अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद 12 जून, 2025 को एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच के बिना पायलट के आदेश के कट-ऑफ होने की संभावना की जांच की जा रही है। इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 241 यात्री विमान में सवार थे।
घटना की पृष्ठभूमि
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद लगभग 47 सेकंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह दुर्घटना तकनीकी खामियों और स्वचालित नियंत्रण प्रणालियों में संभावित त्रुटियों की ओर इशारा करती है, जो जांच के केंद्र में हैं।
ईंधन नियंत्रण स्विच और तकनीकी खामियां
जांच में यह जांचा जा रहा है कि क्या ईंधन नियंत्रण स्विच बिना किसी आदेश के ‘कट-ऑफ’ मोड में चला गया। अधिकारियों के अनुसार, विमान के स्वचालित नियंत्रण में एक अनियंत्रित बदलाव हो सकता है, जिसके कारण ईंधन की आपूर्ति कट गई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान के पिछले उड़ानों के डेटा के अनुसार, उड़ान भरने से पहले कुछ तकनीकी खराबियां दर्ज की गई थीं, जैसे कि ‘स्टेबलाइज़र पोजीशन ट्रांसड्यूसर डिफेक्ट’। यह सेंसर विमान की ऊंचाई और नीचे की गति को नियंत्रित करता है, और इसके विफल होने से फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है।
पिछली घटनाएं और सुरक्षा संबंधित मुद्दे
इससे पहले, एयर इंडिया के इस विमान में दो प्रमुख घटनाएं दर्ज की गई थीं। दिसंबर 2024 में, अहमदाबाद से लंदन के लिए निर्धारित AI-171 उड़ान में एक बड़े इलेक्ट्रिकल फेल्योर के कारण उड़ान रद्द कर दी गई थी। इसके अलावा, एक और घटना 2015 में हुई थी, जब केबिन एयर कंप्रेसर (CAC) में अचानक समस्या के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।
ईंधन स्विच के साथ हुई गड़बड़ी
AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो) द्वारा जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में यह सामने आया कि पायलटों के बीच हुई बातचीत में एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि “आपने ईंधन क्यों कट किया?” और दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या ईंधन नियंत्रण स्विच बिना किसी आदेश के ‘कट-ऑफ’ मोड में चला गया।
फ्लाइट डेटा और सेफ्टी सिस्टम की जांच
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) ने केवल उस डेटा को रिकॉर्ड किया है जो सेंसर और नियंत्रण प्रणालियों ने भेजा था, न कि स्विच की शारीरिक स्थिति को। इस जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या एफएडीईसी (फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल) सिस्टम में कोई गड़बड़ी हुई, जिससे अनियंत्रित गतिविधियाँ उत्पन्न हुईं।
विमान के इंजीनियरिंग और सॉफ़्टवेयर सिस्टम की गहरी जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या तकनीकी खामियां दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं।
लोन उत्तरजीवी का बयान और घटनाओं की सटीकता
इस दुर्घटना के एकमात्र उत्तरजीवी, विश्वाशकुमार रमेश ने 40 सेकंड के उड़ान अनुभव को एक बड़े विस्फोट और विमान के अचानक रुकने के रूप में वर्णित किया। उनके अनुसार, पायलटों ने थ्रस्ट रीकवरी करने की कोशिश की थी, लेकिन ऊंचाई की कमी के कारण यह प्रयास विफल हो गया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
निष्कर्ष: तकनीकी खामियों और अनियंत्रित क्रियाओं की जांच
जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या तकनीकी खामियां और स्विच की अनियंत्रित स्थिति दुर्घटना के मुख्य कारण हैं। इस जांच के परिणाम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।