महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी को उनके विवादास्पद बयान के कारण निलंबित कर दिया गया। उन्होंने मुगल शासक औरंगज़ेब को लेकर एक टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई। हालांकि, आज़मी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने केवल इतिहासकारों और लेखकों की लिखी बातों को दोहराया है।
औरंगज़ेब पर टिप्पणी से विवाद की आग भड़की
अबू आज़मी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि भारत औरंगज़ेब के शासनकाल में फला-फूला। उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगज़ेब सिर्फ एक कठोर शासक नहीं था, बल्कि एक महान प्रशासक भी था, जिसने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। उनके इस बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई और भाजपा समेत कई दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की। महाराष्ट्र सरकार ने उनके इस बयान को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र के अंत तक निलंबित कर दिया।
अबू आज़मी ने निलंबन को बताया अन्याय
निलंबन के बाद अबू आज़मी ने इसे न केवल अपने लिए, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए अन्याय बताया, जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“मुझे विधानसभा से निलंबित करना केवल मेरा ही नहीं, बल्कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लाखों मतदाताओं का अपमान है। क्या महाराष्ट्र में दो तरह के कानून लागू होते हैं? एक मेरे लिए और दूसरा भाजपा विधायकों के लिए?”
इतिहास के आधार पर दी गई सफाई
अबू आज़मी ने बाद में अपने बयान के लिए माफी भी मांगी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने वही कहा जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है। उनका इरादा किसी भी तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज या उनके पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करना नहीं था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया ‘गद्दार’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अबू आज़मी की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया। उन्होंने कहा,
“अबू आज़मी को विधानसभा में बैठने का कोई हक नहीं है। वह हमेशा से छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान करते रहे हैं।”
आज़मी के खिलाफ FIR दर्ज
अबू आज़मी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और मानहानि के आरोप में FIR दर्ज की गई है। उनके बयान को लेकर महाराष्ट्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
समाजवादी पार्टी ने किया बचाव, बीजेपी पर साधा निशाना
अबू आज़मी के निलंबन के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए इसे ‘सच्चाई को दबाने की साजिश’ करार दिया। उन्होंने X पर लिखा,
“अगर निलंबन विचारधारा के आधार पर होने लगे, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दमन में क्या फर्क रहेगा? हमारे विधायक और सांसद बेखौफ होते हैं और उनकी सोच बेमिसाल है। अगर कोई सोचता है कि निलंबन से सच दब जाएगा, तो यह उनकी नकारात्मक सोच की अपरिपक्वता को दर्शाता है।”
निष्कर्ष
अबू आज़मी का यह विवाद न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ले आया है, बल्कि देशभर में इसकी गूंज सुनाई दे रही है। भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच यह मुद्दा तूल पकड़ चुका है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि क्या अबू आज़मी का यह बयान उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करेगा या यह सिर्फ एक अस्थायी राजनीतिक विवाद बनकर रह जाएगा।