉक्टर शाहीन के फ्लैट नंबर 32 में एक डिजिटल लॉकर था। जिसे खोलना एनआईए की टीम के लिए भी संभव नहीं हो पाया, जब डॉक्टर शाहीन से लाकर को खुलवाया गया तो उसमें कई पैकेट मिले। इन पैकेट को खोलने पर उनमें 500 के नोट थे। सभी पैकेट को मिलाकर साडे 18 लाख रुपए थे।डॉक्टर शाहीन के पास से सोने के दो बिस्कुट मिले और कुछ गहने भी प्राप्त हुए। साथ ही साथ उसके पास से सऊदी अरब की करेंसी भी प्राप्त हुई। जिससे अभी तक यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि डॉक्टर शाहीन का आतंकी गतिविधियों में संलग्न होना सऊदी अरब में उसके निवास के समय ही हुआ।

 उसे आतंकी संगठन सपोर्ट कर रहे थे आतंकी संगठनों के द्वारा ही उसे पैसा और सुविधाएं प्रदान की जा रही थी। डॉक्टर शाहीन के बैंक खाते का तीन एनजीओ के साथ ट्रांजैक्शन भी मिला है अब इसकी भी जांच की जा रही है । 

डॉक्टर शाहीन साल 2018 से 2024 तक रही थी सऊदी अरब में 

डॉक्टर शाहीन 2018 से 2024 तक सऊदी अरब में रही थी वहां पर उसने विभिन्न मुस्लिम देशों की यात्राएं की थी। अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां किन देशों में और वह किन लोगों से मिली इस विषय की जांच कर रही है। उसने अपना पता भी बदला था जो की खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया गया था।

 

डॉ शाहीन की का र से मिले थे अत्याधुनिक हथियार 

जब फरीदाबाद पुलिस ने डॉक्टर शाहीन से उस की कार की चाबी मांगी तो उसने कहा वह कहीं खो गई है फिर जब उसके फ्लैट की तलाशी ली गई तो उसकी कार की चाबी वही मिली। कार की तलाशी लेने पर पुलिस ने एक क्रिनकॉव एसॉल्ट राइफल और एक विदेशी पिस्तौल बरामद की ।क्रिनकॉव एसॉल्ट एक ऐसी राइफल है जो देखने में छोटी लगती है लेकिन यह हल्की और छोटी होती है और काम जगह पर भी आसानी से फिट हो सकती है।

 

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