Saturday, July 19, 2025
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यू.एस. NTSB चेयरमैन ने एयर इंडिया क्रैश पर मीडिया रिपोर्ट्स को ‘पूर्वाग्रही और जल्दबाज़ी में’ बताया

18 जुलाई 2025 को, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के चेयरमैन, जेनिफर होमेंडी ने एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर क्रैश से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को ‘पूर्वाग्रही और जल्दबाज़ी में’ बताया। यह हादसा 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में हुआ था, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। मीडिया ने विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच के बंद होने के कारणों पर अटकलबाजियां शुरू कर दी थीं, लेकिन होमेंडी ने जोर देकर कहा कि इस तरह के बड़े हादसों की जांच में समय लगता है और जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचना गलत है।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट:

12 जुलाई 2025 को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में, एयर इंडिया क्रैश के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए थे। इसमें बताया गया था कि क्रैश से ठीक पहले कॉकपिट में कुछ भ्रम था और इसने महत्वपूर्ण ईंधन नियंत्रण स्विच के बारे में नए सवाल खड़े किए थे। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया था कि विमान के ईंधन स्विच ‘कॉट-ऑफ’ मोड में चले गए थे, जिससे क्रैश हो सकता है। हालांकि, इस मामले पर और अधिक जांच की जरूरत है, और मीडिया द्वारा दी गई जानकारी को केवल एक संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।

मीडिया और जनता से आग्रह:

NTSB और AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) दोनों ने मीडिया से अपील की है कि वे बिना पुष्टि किए निष्कर्षों पर ना पहुंचें। AAIB ने एक सार्वजनिक अपील जारी की जिसमें कहा गया कि “चयनात्मक और अविश्वसनीय रिपोर्टिंग” से बचने की आवश्यकता है। AAIB ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समय भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा पर बेमानी बातें फैलाने का नहीं है, और उन्होंने जनता से भी आग्रह किया कि वे बिना तथ्यों के आधार पर डर पैदा करने वाली बातें न फैलाएं।

AAIB ने यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल यह पता लगाना है कि “क्या हुआ” और न कि कारणों पर जल्दबाजी से निष्कर्ष पर पहुंचना। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह बहुत जल्दबाजी होगी अगर हम किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचें और पूरा निष्कर्ष सिर्फ जांच पूरी होने के बाद ही जारी किया जाएगा।

ईंधन नियंत्रण स्विच की स्थिति:

मीडिया में जो सबसे बड़ा सवाल उठाया गया था, वह था ईंधन नियंत्रण स्विच का स्थिति। प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया था कि कॉकपिट में भ्रम था और यह संदेह जताया गया था कि ईंधन स्विच ‘कॉट-ऑफ’ मोड में चले गए थे। NTSB के चेयरमैन जेनिफर होमेंडी ने इस पर बयान दिया कि यह जांच का हिस्सा है और इसके परिणामों पर जल्दबाजी से कोई निष्कर्ष पर पहुंचना गलत होगा।

जांचकर्ताओं का कहना है कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह कोई इलेक्ट्रिकल फेल्योर था या सॉफ़्टवेयर बग के कारण हुआ था। इसके अलावा, जांचकर्ताओं का यह भी कहना है कि विमान के अन्य हिस्सों में कोई गलती नहीं हो सकती जो इस हादसे का कारण बनी हो, लेकिन सभी परिकल्पनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।

AAIB और NTSB की भूमिका:

AAIB ने अपनी जांच प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बताया और न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में विमानन सुरक्षा की दिशा में सुधार की आवश्यकता की बात की। NTSB ने भी AAIB के प्रयासों का समर्थन किया और पुष्टि की कि वे सभी जांच में सहयोग करेंगे। होमेंडी ने कहा, “इस तरह के बड़े हादसों में समय लगता है, और हम AAIB की जांच का समर्थन जारी रखेंगे।”

मीडिया रिपोर्ट्स की आलोचना:

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि ईंधन स्विच की स्थिति से ही विमान का क्रैश हुआ था, लेकिन AAIB और NTSB ने इन रिपोर्ट्स को बहुत जल्दबाजी में और गलत माना। होमेंडी ने इस पर अपनी चिंता जताते हुए कहा, “जांच में समय लगता है, और मीडिया के बिना सत्यापन के निष्कर्षों को फैलाने से बचना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इससे जांच की प्रक्रिया में हस्तक्षेप हो सकता है और इससे जांच की अखंडता को खतरा हो सकता है।

शुरुआत से अब तक की जांच:

जब से इस हादसे की रिपोर्ट सामने आई है, कई मीडिया स्रोतों ने ईंधन नियंत्रण स्विच और कॉकपिट की स्थिति पर अटकलबाजी शुरू कर दी थी। हालांकि, AAIB ने अब तक यह स्पष्ट किया है कि वे केवल यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हुआ था और जांच को बिना किसी जल्दबाजी के पूरा करेंगे। उनकी प्राथमिकता यह है कि इस हादसे के कारणों का सही तरीके से विश्लेषण किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सारांश:

यह स्पष्ट है कि एयर इंडिया क्रैश की जांच के परिणामों का इंतजार करना चाहिए। NTSB और AAIB दोनों की तरफ से यह संदेश दिया गया है कि यह समय जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचने का नहीं है। मीडिया और जनता को बिना सत्यापित जानकारी पर विश्वास करने से बचना चाहिए। पूरी जांच के बाद ही इस हादसे के कारणों का पता चलेगा और इसके बाद कोई ठोस निष्कर्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

FAQs:

  1. एयर इंडिया क्रैश के कारण क्या थे?

    • अभी तक जांच चल रही है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉकपिट में भ्रम और ईंधन स्विच के कट-ऑफ मोड में जाने की संभावना जताई गई है।

  2. NTSB की भूमिका क्या है?

    • NTSB जांच में AAIB की सहायता कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए जांच को पूरा कर रहा है।

  3. मीडिया रिपोर्ट्स क्यों आलोचना की जा रही हैं?

    • मीडिया ने जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचते हुए बिना सत्यापित तथ्यों के रिपोर्टिंग की, जिससे जांच की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

  4. पूरी जांच कब पूरी होगी?

    • पूरी जांच तब तक नहीं पूरी होगी जब तक सभी तथ्यों का विश्लेषण और अंतिम रिपोर्ट तैयार नहीं हो जाती।

निष्कर्ष:

एयर इंडिया क्रैश ने कई सवाल खड़े किए हैं और इसकी जांच बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, मीडिया और जनता को जांच के अंतिम निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए और बिना प्रमाणित जानकारी पर विश्वास करने से बचना चाहिए। जांच पूरी होने के बाद ही इस हादसे के कारणों का सही-सही खुलासा होगा, और इससे भविष्य में सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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