Monday, June 30, 2025
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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: निर्मला सीतारमण ने दिए सकारात्मक संकेत

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: निर्मला सीतारमण ने दिए सकारात्मक संकेत,नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच एक बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता जल्द ही साकार हो सकता है।

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दिशा में आशाजनक संकेत देते हुए कहा कि भारत एक “बड़ा, अच्छा और सुंदर समझौता” करने के लिए तैयार है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका द्वारा दी गई 90 दिनों की टैरिफ छूट अवधि 9 जुलाई को समाप्त होने वाली है।

अमेरिका की टैरिफ नीति और भारत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान “रिसिप्रोकल टैरिफ” यानी पारस्परिक शुल्क प्रणाली की बात जोर-शोर से उठाई थी। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि भारत अमेरिका पर 100% से भी अधिक टैरिफ लगा रहा है। इसके चलते अमेरिका ने 25 अप्रैल को सभी देशों को 90 दिनों की राहत दी, जिसमें 10% टैरिफ की छूट शामिल थी। यह अवधि अब समाप्ति की ओर है।

9 जुलाई को यह टैरिफ  की अवधि समाप्त हो जाएगी इसके लिए भी कल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हम चाहे तो इस अवधि को काम भी कर सकते हैं और हम चाहे तो यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इसी विषय में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बात रखी है।

भारत की प्राथमिकता – किसान और पशुपालक हित में सौदा

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका के संभावित व्यापार समझौते में भारतीय किसानों और पशुपालकों के सर्वोत्तम हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम ऐसी डील करना चाहते हैं जो भारत की कृषि और डेयरी सेक्टर की सीमाओं और जरूरतों को ध्यान में रखे।”

भारत अमेरिका के लिए खोलेगा बाजार

उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ एक अंतरिम द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत अपने बाजारों को खोलने के लिए तैयार है। लेकिन यह समझौता भारत की 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की रणनीति के अनुरूप ही होगा।

कृषि और डेयरी – ‘रेड लाइन’ क्षेत्र

सीतारमण ने कृषि और डेयरी सेक्टर को ‘रेड लाइन’ करार दिया और कहा कि इन क्षेत्रों को अमेरिका के साथ बातचीत में खास सतर्कता के साथ रखा गया है। “इन संवेदनशील क्षेत्रों में हम कोई भी समझौता सोच-समझकर करेंगे,” उन्होंने स्पष्ट किया।

निजी निवेश और आर्थिक संकेतक

निजी क्षेत्र में बढ़ रहा है निवेश

वित्त मंत्री ने निजी निवेश में सुधार के संकेतों का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले छह महीनों में निजी निवेश में विस्तार हुआ है। कंपनियों के पास सरप्लस कैश है और वे अब निष्क्रिय नहीं बैठी हैं।” उन्होंने इस बदलाव को आर्थिक पुनरुद्धार का संकेत बताया।

शहरी मंदी को खत्म करने की योजना

सीतारमण ने बताया कि सरकार शहरी क्षेत्रों में मंदी की स्थिति को दूर करने के लिए विशेष योजनाएं बना रही है। उन्होंने अप्रैल से उपभोक्ता भावना में सुधार के संकेतों को रेखांकित किया और आयकर राहत की सराहना की।

परमाणु ऊर्जा और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठा रही है। इसके साथ ही बैंकिंग सेक्टर को बेहतर स्थिति में लाने के प्रयास भी चल रहे हैं।

जीएसटी में संभावित राहत

निर्मला सीतारमण ने इशारा किया कि जीएसटी की दरें मौजूदा स्तर से कम की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि 8 वर्षों बाद अब टैक्स स्लैब और दरों के पुनर्गठन पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही माल निर्यात को और समर्थन देने की भी योजना है।

उन्होंने जीएसटी काउंसिल से अपील की कि अब एक ऐसा कर ढांचा तैयार किया जाए जो सरल हो और अनुपालन में आसान हो।

निष्कर्ष:

+ 9 जुलाई को समाप्त हो रही है अमेरिका की टैरिफ छूट

*किसानों और पशुपालकों के हित होंगे सुरक्षित

* कृषि व डेयरी को बताया गया “रेड लाइन”

* निजी निवेश में दिख रहा है सकारात्मक बदलाव

* जीएसटी दरें घटने के संकेत

* परमाणु ऊर्जा में मिलेगा निजी निवेश को बढ़ावा

भारत की वित्त मंत्री के इन बयानों से स्पष्ट है कि भारत अमेरिका के साथ समझौते के लिए न केवल तैयार है, बल्कि उसे रणनीतिक रूप से भारतीय हितों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ाया जाएगा। साथ ही आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार कई स्तरों पर सक्रिय दिखाई दे रही है।भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के रास्ते पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

 

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