बुधवार, 21 अगस्त, 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हाल ही में हुए कथिततौर पर बलात्कार और हत्या के विरोध में एक रैली के दौरान डॉक्टर नारे लगाते हुए।
पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को आर जी कर अस्पताल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया। जूनियर डॉक्टरों की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने सरकारी अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम ने बताया कि उनकी मांग के अनुसार, आर जी कार अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को भी उस पद से हटा दिया गया है, जिन्हें कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्राचार्य के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बुधवार शाम जारी आदेश के अनुसार, आरजी कर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) बुलबुल मुखोपाध्याय के स्थान पर तत्काल प्रभाव से सप्तर्षि चटर्जी को नियुक्त किया गया है।
इसमें कहा गया है कि मानस कुमार बंदोपाध्याय को आरजीकेएमसीएच का नया प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है, जो सुहृता पॉल का स्थान लेंगे, जिन्हें बारासात सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का प्रिंसिपल बनाया गया है।
आदेश के अनुसार, आरजीकेएमसीएच के चेस्ट मेडिसिन विभाग के प्रमुख अरुणाभ दत्ता चौधरी को मालदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
निगम ने संवाददाताओं से कहा, “जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार हम कुछ बदलाव ला रहे हैं, जिस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम चाहते हैं कि सामान्य स्थिति बहाल हो और स्वास्थ्य सेवाएं नियमित हों। सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।”
आरजीकेएमसीएच के जूनियर डॉक्टर 9 अगस्त की शाम से ही काम बंद रखे हुए हैं। वे महिला चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और उसके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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