भारत बंद ने आज देशभर में कई जगहों पर असमंजस पैदा किया है, खासकर पश्चिम बंगाल में, जहाँ सुबह से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह हड़ताल व्यापारिक संगठनों और वामपंथी पार्टियों द्वारा की जा रही है, जो सरकार की श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ विरोध जता रहे हैं।
कोलकाता में विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन सुबह 6 बजे से कोलकाता में शुरू हुआ, जहाँ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। वामपंथी पार्टियों के ट्रेड यूनियन्स इस विरोध में सबसे आगे हैं, जो सरकार की नीतियों को श्रमिक वर्ग, किसानों और सार्वजनिक कल्याण के खिलाफ मानते हैं। खासकर जादवपुर, डायमंड हार्बर और श्यामनगर जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
प्रमुख घटनाएँ:
-
रेल पटरियाँ अवरुद्ध: प्रदर्शनकारियों ने पूर्व रेलवे के सियालदह डिवीजन की प्रमुख रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिनमें डायमंड हार्बर, जादवपुर और श्यामनगर शामिल हैं।
-
पैदल मार्च: जादवपुर में प्रदर्शनकारियों ने पैदल मार्च किया, जबकि इस इलाके में पुलिस की अतिरिक्त तैनाती की गई थी, खासकर जादवपुर 8B बस स्टैंड के पास।
-
आग लगने की घटना: कुछ स्थानों पर, कोलकाता पुलिस को प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाई गई आग को बुझाते हुए देखा गया। हालांकि, बसें जारी रहीं, और सुरक्षा उपायों के तहत निजी और राज्य-चालित बसें चलती रहीं।
परिवहन और दैनिक जीवन:
-
बस सेवा का संचालन: प्रदर्शन के बावजूद, निजी और सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही थीं, और ड्राइवर सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनकर काम पर जा रहे थे।
-
सरकारी सहायता: पश्चिम बंगाल सरकार, जो तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा शासित है, ने अपने कर्मचारियों को काम पर उपस्थित होने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने लोगों की यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है।
राज्य के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन:
राज्य के अन्य क्षेत्रों जैसे जलपाईगुड़ी, आसनसोल और बांकुड़ा में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध करने की कोशिश की। ये सभी विरोध प्रदर्शन 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए हैं, जो सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ हैं, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, और संविदा कार्यों का बढ़ता चलन शामिल है।
पश्चिम बंगाल सरकार का बयान:
TMC सरकार ने भारत बंद के खिलाफ विरोध किया है, यह कहते हुए कि इससे मानव संसाधनों का नुकसान होता है और लोगों को परेशानियाँ होती हैं। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि दैनिक जीवन सामान्य रूप से चले, जिसके लिए अतिरिक्त परिवहन व्यवस्था की गई है।
भारत बंद के कारण:
अनाड़ी साहू, पश्चिम बंगाल CITU के अध्यक्ष के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
-
उदारीकरण नीतियाँ: निजीकरण और उदारीकरण की नीतियाँ आम जनता के खिलाफ हैं।
-
महंगाई: रोजमर्रा की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने जनता को मुश्किल में डाल दिया है।
-
बेरोजगारी और रोजगार की असुरक्षा: सरकारी नीतियों के चलते रोजगार की स्थिति बिगड़ी है और संविदा कर्मचारियों का विस्तार हो रहा है।
इस विरोध में भाग लेने वाली प्रमुख ट्रेड यूनियनें:
-
कांग्रेस की INTUC
-
AITUC (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस)
-
HMS (हिंद मजदूर सभा)
-
CITU (सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स)
-
SEWA (स्व-रोजगार महिला संघ)
-
AICCTU (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स)
इस प्रकार, भारत बंद ने जहां एक ओर बड़े पैमाने पर यातायात और व्यावसायिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, वहीं TMC सरकार ने पूरे राज्य में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। यह विरोध प्रदर्शन सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियनों और आम लोगों की बढ़ती असंतोष को दर्शाता है।